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रामपुर में लगातार धंस रहा NH-5, ग्रामीण बोले- 11 साल पहले किया वादा न निभाने का परिणाम

रामपुर में बाजार के साथ लगते चूहाबाग में एनएच-5 लगातार धंसता जा रहा है. आसपास के दर्जनों घरों के भी भूस्खलन की जद में आने का खतरा गहराता जा रहा है.

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Published : Mar 16, 2019, 6:13 AM IST

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रामपुर: शिमला जिला के रामपुर में बाजार के साथ लगते चूहाबाग में एनएच-5 लगातार धंसता जा रहा है. लगातार धंसती सड़क से भारत-तिब्बत सीमा को जोड़ने वाले अति महत्वपूर्ण नेशनल हाइवे पर संकट खड़ा हो सकता है.

एनएच-5 चूहाबाग के पास लगातार धंसने से आसपास के दर्जनों घरों के भी भूस्खलन की जद में आने का खतरा गहराता जा रहा है. चूहाबाग के समीप एनएच का करीब 100 मीटर का हिस्सा धंस गया है. एनएच-5 सहित आसपास बने घरों को खतरा होने से लोग काफी परेशान हैं. ये सड़क जिला शिमला के सराहन, ज्यूरी, जिला किन्नौर और स्पीति को जोड़ने वाली एकमात्र सड़क है.

धंस रहा नेशनल हाइवे 5

स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर भूस्खलन यूं ही जारी रहा तो एनएच के साथ-साथ घरों को भी भारी नुकसान हो सकता है. चूहाबाग के स्थानीय निवासियों ने बताया कि 11 साल पहले जब यहां पर भूस्खलन वाली स्थिति पैदा हुई थी तब यहां पर क्रेट वॉल लगाने की बात हुई थी, लेकिन एनएच प्राधिकरण ने केवल मिट्टी भर कर यहां पर खानापूर्ति कर दी, ऐसे में अब फिर वही स्थिति पैदा हो गई है. जिससे दर्जनों मकानों को खतरा पैदा हो गया है.

जिस जगह पर एनएच का धंसना शुरू हुआ है वहां पर 2008 में पहली बार भूस्खलन हुआ था. जिससे न केवल एनएच अपनी जगह से करीब 50 मीटर नीचे धंस गया था बल्कि आधा दर्जन मकानों को भी खाली करवाना पड़ा था. उस वक्त वन विभाग ने सतलुज की तरफ से क्रेट वॉल लगाए जाने का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक क्रेट वॉल नहीं लगाई गई.

NH-5 damaged
धंस रहा नेशनल हाइवे 5

एनएच-5 अगर बाधित होता है तो हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों को परेशानियों से गुजरना पड़ सकता है, क्योंकि जनजातीय जिला किन्नौर को जाने के लिए अन्य रास्ता नहीं है. इसके साथ ही लाहौल स्पीति और शिमला के कई इलाकों से संपर्क कट जाएगा. तिब्बत बॉर्डर में तैनात सेना के दलों को भेजी जाने वाली सामान भी इसी सड़क मार्ग से भेजे जाते हैं.

लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता प्रकाश चंद ने बताया कि धंसे हुए प्वाइंट को ठीक किया जाएगा जिससे वहां से पानी न रिसे. धंस रहे प्वाइंट को जांचने के लिए मौके पर भू वैज्ञानिकों को बुलाया जाएगा, फिलहाल वाहनों की आवाजाही हो रही है. विभाग का कहना है कि भूस्खलन को रोकने का कार्य शुरू कर दिया गया है.

रामपुर: शिमला जिला के रामपुर में बाजार के साथ लगते चूहाबाग में एनएच-5 लगातार धंसता जा रहा है. लगातार धंसती सड़क से भारत-तिब्बत सीमा को जोड़ने वाले अति महत्वपूर्ण नेशनल हाइवे पर संकट खड़ा हो सकता है.

एनएच-5 चूहाबाग के पास लगातार धंसने से आसपास के दर्जनों घरों के भी भूस्खलन की जद में आने का खतरा गहराता जा रहा है. चूहाबाग के समीप एनएच का करीब 100 मीटर का हिस्सा धंस गया है. एनएच-5 सहित आसपास बने घरों को खतरा होने से लोग काफी परेशान हैं. ये सड़क जिला शिमला के सराहन, ज्यूरी, जिला किन्नौर और स्पीति को जोड़ने वाली एकमात्र सड़क है.

धंस रहा नेशनल हाइवे 5

स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर भूस्खलन यूं ही जारी रहा तो एनएच के साथ-साथ घरों को भी भारी नुकसान हो सकता है. चूहाबाग के स्थानीय निवासियों ने बताया कि 11 साल पहले जब यहां पर भूस्खलन वाली स्थिति पैदा हुई थी तब यहां पर क्रेट वॉल लगाने की बात हुई थी, लेकिन एनएच प्राधिकरण ने केवल मिट्टी भर कर यहां पर खानापूर्ति कर दी, ऐसे में अब फिर वही स्थिति पैदा हो गई है. जिससे दर्जनों मकानों को खतरा पैदा हो गया है.

जिस जगह पर एनएच का धंसना शुरू हुआ है वहां पर 2008 में पहली बार भूस्खलन हुआ था. जिससे न केवल एनएच अपनी जगह से करीब 50 मीटर नीचे धंस गया था बल्कि आधा दर्जन मकानों को भी खाली करवाना पड़ा था. उस वक्त वन विभाग ने सतलुज की तरफ से क्रेट वॉल लगाए जाने का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक क्रेट वॉल नहीं लगाई गई.

NH-5 damaged
धंस रहा नेशनल हाइवे 5

एनएच-5 अगर बाधित होता है तो हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों को परेशानियों से गुजरना पड़ सकता है, क्योंकि जनजातीय जिला किन्नौर को जाने के लिए अन्य रास्ता नहीं है. इसके साथ ही लाहौल स्पीति और शिमला के कई इलाकों से संपर्क कट जाएगा. तिब्बत बॉर्डर में तैनात सेना के दलों को भेजी जाने वाली सामान भी इसी सड़क मार्ग से भेजे जाते हैं.

लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता प्रकाश चंद ने बताया कि धंसे हुए प्वाइंट को ठीक किया जाएगा जिससे वहां से पानी न रिसे. धंस रहे प्वाइंट को जांचने के लिए मौके पर भू वैज्ञानिकों को बुलाया जाएगा, फिलहाल वाहनों की आवाजाही हो रही है. विभाग का कहना है कि भूस्खलन को रोकने का कार्य शुरू कर दिया गया है.



रामपुर के साथ चुहाबाग में एनएच 05 धसने से कई घरों को गहराया खतरा


रामपुर बुशहर, 15 मार्च मीनाक्षी
शिमला जिला के रामपुर में रामपुर बाजार के साथ लगते चूहाबाग में एनएच-5 धंसना शुरू हो गया है। अगर यह क्रम जारी रहा तो भारत तिब्बत सीमा को जोड़ने वाले अति महत्वपूर्ण नेशनल हाईवे पर संकट खड़ा हो सकता है। एनएच-5 चूहाबाग के पास लगातार धंसने से आसपास के दर्जनों घरों के भी भूस्खलन की जद में आने का खतरा गहराता जा रहा है।
चूहाबाग के समीप एनएच का करीब 100 मीटर का हिस्सा धंस गया है। एनएच-5 सहित आसपास बने घरों को खतरा होने से लोग काफी परेशान हैं। यह सड़क जिला शिमला के पंद्रहबीस, सराहन, ज्यूरी, जिला किन्नौर और स्पीति को जोड़ने वाली एकमात्र सड़क है। लोगों के अनुसार इस स्थान पर भूस्खलन यूं ही जारी रहा तो एनएच के साथ-साथ घरों को भी भारी नुकसान हो सकता है।
चूहाबाग स्थानीय निवासी  राज मेहता, साधु, निर्मल, चैतन्य, हसीना बेगम, राजकुमार गुप्ता, ताहिर हुसैन, नाजिर हुसैन, खलील अहमद ने कहा कि 11 वर्ष पहले जब यहां पर भूस्खलन वाली स्थिति पैदा हुई थी तब यहां पर क्रैट वॉल लगाने की बात हुई थी, लेकिन एनएच प्राधिकरण ने केवल मिट्टी भर कर यहां पर खानापूर्ति कर दी, ऐसे में अब फिर वही स्थिति पैदा हो गई है। जिससे दर्जनों मकानों को खतरा पैदा हो गया है। जिस जगह पर एनएच का धंसना शुरू हुआ है वहां पर 2008 में पहली बार भूस्खलन हुआ था। जिससे न केवल एनएच अपनी जगह से करीब 50 मीटर नीचे धंस गया था बल्कि आधा दर्जन मकानों को भी खाली करवा दिया गया था। उस वक्त वन विभाग ने सतलुज की तरफ से क्रैट वॉल लगाए जाने का आश्वासन दिया था, लेकिन वह आश्वासन साकार नहीं हो पाया।
 एनएच-5 अगर बाधित होता है तो हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों को परेशानियों से गुजरना पड़ सकता है। क्योकि जनजातीय जिला किन्नौर को जाने के लिए अन्य रास्ता भी नहीं है। इसके साथ  लाहौल स्पीति और शिमला के कई इलाकों से संपर्क कट जाएगा। तिब्बत बार्डर में तैनात सेना के दलों को भेजी जाने वाली सामान इसी सड़क मार्ग से भेजी जाती है। इस संबंध में लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता प्रकाश चंद ने बताया कि धंसे हुए प्वाइंट को ठीक किया जाएगा जिससे वहां से पानी न रिसे। धंस रहे प्वाइंट को जांचने के लिए मौके पर भू वैज्ञानिकों को बुलाया जाएगा।
हालांकि वाहनों की आवाजाही हो रही है। लेकिन विभाग द्वारा भूस्खलन को रोकने का  कार्य शुरू कर दिया है। 
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