शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के एक और कारनामे के चलते यूनिवर्सिटी प्रशासन एक बार फिर से चर्चा में आ गया है. इस बार भी मामला परीक्षा परिणाम को लेकर ही जुड़ा हुआ है जिसमें विश्वविद्यालय की ओर से पीजी की एक छात्रा को हर एक विषय में जीरो अंक दिए गए हैं. छात्रा की ओर से विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए गए हैं और छात्रा ने यह दावा किया है कि किसी भी सूरत में उसके सभी विषयों में जीरो अंक नहीं आ सकते हैं. विश्वविद्यालय ने धर्मशाला की एक छात्रा जो अंग्रेजी विषय में एमए कर रही हैं, उसे चौथे सेमेस्टर के परिणाम में सभी विषयों में 0 अंक दिए गए हैं.
छात्रा को सभी विषयों में मिले जीरो नंबर
परिणाम घोषित होने के बाद छात्रा ने विश्वविद्यालय की वेबसाइट से जब अपनी मार्कशीट डाउनलोड की तो उसे सभी विषयों में जीरो अंक मिलने की जानकारी मिली. छात्रा ने सभी विषयों की परीक्षा दी थी और उसका कहना यही है कि सभी परीक्षाएं अच्छी हुई थी तो ऐसे में किस तरह से उसे सभी विषयों में उसे जीरो अंक मिल सकते हैं. अब छात्रा ने यह मांग उठाई है कि विश्वविद्यालय अपने स्तर पर दोबारा से उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करवाएं, जिससे की स्थिति स्पष्ट हो सके.
एबीवीपी ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांगा जवाब
इस मामले को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भी जवाब विश्वविद्यालय प्रशासन से मांगा है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक से इस पूरे मामले की जांच कराने की मांग उठाई है. इस मांग को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने परीक्षा नियंत्रक से भी मुलाकात की है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय की लापरवाही का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है.
यह पहला मामला नहीं है जब विश्वविद्यालय की ओर से छात्रों के भविष्य से इस तरह का खिलवाड़ किया गया है. इससे पहले भी विश्वविद्यालय ने बहुत से छात्रों को फेल कर दिया है और जब छात्रों ने दोबारा से अपनी उत्तर पुस्तिका निकलवाई तो उसमें छात्रों को बेहतर अंक मिले हैं. हालांकि विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक का इस पूरे मामले पर यही कहना है कि विश्वविद्यालय को जो अवार्ड मिले हैं. उसी के आधार पर अंक अपलोड किए गए हैं और अवार्ड एंट्री के स्तर पर किसी भी तरह की खामी नहीं हुई है.
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