शिमला: एनजीटी के फैसले के खिलाफ प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सिविल अपील दायर की है. शहरी विकास मंत्री सरवीण चौधरी ने कहा कि शिमला के लोगों को राहत प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट से राजधानी वासियों को बड़ी राहत मिलेगी.
दरअसल अपने फैसले में साफ किया था कि शिमला के ग्रीन और कोर एरिया में किसी भी तरह से भवन का निर्माण नहीं होगा. शिमला प्लानिंग एरिया के दायरे में भवनों का निर्माण ढाई मंजिल से ज्यादा का नहीं होगा. जिन भवनों का निर्माण राज्य में बिना अनुमति के किया है, उन भवनों को नियमित करने के लिए 5000 और 10 हजार प्रति वर्ग फीट की दर से पर्यावरण सेस वसूला जाए. एनजीटी ने साफ किया था कि शिमला के ग्रीन और कोर एरिया में किसी तरह से भवन निर्माण नहीं होगा.