शिमला: आईजीएमसी शिमला में जहां कोरोना संकट काल में कोरोना संक्रमण के डर से एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से दूर भागता हुआ नजर आ रहा था. वहीं, अस्पताल में कई सालों से मरीजों की सेवा में कर रही लोक कल्याण समिति और उनके कर्मचारी कोरोना मरीज हों या अन्य जरूरतमंद आदमी सभी का सहारा बन रहे हैं.
अस्पताल में कर्मचारी दे रहे सेवाएं
लोक कल्याण समिति के 10 कर्मचारी कोरोना काल से ही मरीजों की मदद में जुटे हैं. ऐसे में अस्पताल कर्मचारियों, चिकित्सकों, नर्स और अन्य स्टाफ सहित यह भी कोरोना योद्धाओं में शामिल हैं. अस्पताल में कोरोना मरीजों के अन्य टेस्ट हों या फिर कोरोना से मौत, ये कर्मचारी पूरी सुरक्षा उपकरणों के साथ मदद करते हैं और अपनी सेवाएं दे रहे हैं. यही नहीं, यह कर्मचारी अस्पताल में आने वाले जरूरतमंद लोगों की मदद भी करते हैं और सर्दी हो या बर्फबारी जितनी संभव हो सहायता प्रदान करते हैं.
कर्मचारी मरीजों की कर रहे मदद
इसके अतिरिक्त समिति के दो कर्मचारी विशेष रूप से बेसहारा मरीजों के लिए काम करते हैं. अस्पताल में कुछ मरीज ऐसे भी आते हैं जिनके साथ न तो कोई परिजन होता है और न कोई अन्य, ऐसे में यह मरीज पूरे इलाज में साथ रहते हैं और उनके इलाज में मदद कर रहे हैं.
लोक कल्याण समीति अध्यक्ष ने बताया कि समिति जनहित के लिए बनी है और जनहित में काम कर रही है. उनका कहना था कि अब तक कोरोना से मारे गए 200 लोगों का आंतिम संस्कार कर चुके हैं. जब आईजीएमसी के सफाई कर्मी ने कोरोना से मृत व्यक्ति के शव को आइसोलेशन वार्ड से उठाने में आना कानी की और शव घंटो वार्ड में पड़े रहे, तब उनके सहयोगियों ने निशुल्क शव को शमशान घाट तक पहुंचाया था.
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