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44 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन? हिमाचल में हुए इन दर्दनाक हादसों को कभी नहीं भूल सकती 'देवभूमि'

प्रदेश में सड़क हादसे हजारों लोगों की जान लील रहे हैं. हिमाचल में सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ता ग्राफ चिंता का विषय है.

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Published : Jun 21, 2019, 12:13 PM IST

Updated : Jun 23, 2019, 8:40 AM IST

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शिमला: हिमाचल प्रदेश में सड़क हादसे हजारों लोगों की जान लील रहे हैं. इन हादसों के तुरंत बाद मामले की मजिस्ट्रियल जांच तो होती है, लेकिन सबक कोई नहीं लिया जाता. हिमाचल में सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ता ग्राफ चिंता का विषय है.

कुल्लू बस हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया है. गुरुवार को हुई इस हादसे में 44 लोग मारे गए हैं. बंजार से गाड़ागुसैणी के लिए निकली बस 500 फीट गहरी खाई में जा गिरी. 42 सीटर बस में करीब 80 से अधिक लोग सवार थे.

स्पेशल रिपोर्ट

ओवरलोडिंग और चालक की लापरवाही को हादसे का कारण बताया जा रहा है, लेकिन सरकार की अनदेखी भी इसे पीछे एक वजह है. ग्रामीण क्षेत्रों के लिए पर्याप्त बस सर्विस न होने के कारण अक्सर लोग ओवरलोडिड बसों पर सफर करने को मजबूर होते हैं और ज्यादा कमाई के चक्कर में निजी बस ऑपरेटर्स ओवरलोडिंग करके लोगों की जिंदगियों को खतरे में डालते हैं.

ये भी पढे़ं-कुल्लू बस हादसे पर CM जयराम ने जताया दुख, मजिस्ट्रियल जांच के दिए आदेश

इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश में चिन्हित ब्लैक स्पॉट पर हादसों को अंकुश लगाने के लिए भी अभी तक कोई खास काम नहीं किया गया है. कुल्लू बस हादसे वाले स्पॉट में सड़क किनारे पैरापिट भी नहीं था. ऐसे में कई सवाल उठना लाजमी है.

हिमाचल में हुआ ये पहला हादसा नहीं है. सड़क हादसों में हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. प्रदेश में लोगों ने ऐसे ही कुछ हादसों में अपनों को खोया है. लेकिन कुछ दिनों की जांच के बाद भविष्य के लिए कोई कदम नहीं उठाए जाते हैं.

नूरपुर बस हादसा
9 अप्रैल 2018 को हर हिमाचली की आंख नम थी. नूरपुर में स्कूल बस हादसे ने 23 बच्चों समेत 27 लोगों की जिंदगियां लील थी. इस मामले की अभी भी जांच चल रही है और पीड़ित परिजनों को ये हादसा कभी न भूल देने वाला गम दे गया है.

major accidents in himachal
नूरपुर बस हादसा (फाइल फोटो)

गुम्मा में बस खाई में गिरने से 45 की मौत
हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के गुम्मा में 20 अप्रैल 2017 को हुए हादसे में 45 लोगों की जान गई थी. हादसा इतना भयानक था कि टौंस नदी लाशों से भर गई थी. कुछ देर के लिए नदी का पानी भी लाल हो गया हादसे में सिर्फ दो ही जिंदा बच सके थे. हादसे का कारण तकनीकी खामी दुर्घटना की वजह मानी जा रही है.

ये भी पढे़ं-कुल्लू बस हादसा: घायलों ने लगाया चालक पर आरोप, बस को बचाने की नहीं की गई कोशिश

बिंद्रावणी में 17 की मौत
मंडी के बिंद्रावणी में 5 नवंबर 2016 को एक निजी बस अनियंत्रित होकर ब्यास में जा गिरी. इस हादसे में 17 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 26 लोग घायल हुए थे.

चंबा में बस गिरने से 14 की मौत
मई 2016 में चंबा में बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. इस हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई थी.

major accidents in himachal
चंबा बस हादसा (फाइल फोटो)

कुल्लू में नदी बहे 31 लोग
साल 2015 के जुलाई महीने में पंजाब के बरनाला से हिमाचल के मणिकर्ण घूमने आए टूरिस्ट पार्वती नदी में बह गए. हादसा मणिकर्ण घाटी के तरसाड़ी के पास हुआ. हादसा का कारण तंग सड़क और सड़क किनारे पैरापिट न होना था. इस हादसे में 31 लोग नदी में बह गए थे, जिनमें से करीब 5 लोगों के शव नहीं मिल पाए थे.

ये भी पढे़ं-कुल्लू बस हादसा: सरकार देती ध्यान, बच जाती 44 लोगों की जान

सिरमौर में 21 की मौत
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला के ददाहू टिक्कर संपर्क मार्ग पर निजी बस खाई में गिर गई थी. ये हादसा 27 दिसंबर 2013 में हुआ था. इस हादसे में 21 लोगों की मौत हो गई थी.

चंबा में दर्दनाक हादसे में 52 की मौत
11 अगस्त 2011 को चंबा जिले में गागला के पास एक निजी बस के खाई में गिरने से 52 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि 40 घायल हो गए. हादसा इतना भीषण था कि 40 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 12 ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. बस दुलाड़ा से चंबा की ओर आ रही थी. जांच में सामने आया था कि चलती बस के अगले दोनों पहिये निकल गए, जिससे यह 200 फीट गहरी खाई में जा गिरी. बस में 92 लोग सवार थे.

ये भी पढे़ं-हिमाचल में नहीं थम रहे सड़क हादसे, एक दशक में इतने अनमोल जीवन बने काल का ग्रास

शिमला: हिमाचल प्रदेश में सड़क हादसे हजारों लोगों की जान लील रहे हैं. इन हादसों के तुरंत बाद मामले की मजिस्ट्रियल जांच तो होती है, लेकिन सबक कोई नहीं लिया जाता. हिमाचल में सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ता ग्राफ चिंता का विषय है.

कुल्लू बस हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया है. गुरुवार को हुई इस हादसे में 44 लोग मारे गए हैं. बंजार से गाड़ागुसैणी के लिए निकली बस 500 फीट गहरी खाई में जा गिरी. 42 सीटर बस में करीब 80 से अधिक लोग सवार थे.

स्पेशल रिपोर्ट

ओवरलोडिंग और चालक की लापरवाही को हादसे का कारण बताया जा रहा है, लेकिन सरकार की अनदेखी भी इसे पीछे एक वजह है. ग्रामीण क्षेत्रों के लिए पर्याप्त बस सर्विस न होने के कारण अक्सर लोग ओवरलोडिड बसों पर सफर करने को मजबूर होते हैं और ज्यादा कमाई के चक्कर में निजी बस ऑपरेटर्स ओवरलोडिंग करके लोगों की जिंदगियों को खतरे में डालते हैं.

ये भी पढे़ं-कुल्लू बस हादसे पर CM जयराम ने जताया दुख, मजिस्ट्रियल जांच के दिए आदेश

इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश में चिन्हित ब्लैक स्पॉट पर हादसों को अंकुश लगाने के लिए भी अभी तक कोई खास काम नहीं किया गया है. कुल्लू बस हादसे वाले स्पॉट में सड़क किनारे पैरापिट भी नहीं था. ऐसे में कई सवाल उठना लाजमी है.

हिमाचल में हुआ ये पहला हादसा नहीं है. सड़क हादसों में हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. प्रदेश में लोगों ने ऐसे ही कुछ हादसों में अपनों को खोया है. लेकिन कुछ दिनों की जांच के बाद भविष्य के लिए कोई कदम नहीं उठाए जाते हैं.

नूरपुर बस हादसा
9 अप्रैल 2018 को हर हिमाचली की आंख नम थी. नूरपुर में स्कूल बस हादसे ने 23 बच्चों समेत 27 लोगों की जिंदगियां लील थी. इस मामले की अभी भी जांच चल रही है और पीड़ित परिजनों को ये हादसा कभी न भूल देने वाला गम दे गया है.

major accidents in himachal
नूरपुर बस हादसा (फाइल फोटो)

गुम्मा में बस खाई में गिरने से 45 की मौत
हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के गुम्मा में 20 अप्रैल 2017 को हुए हादसे में 45 लोगों की जान गई थी. हादसा इतना भयानक था कि टौंस नदी लाशों से भर गई थी. कुछ देर के लिए नदी का पानी भी लाल हो गया हादसे में सिर्फ दो ही जिंदा बच सके थे. हादसे का कारण तकनीकी खामी दुर्घटना की वजह मानी जा रही है.

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बिंद्रावणी में 17 की मौत
मंडी के बिंद्रावणी में 5 नवंबर 2016 को एक निजी बस अनियंत्रित होकर ब्यास में जा गिरी. इस हादसे में 17 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 26 लोग घायल हुए थे.

चंबा में बस गिरने से 14 की मौत
मई 2016 में चंबा में बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. इस हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई थी.

major accidents in himachal
चंबा बस हादसा (फाइल फोटो)

कुल्लू में नदी बहे 31 लोग
साल 2015 के जुलाई महीने में पंजाब के बरनाला से हिमाचल के मणिकर्ण घूमने आए टूरिस्ट पार्वती नदी में बह गए. हादसा मणिकर्ण घाटी के तरसाड़ी के पास हुआ. हादसा का कारण तंग सड़क और सड़क किनारे पैरापिट न होना था. इस हादसे में 31 लोग नदी में बह गए थे, जिनमें से करीब 5 लोगों के शव नहीं मिल पाए थे.

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सिरमौर में 21 की मौत
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला के ददाहू टिक्कर संपर्क मार्ग पर निजी बस खाई में गिर गई थी. ये हादसा 27 दिसंबर 2013 में हुआ था. इस हादसे में 21 लोगों की मौत हो गई थी.

चंबा में दर्दनाक हादसे में 52 की मौत
11 अगस्त 2011 को चंबा जिले में गागला के पास एक निजी बस के खाई में गिरने से 52 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि 40 घायल हो गए. हादसा इतना भीषण था कि 40 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 12 ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. बस दुलाड़ा से चंबा की ओर आ रही थी. जांच में सामने आया था कि चलती बस के अगले दोनों पहिये निकल गए, जिससे यह 200 फीट गहरी खाई में जा गिरी. बस में 92 लोग सवार थे.

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Last Updated : Jun 23, 2019, 8:40 AM IST
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