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Krishna Janmashtami 2023: श्री कृष्ण के रंग में रंगी राजधानी, मंदिरों में भक्तों का तांता, जय कन्हैया लाल की...जयकारे से गूंजा शिमला शहर - Sri Krishna Janmashtami Celebrations 2023

हिमाचल प्रदेश के मंदिरों में श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव को लेकर विशेष धूम है. राजधानी शिमला के मंदिरों में सुबह से लेकर शाम तक श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. इस दौरान मंदिर में सारा समय भजन कीर्तन होता रहा, जिससे माहौल भक्तिमय हो गया. (Krishna Janmashtami Celebration in Shimla) (Krishna Janmashtami 2023)

Krishna Janmashtami 2023
शिमला में श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 7, 2023, 7:03 AM IST

Updated : Sep 7, 2023, 7:13 AM IST

शिमला में श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव

शिमला: श्री कृष्ण जन्माष्टमी के महोत्सव पर हिमाचल प्रदेश के कृष्ण मंदिरों में सारा समय भक्तों का तांता लगा रहा. प्रदेश में बड़ी धूमधाम से श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है. भक्त लंबी-लंबी कतारों में खड़े होकर श्री कृष्ण के दर्शन कर रहे हैं. वहीं, इस बार कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर बच्चों में खासा उत्साह देखा जा रहा है. मंदिरों में रात भर भगवान कृष्ण के जयकारे लगते रहे. राजधानी शिमला में भी श्री कृष्ण जन्माष्टमी की खास धूम दिखी. जिससे सारा वातावरण भक्तिमय हो गया.

कृष्णा के रंग में रंगी राजधानी: शिमला के संजौली स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर में हर साल की भांति इस साल भी श्री कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर खास तैयारियां की गई हैं. 6 सितंबर को शोभायात्रा के साथ जन्माष्टमी महोत्सव का शुभारंभ किया गया. इसके बाद मंदिर में भजन कीर्तन हुआ. बुधवार शाम को 7 बजे से लक्ष्मी नारायण मंदिर में भजन कीर्तन शुरू हुआ, जो रात 12 बजे तक जारी रहा. इस दौरान श्रद्धालु भी भगवान श्री कृष्ण की भक्ति के रंग में रंग कर झूमते हुए नजर आए.

Krishna Janmashtami 2023
कृष्ण जन्माष्टमी 2023

शिमला में जन्माष्टमी की धूम: वहीं, शिमला में मुख्य कृष्ण मंदिर गंज बाजार में शाम होते ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी. मंदिर प्रशासन की ओर से भी भक्तों के लिए खास व्यवस्था की गई थी. नाचते-गाते हुए जन्माष्टमी का पर्व मनाया गया. जबकि आज भी श्री कृष्ण के मंदिरों में जन्माष्टमी महोत्सव मनाया जाएगा. श्री कृष्ण जन्माष्टमी के महोत्सव पर मंदिरों को विशेष रूप से सजाया गया है. भक्त भी भगवान कृष्ण की एक झलक पाने के लिए आतुर नजर आए. बता दें कि शिमला शहर के मंदिरों में बीते दिन ही जन्माष्टमी व्रत रखा गया. जबकि रात 12 बजे श्री कृष्ण का जन्मोत्सव भी मनाया गया.

श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव: जानकारी के अनुसार जन्माष्टमी को गोकुलाष्टमी के रूप में भी जाना जाता है. धर्म शास्त्रों के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन माता देवकी के गर्भ से धरती पर जन्म लिया था. इसीलिए हर साल इस दिन बड़ी श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है और उनके जन्म के समय में उन्हें झूला भी झुलाया जाता है.

ये भी पढ़ें: Krishna Temple in Shimla: शिमला में कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर खासा उत्साह, 137 साल पुराने इस मंदिर में शीश नवा रहे श्रद्धालु

शिमला में श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव

शिमला: श्री कृष्ण जन्माष्टमी के महोत्सव पर हिमाचल प्रदेश के कृष्ण मंदिरों में सारा समय भक्तों का तांता लगा रहा. प्रदेश में बड़ी धूमधाम से श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है. भक्त लंबी-लंबी कतारों में खड़े होकर श्री कृष्ण के दर्शन कर रहे हैं. वहीं, इस बार कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर बच्चों में खासा उत्साह देखा जा रहा है. मंदिरों में रात भर भगवान कृष्ण के जयकारे लगते रहे. राजधानी शिमला में भी श्री कृष्ण जन्माष्टमी की खास धूम दिखी. जिससे सारा वातावरण भक्तिमय हो गया.

कृष्णा के रंग में रंगी राजधानी: शिमला के संजौली स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर में हर साल की भांति इस साल भी श्री कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर खास तैयारियां की गई हैं. 6 सितंबर को शोभायात्रा के साथ जन्माष्टमी महोत्सव का शुभारंभ किया गया. इसके बाद मंदिर में भजन कीर्तन हुआ. बुधवार शाम को 7 बजे से लक्ष्मी नारायण मंदिर में भजन कीर्तन शुरू हुआ, जो रात 12 बजे तक जारी रहा. इस दौरान श्रद्धालु भी भगवान श्री कृष्ण की भक्ति के रंग में रंग कर झूमते हुए नजर आए.

Krishna Janmashtami 2023
कृष्ण जन्माष्टमी 2023

शिमला में जन्माष्टमी की धूम: वहीं, शिमला में मुख्य कृष्ण मंदिर गंज बाजार में शाम होते ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी. मंदिर प्रशासन की ओर से भी भक्तों के लिए खास व्यवस्था की गई थी. नाचते-गाते हुए जन्माष्टमी का पर्व मनाया गया. जबकि आज भी श्री कृष्ण के मंदिरों में जन्माष्टमी महोत्सव मनाया जाएगा. श्री कृष्ण जन्माष्टमी के महोत्सव पर मंदिरों को विशेष रूप से सजाया गया है. भक्त भी भगवान कृष्ण की एक झलक पाने के लिए आतुर नजर आए. बता दें कि शिमला शहर के मंदिरों में बीते दिन ही जन्माष्टमी व्रत रखा गया. जबकि रात 12 बजे श्री कृष्ण का जन्मोत्सव भी मनाया गया.

श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव: जानकारी के अनुसार जन्माष्टमी को गोकुलाष्टमी के रूप में भी जाना जाता है. धर्म शास्त्रों के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन माता देवकी के गर्भ से धरती पर जन्म लिया था. इसीलिए हर साल इस दिन बड़ी श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है और उनके जन्म के समय में उन्हें झूला भी झुलाया जाता है.

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Last Updated : Sep 7, 2023, 7:13 AM IST
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