हैदराबाद: योग गुरु बाबा रामदेव और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बीच चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. गुरुवार को आईएमए ने बाबा रामदेव के खिलाफ आईपी स्टेट थाने में शिकायत देकर उनके खिलाफ देशद्रोह की एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. इसके साथ ही उनके खिलाफ डीडीएमए एक्ट के तहत भी एक्शन लेने की मांग की गई है. शिकायत मिलने के बाद दिल्ली पुलिस इस पर संज्ञान लेगी उसके बाद ये तय होगा की बाबा रामदेव के खिलाफ कोई मामला बनता है या नहीं.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की तरफ से उनके सेक्रेटरी जनरल डॉक्टर जयेश लेले ने यह शिकायत आईपी स्टेट थाने में दी है. इसमें बताया गया है कि आईएमए से 3.30 लाख डॉक्टर जुड़े हुए हैं. कोरोना संक्रमण की इस मुश्किल घड़ी में लाखों डॉक्टर एवं हेल्थ वर्कर सरकार के साथ मिलकर लोगों की जान बचाने का काम कर रहे हैं. अभी तक 1200 से ज्यादा डॉक्टर लोगों की जान बचाते हुए अपनी जान गवां चुके हैं. उनकी कड़ी मेहनत के चलते देशभर में कोरोना संक्रमण से मौत का आंकड़ा एक फीसदी से भी कम रहा है.
कोरोनिल नहीं कोरोना की दवा
शिकायत में कहा गया है कि बाबा रामदेव योगा सिखाते हैं.अपनी लोकप्रियता का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने आचार्य बालकृष्ण के साथ मिलकर पतंजलि आयुर्वेद के नाम से कारोबार शुरू किया. जून 2020 में उन्होंने कोरोना की दवा बताते हुए कोरोनिल नाम से दवा लॉन्च की. प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाबा रामदेव ने कहा कि उनकी इस दवा से कोरोना के मरीज ठीक हुए हैं. उनका यह दावा पूरी तरीके से गलत है और इसका कोई साइंटिफिक साक्ष्य भी नहीं है. 23 जून 2020 को आयुष मंत्रालय ने इसे कोरोना की दवा बताकर उसका प्रचार करने के लिए मना किया था. इसके बावजूद उन्होंने प्रचार कर लोगों की जान को खतरे में डाला है. डब्ल्यूएचओ ने भी इसे मान्यता नहीं दी है.
दवा बेचने की लिए एलोपैथी को बताया फेल
शिकायत में बताया गया है कि 9 मई 2021 को कोरोना की लहर का फायदा उठाकर बाबा रामदेव ने अपनी दवा कोरोनिल का प्रचार करना चाहा. इसके लिए उन्होंने मॉडर्न साइंस, एलोपैथी और इसके डॉक्टरों को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया. हाल ही में बाबा रामदेव सहित कुछ अन्य लोगों ने डॉक्टर एवं एलोपैथी को बदनाम करने के मकसद से कुछ बातें कही हैं. आरोप है कि बाबा रामदेव ने कहा कि " एलोपैथी एक ऐसी स्टुपिड और दिवालिया साइंस है". इसके अलावा यह भी कहा कि " लाखों लोगों की मौत एलोपैथी की दवा खाने से हुई है". डीजीसीआई द्वारा मान्यता प्राप्त दवाओं को उन्होंने इलाज के लिए फेल बता दिया. उन्होंने अपने इस बयान से लाखों लोगों के जीवन को खतरे में डालने का काम किया है.
देशद्रोह की एफआईआर दर्ज करने की मांग
शिकायत में कहा गया है कि जिस तरह से उन्होंने 3 डॉक्टर एवं एलोपैथी को बदनाम करने का प्रयास किया है, उनके खिलाफ आईपीसी और एपीडिमिक एक्ट के तहत एक्शन बनता है. आईएमए की तरफ से पुलिस को दी गई शिकायत में मांग की गई है कि बाबा रामदेव के खिलाफ झूठा प्रचार करने के चलते ठगी के साथ ही देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए. पुलिस का कहना है कि फिलहाल वह पूरे मामले की छानबीन कर रहे हैं और जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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