शिमला: हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल व शिक्षण संस्थान आईजीएमसी में कार्डियोलॉजी के डॉक्टर ने बिना सर्जरी के मरीज के दिल से तीन लीड्स निकाली हैं. डॉक्टर ने मरीज के दिल से लीड्स निकालने के बाद परमानेंट पेसमेकर लगा दिया है.
![leeds removed from patients heart](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/images/3069979_igmc-surgeon-2.jpg)
आईजीएमसी में कार्डियोलॉजी के एचओडी डॉक्टर राजीव भारद्वाज ने बताया कि उनके पास साल 2014 में सोलन से 70 वर्षीय संजीव गुप्ता नाम के मरीज आए थे. जिस दौरान उनके दिल में लीड्स डली थीं. साल 2016 में जब ये मरीज फिर से आईजीएमसी आए तो उनके दिल में एक नई लीड डाली गई थी. जिसके बाद भी मरीज की तकलीफ ज्यादा कम नहीं हुई.
अप्रैल 2019 में मरीज ने आईजीएमसी में फिर इलाज के लिए पहुंचा तो चिकित्सक ने देखा कि दिल में तीन लीड्स होने के बावजूद वेंटीटिर में लीड का फ्रैक्चर था. ऐसे में डॉक्टर के लिए लीड्स को बाहर निकालना एक तरह से चुनौती बन गया था.
![IGMC (file pic)](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/images/3069979_igmc-surgeon-21.jpg)
कार्डियो विभाग के डॉ. राजीव भारद्वाज ने मरीज को ऑपरेट करना शुरू किया. उन्होंने बताया कि उनके पास एक इलाज था कि मरीज की लीड्स को बाहर निकालने के लिए ओपन हार्ट सर्जरी की जाए, लेकिन उन्होंने ओपन हार्ट सर्जरी न करते हुए बिना किसी सर्जरी के मरीज के दिल से तीनों लीड्स बाहर निकाला और मरीज के दिल में परमानेंट पेसमेकर डाला. जिसके बाद अब मरीज बिल्कुल ठीक है.
![IGMC (design image)](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/images/3069979_igmc-surgeon.jpg)
डॉ. राजीव भारद्वाज ने बताया कि इस ऑपरेशन को सफल बनाने में डॉ. राजेश शर्मा, डॉ. सची संदू, डॉ. आशु गुप्ता, डॉ. सबिना ने सहयोग दिया. इन सभी डाक्टर्स ने काफी मेहनत की. उन्होंने बताया कि हिमाचल में पहली बार इस तरह का उपचार हुआ है. 24 अप्रैल को मरीज आईजीएमसी से डिस्चार्ज किया जाएगा. डॉक्टर्स का कहना है कि अब मरीज को कोई दिक्कतें नहीं आएंगी.