शिमला: विश्वप्रसिद्ध कालका शिमला रेलवे ट्रैक पर साहित्यिक यात्रा के बाद अब सफाई अभियान के साथ ही वृक्षारोपण अभियान पर साहित्यकार ओर लेखक निकलेंगे. 50 के करीब लेखक इस हैरीटेज ट्रैक पर पर्यावरण यात्रा पर निकल कर सफाई करने के साथ ही पौधारोपण भी करेंगे. 21 जुलाई को हिमालय साहित्य संस्कृति एवं पर्यावरण मंच तारादेवी से समरहिल रेलवे स्टेशन तक 15 किलोमीटर की पैदल यात्रा करेंगे. इस यात्रा में शिमला शहर के 50 लेखकों के साथ ही स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों के साथ ही बुद्धिजीवी वर्ग भी शामिल रहेगा.
इस यात्रा के दौरान ट्रैक के किनारे सफाई करने के साथ ही ट्रैक के साथ लगते जंगल मे खाली पड़ी जमीन पर पौधे रोपे जाएंगे. इस यात्रा के दौरान पर्यावरण जागरूकता पर सवांद ओर कवि गोष्ठी का भी आयोजन किया जाएगा. हिमालय साहित्य संस्कृति एवं पर्यावरण मंच के अध्यक्ष एसआर हरनोट ने कहा कि इस पैदल यात्रा में अलग-अलग पड़ाव होंगें. इसमें पहला पड़ाव जतोग रेलवे स्टेशन और उसके बाद समरहिल रेलवे स्टेशन होगा. उन्होंने कहा कि इस पर्यावरण यात्रा को कालका-शिमला रेलवे के सहयोग से लेखक आपसी अंशदान से आयोजित कर रहे है. उन्होंने कहा कि आज के समय में सबसे पड़ा खतरा पर्यावरण प्रदूषण ही है ऐसे में मंच ने भी अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए अपनी इस पर्यावरण यात्रा में ना केवल लेखकों को जोड़ने बल्कि छात्रों युवा पीढ़ी को भी जोड़ने का प्रयास किया है जिससे कि सभी को पर्यावरण जागरूकता को लेकर संदेश देने के साथ ही उन्हें जागरूक किया जा सके.
एसआर हरनोट ने कहा कि साहित्य से जुड़े आयोजनों को बंद कमरे से बाहर निकाल कर उसे पर्यावरण से जोड़ने का यह प्रयास मंच का है. उन्होंने कहा कि यह जरूरी हो गया है कि हम अपने बाहर के पर्यावरण को संरक्षित करने के साथ ही अपने भीतर के पर्यावरण को भी संरक्षित करें जिस दिशा में यह पहल अहम हैं. साहित्य को आम जन के बीच ले जाना ओर उन्हें इसके अर्थ को समझाने के लिए यह इस तरह के आयोजन मंच कर रहा है. इसजे तहत हैरीटेज ट्रैक पर सफाई अभियान चलाने के साथ ही जंगल में पौधे ओर बीज रोपे जाएंगे. समरहिल तक यह पर्यावरण यात्रा चलेगी ओर यहां पहुंच कर पौधारोपण करने के बाद यहां कवि गोष्ठी का आयोजन होगा जो कि पर्यावरण के विषय से ही जुड़ा होगा.
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