शिमला: भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी के व्यक्तित्व के अनेक दिलचस्प पहलू रहे हैं. हिमाचल को अटल बिहारी वाजपेयी अपना दूसरा घर बताते थे. कुल्लू जिला के प्रीणी में उन्होंने अपना घर बनाया था. अटल बिहारी वाजपेयी अकसर कुल्लू के प्रीणी में आते थे और मनाली की वादियों को निहारते हुए उनके मन में कविताएं भी उपजती थीं, लेकिन सबसे दिलचस्प था अटल जी का बच्चों से रिश्ता.
प्रीणी के बच्चे अटल जी के खास जासूस थे. प्रीणी प्रवास के दौरान बच्चे अटल बिहारी वाजपेयी के आसपास जुड़ जाते थे. वाजपेयी जी का भी बच्चों से अपार स्नेह था, लेकिन वे उनसे जासूसी का काम भी लेते थे. जासूसी भी ऐसी कि किसी को कुछ पता न चले. अटल बिहारी वाजपेयी बच्चों से गांव व आसपास के इलाकों की शिक्षा व्यवस्था के बारे में पूछते थे. स्कूल में सुविधाएं हैं या नहीं, अध्यापक सही तरीके से पढ़ाते हैं या नहीं, ऐसी-ऐसी बातें अटल जी बच्चों से पूछा करते थे.
पूर्व प्रधानमंत्री पूरे इलाके में स्वास्थ्य सुविधाओं, सडक़ों व अन्य बातों की जानकारी भी बच्चों से लेते थे. बच्चे सरलमना होते हैं, लिहाजा उनसे पूर्व प्रधानमंत्री को सारी मालूमात सही-सही मिलती थीं. वाजपेयी बच्चों को मिठाई खाने के लिए पैसे देते थे. वे पहाड़ी जीवन की कठिनाइयों को जानते थे.
यही कारण था कि अटल बिहारी वाजपेयी हिमाचल की हर यात्रा में इस पहाड़ी प्रदेश को कोई न कोई तोहफा देकर जाते थे. औद्योगिक पैकेज, प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना और अन्य कई तोहफे अटल जी ने हिमाचल को दिए। अब भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी इस संसार में नहीं हैं, लेकिन उनकी स्मृतियां अटल रहेंगी.
हर बार कुछ मांगोगे तो आने का सिलसिला धीमा पड़ जाएगा
अटल बिहारी वाजपेयी हिमाचल को अपना दूसरा घर बताते थे. हिमाचल में एक जनसभा के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी ने चुटकी लेते हुए कहा था कि हिमाचल मेरा दूसरा घर है, लेकिन इस घर वाले यदि हर बार ये सोचेंगे कि आने वाला कुछ लेकर आएगा तो हो सकता है आने का सिलसिला धीमा पड़ जाए. अटल ने बातें हंसते हुए कहीं थी और जनसभा में मौजूद लोगों ने भी ठहाके लगाए थे. ये अलग बात है कि अटल जी ने हर बार हिमाचल को कुछ न कुछ दिया जरूर है.
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