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अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों को तनाव से रखा जाएगा दूर, ये है प्लान - igmc shimla

अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों को तनाव से दूर रखने के लिए अस्पताल प्रशासन मरीजों को सुविधा देगा. चिकित्सकों के मुताबिक काउंसलिंग से मरीज को जल्द स्वस्थ होने में मदद मिलेगी. मरीजों की स्थिति का जायजा लेकर मनोविज्ञान विभाग के डॉक्टर जरूरत के हिसाब से मरीज का उत्साहवर्धन कर रहे हैं.

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Published : May 18, 2021, 1:03 PM IST

Updated : May 18, 2021, 2:20 PM IST

शिमला: प्रदेश के अस्पतालों में दाखिल कोरोना मरीजों को तनाव से दूर रखने के लिए अस्पताल प्रशासन मरीजों को सुविधा देगा. जिसमें खुद मनोचिकित्सक विभाग के डॉक्टर मरीजों के साथ संपर्क करेंगे, जिससे कि मरीज तनाव महसूस न कर सके.

मरीजों की काउंसलिंग की जाएगी

आईजीएमसी में कार्यरत डॉक्टर मरीज की मानसिक स्थिति समझेंगे, जिसके बाद उन्हें काउंसलिंग दी जाएगी. चिकित्सकों के मुताबिक काउंसलिंग से मरीज को जल्द स्वस्थ होने में मदद मिलेगी. मरीजों की स्थिति का जायजा लेकर मनोविज्ञान विभाग के डॉक्टर जरूरत के हिसाब से मरीज का उत्साहवर्धन कर रहे हैं.

सीसीटीवी कैमरों से रखी जा रही नजर

आईजीएमसी अस्पताल में मौजूदा समय में 300 से ज्यादा करोना मरीज दाखिल है. मरीजों की सुरक्षा और सुविधा के लिए अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं. जिससे कि मरीजों का ध्यान रखा जा सके और जरूरत पड़ने पर उनसे संपर्क भी किया जा सके. सीसीटीवी कैमरा अस्पताल प्रशासन की नजर में चौबीस घंटे रहता है.

मनोचिकित्सक डॉक्टर कोरोना मरीजों से करेगें संपर्क

बीते वर्ष भी शिमला के रिपन अस्पताल में एक पॉजिटिव महिला द्वारा आत्महत्या का मामला सामने आया था. महिला कोरोना के कारण काफी तनाव में थीं, जिसके चलते महिला ने अस्पताल में ही आत्महत्या कर ली थी. चिकित्सकों का कहना है कि संक्रमित हुआ मरीज मानसिक तौर पर ज्यादा परेशान होता है. इसका असर दिमाग पर भी पड़ता और इस वजह से मरीज जीने की इच्छा छोड़ देते हैं. इसके अलावा मनोचिकित्सक डॉक्टर अब एक-एक मरीज से संपर्क करेंगे, ताकि उनकी मनोस्थिति समझ सके और उन्हें तनाव से दूर रखा जा सके.


ये भी पढ़ें: हिमाचल में धीमी पड़ी कोरोना की रफ्तार! एक दिन में 58 लोगों की कोरोना से मौत, 3760 लोग हुए स्वस्थ

शिमला: प्रदेश के अस्पतालों में दाखिल कोरोना मरीजों को तनाव से दूर रखने के लिए अस्पताल प्रशासन मरीजों को सुविधा देगा. जिसमें खुद मनोचिकित्सक विभाग के डॉक्टर मरीजों के साथ संपर्क करेंगे, जिससे कि मरीज तनाव महसूस न कर सके.

मरीजों की काउंसलिंग की जाएगी

आईजीएमसी में कार्यरत डॉक्टर मरीज की मानसिक स्थिति समझेंगे, जिसके बाद उन्हें काउंसलिंग दी जाएगी. चिकित्सकों के मुताबिक काउंसलिंग से मरीज को जल्द स्वस्थ होने में मदद मिलेगी. मरीजों की स्थिति का जायजा लेकर मनोविज्ञान विभाग के डॉक्टर जरूरत के हिसाब से मरीज का उत्साहवर्धन कर रहे हैं.

सीसीटीवी कैमरों से रखी जा रही नजर

आईजीएमसी अस्पताल में मौजूदा समय में 300 से ज्यादा करोना मरीज दाखिल है. मरीजों की सुरक्षा और सुविधा के लिए अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं. जिससे कि मरीजों का ध्यान रखा जा सके और जरूरत पड़ने पर उनसे संपर्क भी किया जा सके. सीसीटीवी कैमरा अस्पताल प्रशासन की नजर में चौबीस घंटे रहता है.

मनोचिकित्सक डॉक्टर कोरोना मरीजों से करेगें संपर्क

बीते वर्ष भी शिमला के रिपन अस्पताल में एक पॉजिटिव महिला द्वारा आत्महत्या का मामला सामने आया था. महिला कोरोना के कारण काफी तनाव में थीं, जिसके चलते महिला ने अस्पताल में ही आत्महत्या कर ली थी. चिकित्सकों का कहना है कि संक्रमित हुआ मरीज मानसिक तौर पर ज्यादा परेशान होता है. इसका असर दिमाग पर भी पड़ता और इस वजह से मरीज जीने की इच्छा छोड़ देते हैं. इसके अलावा मनोचिकित्सक डॉक्टर अब एक-एक मरीज से संपर्क करेंगे, ताकि उनकी मनोस्थिति समझ सके और उन्हें तनाव से दूर रखा जा सके.


ये भी पढ़ें: हिमाचल में धीमी पड़ी कोरोना की रफ्तार! एक दिन में 58 लोगों की कोरोना से मौत, 3760 लोग हुए स्वस्थ

Last Updated : May 18, 2021, 2:20 PM IST
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