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हिमाचल में पहली बार हुआ ऐसा उपचार, IGMC में बुजुर्ग के दिल से बिना सर्जरी के निकाली गईं 3 लीड्स

हिमाचल में ये पहली बार हुआ है कि बिना सर्जरी के डॉक्टर ने मरीज के दिल से 3 लीड्स निकाली हैं. मरीज को अस्पताल से 24 अप्रैल को डिस्चार्ज किया जाएगा.

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Published : Apr 22, 2019, 5:10 AM IST

Updated : Apr 22, 2019, 3:09 PM IST

आईजीएमसी (डिजाइन फोटो)

शिमला: हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल व शिक्षण संस्थान आईजीएमसी में कार्डियोलॉजी के डॉक्टर ने बिना सर्जरी के मरीज के दिल से तीन लीड्स निकाली हैं. डॉक्टर ने मरीज के दिल से लीड्स निकालने के बाद परमानेंट पेसमेकर लगा दिया है.

leeds removed from patients heart
मरीज के दिल से निकाली गई लीड्स

आईजीएमसी में कार्डियोलॉजी के एचओडी डॉक्टर राजीव भारद्वाज ने बताया कि उनके पास साल 2014 में सोलन से 70 वर्षीय संजीव गुप्ता नाम के मरीज आए थे. जिस दौरान उनके दिल में लीड्स डली थीं. साल 2016 में जब ये मरीज फिर से आईजीएमसी आए तो उनके दिल में एक नई लीड डाली गई थी. जिसके बाद भी मरीज की तकलीफ ज्यादा कम नहीं हुई.

अप्रैल 2019 में मरीज ने आईजीएमसी में फिर इलाज के लिए पहुंचा तो चिकित्सक ने देखा कि दिल में तीन लीड्स होने के बावजूद वेंटीटिर में लीड का फ्रैक्चर था. ऐसे में डॉक्टर के लिए लीड्स को बाहर निकालना एक तरह से चुनौती बन गया था.

IGMC (file pic)
आईजीएमसी (फाइल फोटो)

कार्डियो विभाग के डॉ. राजीव भारद्वाज ने मरीज को ऑपरेट करना शुरू किया. उन्होंने बताया कि उनके पास एक इलाज था कि मरीज की लीड्स को बाहर निकालने के लिए ओपन हार्ट सर्जरी की जाए, लेकिन उन्होंने ओपन हार्ट सर्जरी न करते हुए बिना किसी सर्जरी के मरीज के दिल से तीनों लीड्स बाहर निकाला और मरीज के दिल में परमानेंट पेसमेकर डाला. जिसके बाद अब मरीज बिल्कुल ठीक है.

IGMC (design image)
आईजीएमसी (डिजाइन फोटो)

डॉ. राजीव भारद्वाज ने बताया कि इस ऑपरेशन को सफल बनाने में डॉ. राजेश शर्मा, डॉ. सची संदू, डॉ. आशु गुप्ता, डॉ. सबिना ने सहयोग दिया. इन सभी डाक्टर्स ने काफी मेहनत की. उन्होंने बताया कि हिमाचल में पहली बार इस तरह का उपचार हुआ है. 24 अप्रैल को मरीज आईजीएमसी से डिस्चार्ज किया जाएगा. डॉक्टर्स का कहना है कि अब मरीज को कोई दिक्कतें नहीं आएंगी.

शिमला: हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल व शिक्षण संस्थान आईजीएमसी में कार्डियोलॉजी के डॉक्टर ने बिना सर्जरी के मरीज के दिल से तीन लीड्स निकाली हैं. डॉक्टर ने मरीज के दिल से लीड्स निकालने के बाद परमानेंट पेसमेकर लगा दिया है.

leeds removed from patients heart
मरीज के दिल से निकाली गई लीड्स

आईजीएमसी में कार्डियोलॉजी के एचओडी डॉक्टर राजीव भारद्वाज ने बताया कि उनके पास साल 2014 में सोलन से 70 वर्षीय संजीव गुप्ता नाम के मरीज आए थे. जिस दौरान उनके दिल में लीड्स डली थीं. साल 2016 में जब ये मरीज फिर से आईजीएमसी आए तो उनके दिल में एक नई लीड डाली गई थी. जिसके बाद भी मरीज की तकलीफ ज्यादा कम नहीं हुई.

अप्रैल 2019 में मरीज ने आईजीएमसी में फिर इलाज के लिए पहुंचा तो चिकित्सक ने देखा कि दिल में तीन लीड्स होने के बावजूद वेंटीटिर में लीड का फ्रैक्चर था. ऐसे में डॉक्टर के लिए लीड्स को बाहर निकालना एक तरह से चुनौती बन गया था.

IGMC (file pic)
आईजीएमसी (फाइल फोटो)

कार्डियो विभाग के डॉ. राजीव भारद्वाज ने मरीज को ऑपरेट करना शुरू किया. उन्होंने बताया कि उनके पास एक इलाज था कि मरीज की लीड्स को बाहर निकालने के लिए ओपन हार्ट सर्जरी की जाए, लेकिन उन्होंने ओपन हार्ट सर्जरी न करते हुए बिना किसी सर्जरी के मरीज के दिल से तीनों लीड्स बाहर निकाला और मरीज के दिल में परमानेंट पेसमेकर डाला. जिसके बाद अब मरीज बिल्कुल ठीक है.

IGMC (design image)
आईजीएमसी (डिजाइन फोटो)

डॉ. राजीव भारद्वाज ने बताया कि इस ऑपरेशन को सफल बनाने में डॉ. राजेश शर्मा, डॉ. सची संदू, डॉ. आशु गुप्ता, डॉ. सबिना ने सहयोग दिया. इन सभी डाक्टर्स ने काफी मेहनत की. उन्होंने बताया कि हिमाचल में पहली बार इस तरह का उपचार हुआ है. 24 अप्रैल को मरीज आईजीएमसी से डिस्चार्ज किया जाएगा. डॉक्टर्स का कहना है कि अब मरीज को कोई दिक्कतें नहीं आएंगी.


70 वर्षीय बजुर्ग के दिल से बिना सर्जरी के निकाली 3 लीड्स 

आई.जी.एम.सी. कार्डियोलॉजी विभाग ने की मिसाल पेश 

हिमाचल में पहली बार बिना सर्जरी के हुआ इस तरह का उपचार 

शिमला .

हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आई.जी.एम.सी. में कार्डियोंलॉजी के डाक्टर ने एक मिसाल पेश की है। हिमाचल में यह पहली बार हुआ है कि बिना सर्जरी के डाक्टर ने मरीज के दिल से 3 लीड्स नीकाली है और मरीज का सही उपचार हुआ है। कार्डियोंलॉजी के एच.ओ.डी. डा. राजीव भारद्वाज ने बताया के उनके पास 2014 में सोलन से 70 वर्षीय संजीव गुप्ता नाम का मरीज आया था। उस दौरान उसके दिल में लीड्स डली थी। 2016 में जब यह मरीज फिर से आया तो उसके दिल में एक नई लीडस डाली थी। ऐसे में मरीज को उसके बाद भी दिक्कतें आनी शुरू हुई। फिर से यह मरीज अप्रैल 2019 में आया और चिकित्सक से उपचार करवाने लगा। इस दौरान चिकित्सक ने देखा कि उसके दिल में तीन लीड्स डल चुकी थी और चिकित्सक ने पाया कि वेंटीटिर में लीड का फेक्चर था। ऐसे में चिकित्सक के लिए लीड्स को बाहर निकालना एक तरह से चुनौती बन गया था। कार्डियों के डा. राजीव भारद्वाज के चुनौती का सामना करते हुए मरीज को ऑपरेट करना शुरू किया। उनके पास एक इलाज था कि मरीज की लीड्स को बाहर निकालने के लिए ओपन हार्ट सर्जरी होनी थी, लेकिन डा. भारद्वाज ने ओपन हार्ट सर्जरी न करते हुए बिना किसी सर्जरी के मरीज के दिल से तीनों लीड्स बाहर निकाली और मरीज  को परमानेंट पेसमेकर डाला है। अब मरीज बिल्कुल ठीक है। डा. राजीव भारद्वाज ने कहा कि मरीज को स्वास्थ बनाने के लिए डा. राजेश शर्मा, डा. सची संदू, डा. अशु गुप्ता, डा. सबिना, आदि ने सहयोग दिया। इन सभी डाक्टर ने काफी मेहनत की। सबसे बड़ी बात तो यह है कि हिमाचल में पहली बार इस तरह का उपचार हुआ है। राजीव भारद्वाज ने बताया कि 24 अप्रैल को मरीज आई.जी.एम.सी. से डिस्चार्ज किया जाएगा। डॉक्टर ने कहा कि अब मरीज को कोई दिक्कतें नहीं आएगी।    

Last Updated : Apr 22, 2019, 3:09 PM IST
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