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हिमाचल में 6.4 फीसदी विकास दर का अनुमान, पहले के मुकाबले 1.2 प्रतिशत की गिरावट

हिमाचल में इस बार चालू वित्त वर्ष यानी 2022-23 में राज्य की विकास दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है. ये सही है कि विकास दर नेगेटिव से निकल कर बढ़ोतरी की तरफ है, लेकिन वर्ष 2021-2022 से ये 1.2 फीसदी कम रहेगी. पिछले वित्त वर्ष यानी 2021-22 में प्रति व्यक्ति आय 2 लाख, 01 हजार, 271 रुपए थी. इसमें 10.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. हालांकि पिछले वित्त वर्ष में ये बढ़ोतरी 13.1 फीसदी थी. खुशी की बात है कि हिमाचल की प्रति व्यक्ति आय देश की प्रति व्यक्ति आय से 51,607 रुपए अधिक है.

Himachal Pradesh Economic Survey 2022 23
सांकेतिक तस्वीर.
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Published : Mar 16, 2023, 7:55 PM IST

Updated : Mar 17, 2023, 7:30 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में चालू वित्त वर्ष यानी 2022-23 में राज्य की विकास दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है. ये सही है कि विकास दर नेगेटिव से निकल कर बढ़ोतरी की तरफ है, लेकिन वर्ष 2021-2022 से ये 1.2 फीसदी कम रहेगी. वर्ष 2021-2022 में प्रदेश की विकास दर 7.6 प्रतिशत थी. करंट फाइनेंशियल इयर में राज्य की जीडीपी स्थिर भावों पर 8143 करोड़ रुपए से अधिक रहेगी. इसी प्रकार राज्य की प्रति व्यक्ति आय भी 2 लाख, 22 हजार 227 रुपए रहने का अनुमान है.

पिछले वित्त वर्ष यानी 2021-22 में प्रति व्यक्ति आय 2 लाख, 01 हजार, 271 रुपए थी. इसमें 10.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. हालांकि पिछले वित्त वर्ष में ये बढ़ोतरी 13.1 फीसदी थी. खुशी की बात है कि हिमाचल की प्रति व्यक्ति आय देश की प्रति व्यक्ति आय से 51,607 रुपए अधिक है. समूचे विश्व ने 2020 में कोरोना महामारी का पीड़ादायक दौर देखा. इस कारण अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ. हिमाचल भी इससे अछूता नहीं रहा. वर्ष 2022 में साल में कोरोना महामारी नियंत्रण में आने के बाद आर्थिक गतिविधियों ने फिर से जोर पकड़ा. हिमाचल की आर्थिक गाड़ी भी रफ्तार पकड़ रही है.

विधानसभा के बजट सत्र में पेश आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट बताती है कि कोरोना महामारी के दौर में हिमाचल की विकास दर नकारात्मक थी, लेकिन अब चालू वित्त वर्ष में इसके 6.4 प्रतिशत तक तक रहने का अनुमान है. रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल की जीडीपी में औद्योगिक क्षेत्र का योगदान 42.97 प्रतिशत रहने का अनुमान है. प्रति व्यक्ति आय में भी पहले के मुकाबले 20,956 रुपए की बढ़ोतरी हुई है. विगत साल में ये 2 लाख, 01 हजार 271 रुपए थी और अब यह बढ़ कर दो लाख 22 हजार 227 रुपए तक पहुंच गई है. वहीं, देश की विकास दर यानी राष्ट्रीय विकास दर की बात करें तो यह 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है. इस तरह हिमाचल की विकास दर भी अच्छी कही जाएगी. आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट बताती है कि चालू वित्त वर्ष में हिमाचल की जीडीपी एक लाख, 95 हजार, 404 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है. पिछले वित्तीय वर्ष के अस्थायी अनुमान एक लाख 76 हजार 269 के मुकाबले यह 19135 करोड़ रुपए अधिक है. यानी इसमें 19135 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी है. वित्त वर्ष 2022-23 में विगत वित्त वर्ष के 13.5 प्रतिशत के मुकाबले नोमिनल जीडीपी 10.9 प्रतिशत अनुमानित है.

आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार 2022-23 में सकल राज्य मूल्य वद्र्धन यानी ग्रॉस वेल्यू एडिड (जीवीए) में तृतीयक (टर्शरी) क्षेत्र का योगदान सबसे अधिक है. इसके बाद द्वितीयक (सेकेंडरी) व फिर प्राथमिक (प्राइमरी) सेक्टर का योगदान है. विकास की रफ्तार तेज होने के बाद भी हिमाचल में कृषि व संबद्ध क्षेत्रों में वृद्धि की दर बीते वित्तीय साल के 4.9 फीसद के मुकाबले चालू वित्त वर्ष में सिर्फ 2 फीसदी बढ़ोतरी का अनुमान है. रिपोर्ट के अनुसार प्राइमरी सेक्टर में जीवीए 16717 करोड़ रहेगा. ये पिछले वित्त वर्ष में 16395 करोड़ रुपए था. इसी तरह सेकेंडरी सेक्टर में जीवीए 60,44 करोड़ रुपए रहेगा. इसमें पहले के मुकाबले 7.2 बढ़ोतरी का अनुमान है. हिमाचल की जीवीए में 2022-23 में टर्शरी सेक्टर का सबसे अधिक योगदान है. इस सेक्टर का योगदान 43.6 फीसदी, सेकेंडरी सेक्टर का 42.7 व प्राइमरी सेक्टर का योगदान जीवीए में 13.7 प्रतिशत है.

ये भी पढ़ें- सीएम सुक्खू बोले: FCA और FRA केसों की मंजूरी जल्द मिलेगी, डीसी-डीएफओ की कमेटियां हर 15 दिन में करेगी बैठकें

शिमला: हिमाचल प्रदेश में चालू वित्त वर्ष यानी 2022-23 में राज्य की विकास दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है. ये सही है कि विकास दर नेगेटिव से निकल कर बढ़ोतरी की तरफ है, लेकिन वर्ष 2021-2022 से ये 1.2 फीसदी कम रहेगी. वर्ष 2021-2022 में प्रदेश की विकास दर 7.6 प्रतिशत थी. करंट फाइनेंशियल इयर में राज्य की जीडीपी स्थिर भावों पर 8143 करोड़ रुपए से अधिक रहेगी. इसी प्रकार राज्य की प्रति व्यक्ति आय भी 2 लाख, 22 हजार 227 रुपए रहने का अनुमान है.

पिछले वित्त वर्ष यानी 2021-22 में प्रति व्यक्ति आय 2 लाख, 01 हजार, 271 रुपए थी. इसमें 10.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. हालांकि पिछले वित्त वर्ष में ये बढ़ोतरी 13.1 फीसदी थी. खुशी की बात है कि हिमाचल की प्रति व्यक्ति आय देश की प्रति व्यक्ति आय से 51,607 रुपए अधिक है. समूचे विश्व ने 2020 में कोरोना महामारी का पीड़ादायक दौर देखा. इस कारण अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ. हिमाचल भी इससे अछूता नहीं रहा. वर्ष 2022 में साल में कोरोना महामारी नियंत्रण में आने के बाद आर्थिक गतिविधियों ने फिर से जोर पकड़ा. हिमाचल की आर्थिक गाड़ी भी रफ्तार पकड़ रही है.

विधानसभा के बजट सत्र में पेश आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट बताती है कि कोरोना महामारी के दौर में हिमाचल की विकास दर नकारात्मक थी, लेकिन अब चालू वित्त वर्ष में इसके 6.4 प्रतिशत तक तक रहने का अनुमान है. रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल की जीडीपी में औद्योगिक क्षेत्र का योगदान 42.97 प्रतिशत रहने का अनुमान है. प्रति व्यक्ति आय में भी पहले के मुकाबले 20,956 रुपए की बढ़ोतरी हुई है. विगत साल में ये 2 लाख, 01 हजार 271 रुपए थी और अब यह बढ़ कर दो लाख 22 हजार 227 रुपए तक पहुंच गई है. वहीं, देश की विकास दर यानी राष्ट्रीय विकास दर की बात करें तो यह 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है. इस तरह हिमाचल की विकास दर भी अच्छी कही जाएगी. आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट बताती है कि चालू वित्त वर्ष में हिमाचल की जीडीपी एक लाख, 95 हजार, 404 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है. पिछले वित्तीय वर्ष के अस्थायी अनुमान एक लाख 76 हजार 269 के मुकाबले यह 19135 करोड़ रुपए अधिक है. यानी इसमें 19135 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी है. वित्त वर्ष 2022-23 में विगत वित्त वर्ष के 13.5 प्रतिशत के मुकाबले नोमिनल जीडीपी 10.9 प्रतिशत अनुमानित है.

आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार 2022-23 में सकल राज्य मूल्य वद्र्धन यानी ग्रॉस वेल्यू एडिड (जीवीए) में तृतीयक (टर्शरी) क्षेत्र का योगदान सबसे अधिक है. इसके बाद द्वितीयक (सेकेंडरी) व फिर प्राथमिक (प्राइमरी) सेक्टर का योगदान है. विकास की रफ्तार तेज होने के बाद भी हिमाचल में कृषि व संबद्ध क्षेत्रों में वृद्धि की दर बीते वित्तीय साल के 4.9 फीसद के मुकाबले चालू वित्त वर्ष में सिर्फ 2 फीसदी बढ़ोतरी का अनुमान है. रिपोर्ट के अनुसार प्राइमरी सेक्टर में जीवीए 16717 करोड़ रहेगा. ये पिछले वित्त वर्ष में 16395 करोड़ रुपए था. इसी तरह सेकेंडरी सेक्टर में जीवीए 60,44 करोड़ रुपए रहेगा. इसमें पहले के मुकाबले 7.2 बढ़ोतरी का अनुमान है. हिमाचल की जीवीए में 2022-23 में टर्शरी सेक्टर का सबसे अधिक योगदान है. इस सेक्टर का योगदान 43.6 फीसदी, सेकेंडरी सेक्टर का 42.7 व प्राइमरी सेक्टर का योगदान जीवीए में 13.7 प्रतिशत है.

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Last Updated : Mar 17, 2023, 7:30 AM IST
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