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समर फेस्टिवल में पर्यटकों की पहली पसंद सिड्डू, महिलाएं परोस रहीं स्वादिष्ट पहाड़ी व्यंजन

समर फेस्टिवल में हिमाचली व्यजनों की धूम. पर्यटकों को खूब भा रहा सिड्डू.

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Published : Jun 6, 2019, 5:33 PM IST

Updated : Jun 6, 2019, 5:53 PM IST

समर फेस्टिवल

शिमला: समर फेस्टिवल में हिमाचली व्यजनों की महक और स्वाद पर्यटकों को खूब भा रहा है. ये व्यंजन किसी एक्सपर्ट शैफ के हाथों से नहीं बल्कि महिला मंडल और स्वयं सहायता समूहों ने बनाए हैं.

समर फेस्टिवल में हिमाचली व्यंजनों की धूम
अंतरराष्ट्रीय ग्रीष्म उत्सव में पहाड़ी व्यजनों के लिए खास रूप से लगाए गए स्टॉल शिमला के आसपास के क्षेत्रों के महिला मंडल और स्वयं सहायता समूहों ने लगाए हैं.

महिलाएं इन स्टॉल्स पर सिड्डू, असकलु, लस्सी, मक्की की रोटी, पूटानडे, दही भल्ला, कचोरी, मालपुआ और अन्य हिमाचली व्यजंन बना कर पर्यटकों को परोस रही हैं. वहीं, कुछ स्टॉलों पर महिलाओं को दिन में हजारों रुपये की आजीविका हो रही है. स्वयं सहायता समूह में शामिल महिलाओं का कहना है कि महिलाएं घर के चूल्हे-चौके से बाहर निकल कर अपनी पहचान बना सकती हैं. स्वयं सहायता समूह की मदद से महिलाएं इस तरह के व्यजंन बनाना सीखने के साथ ही कढ़ाई, बुनाई, आचार, पापड़ बनाना सीखने के साथ ही अन्य कई तरह के काम सीख कर खुद को आत्मनिर्भर बना सकती हैं.

महिलाओं का कहना है ये पहला अवसर है जब उन्हें समर फेस्टिवल में स्टॉल लगाने का मौका मिला है. उन्होंने कहा कि आगे भी इस तरह के अवसर मिलने चाहिएं, जिससे महिलाएं खुद को साबित करने के साथ आत्मनिर्भर हो सकती हैं.

शिमला: समर फेस्टिवल में हिमाचली व्यजनों की महक और स्वाद पर्यटकों को खूब भा रहा है. ये व्यंजन किसी एक्सपर्ट शैफ के हाथों से नहीं बल्कि महिला मंडल और स्वयं सहायता समूहों ने बनाए हैं.

समर फेस्टिवल में हिमाचली व्यंजनों की धूम
अंतरराष्ट्रीय ग्रीष्म उत्सव में पहाड़ी व्यजनों के लिए खास रूप से लगाए गए स्टॉल शिमला के आसपास के क्षेत्रों के महिला मंडल और स्वयं सहायता समूहों ने लगाए हैं.

महिलाएं इन स्टॉल्स पर सिड्डू, असकलु, लस्सी, मक्की की रोटी, पूटानडे, दही भल्ला, कचोरी, मालपुआ और अन्य हिमाचली व्यजंन बना कर पर्यटकों को परोस रही हैं. वहीं, कुछ स्टॉलों पर महिलाओं को दिन में हजारों रुपये की आजीविका हो रही है. स्वयं सहायता समूह में शामिल महिलाओं का कहना है कि महिलाएं घर के चूल्हे-चौके से बाहर निकल कर अपनी पहचान बना सकती हैं. स्वयं सहायता समूह की मदद से महिलाएं इस तरह के व्यजंन बनाना सीखने के साथ ही कढ़ाई, बुनाई, आचार, पापड़ बनाना सीखने के साथ ही अन्य कई तरह के काम सीख कर खुद को आत्मनिर्भर बना सकती हैं.

महिलाओं का कहना है ये पहला अवसर है जब उन्हें समर फेस्टिवल में स्टॉल लगाने का मौका मिला है. उन्होंने कहा कि आगे भी इस तरह के अवसर मिलने चाहिएं, जिससे महिलाएं खुद को साबित करने के साथ आत्मनिर्भर हो सकती हैं.

Intro:राजधानी शिमला के अंतरराष्ट्रीय ग्रीष्मउत्सव में हिमाचली व्यजनों की महक ओर स्वाद पर्यटकों को खूब भा रहा है। यह व्यंजन किसी एक्सपर्ट शैफ के हाथों से नहीं बल्कि उन महिलाओं के हाथों से बन रहे है जो रोज अपने खाने के इस हुनर को अपनी रसोई में दिखाती है,लेकिन अब अपने इस हूनर को ही वो अपना व्यवसाय भी बना रही है और घर से बाहर निकल समर फेस्टिवल में लगे स्टॉलों पर हिमाचली व्यजनों को परोस कर उनकी एक अलग पहचान बना रही है। इन महिलाओं की सफलता की कहानी सेल्फ हेल्प ग्रुप ओर महिला मंडलों से शुरू हुई है और अब इन्ही की मदद से यह महिलाएं अपनी आजीविका भी कमा रही है।


Body:अंतरराष्ट्रीय ग्रीष्म उत्सव में पहाड़ी व्यजनों के लिए खास रूप से लगाए गए स्टॉल पर शिमला के आसपास के क्षेत्रों के महिला मंडल ओर स्वयं सहायता समूह ने भी अपने स्टॉल लगाए है। महिलाएं इन स्टॉलों पर सिड्डू, असकलु, लस्सी, मक्की की रोटी, पूटानडे, दही भल्ला, कचोरी,मालपुआ ओर अन्य हिमाचली व्यजंन बना कर पर्यटकों को परोस रही है और हजारों रुपए की आजीविका प्राप्त कर रही है। इन स्वयं सहायता समूह में शामिल महिलाओं का कहना है कि महिलाएं घर के चूल्हे चौके से बाहर निकल कर भी महिलाएं अपनी पहचान बना सकती है। स्वयं सहायता समूह की मदद से महिलाएं इस तरह के व्यजंन बनाना सीखने के साथ ही कढ़ाई,बुनाई ओर आचार,पापड़ बनाना सीखने के साथ ही अन्य कई तरह के काम सीख कर खुद को आत्मनिर्भर बना रही है।।


Conclusion:महिलाओं का कहना है यह पहला अवसर है जब उन्हें समर।फेस्टिवल में स्टॉल लगा कर खुद की पाक कला के हुनर को दिखाने का अवसर मिल रहा है। पयर्टकों को यह हिमाचली व्यजंन परोसने के साथ ही उनके बारे में जानकारी भी दे रही है। महिलाओं ने कहा कि इस तरह के अवसर हर जगह चाहे वो अंतरराष्ट्रीय स्तर के मेले हो या फिर स्थानीय स्तर के महिलाओं को दिए जाने चाहिए ताकि महिलाएं भी अपने स्टॉल लगा कर अपने हुनर को प्रदर्शित करने के साथ ही अपनी आजीविका का साधन जुटा सके। महिलाओं का कहना है कि इस तरह के आयोजनों का हिस्सा बनकर उनमें आत्मविश्वास बढ़ता है और वह खुद को ओर बेहतर बना पाए रही है।
Last Updated : Jun 6, 2019, 5:53 PM IST
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