शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने कुल्लू में पकड़े गए चरस तस्कर को निचली अदालत की तरफ से सुनाई गई सजा को बढ़ा दिया है. हाई कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि चरस तस्करी से समाज का नुकसान होता है. ऐसे में तस्करों पर सख्ती जरूरी है. निचली अदालत ने तस्कर फुकुनागा गुन को दो महीने की सजा सुनाई थी. इस पर राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में सजा बढ़ाने के लिए अपील की थी. हाई कोर्ट ने राज्य सरकार की अपील को स्वीकार करते हुए तस्कर की सजा को बढ़ा दिया.
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य ने सरकार की अपील को मंजूर करते हुए दो महीने की सजा को तीन साल के लिए बढ़ाया. इसके अलावा हाई कोर्ट ने तस्कर पर 65 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया. यही नहीं, अदालत ने आरोपी को जेल में डालने के लिए वारंट जारी करने के आदेश भी दिए हैं.
मामले के अनुसार चरस तस्कर फुकुनागा गुन को एक अप्रैल 2019 को विशेष न्यायाधीश कुल्लू की अदालत ने मादक पदार्थ निरोधक अधिनियम की धारा-18 और धारा-20 के तहत दो-दो महीनों की सजा सुनाई थी. इस सजा को लेकर राज्य सरकार हाई कोर्ट गई और सरकार की अपील पर हाई कोर्ट ने आरोपी को धारा 18 के तहत दो वर्ष और धारा-20 के तहत तीन वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि निचली अदालत ने यह विचार नहीं किया कि आरोपी से चरस जब्त की गई थी.
चरस की तस्करी से समाज पर बुरा असर पड़ता है. निचली अदालत ने इस पर भी विचार नहीं किया कि आरोपी के खिलाफ चरस पाए जाने के पुख्ता सुबूत हैं. उल्लेखनीय है कि 4 सितंबर 2016 को कुल्लू पुलिस ने आरोपी से 475 ग्राम चरस बरामद की थी. आरोपी के खिलाफ पुलिस ने मादक पदार्थ निरोधक अधिनियम की धारा 18 और 20 के तहत मामला दर्ज किया था. हाई कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में सख्ती का उदाहरण पेश करना जरूरी है, ताकि समाज से नशे की प्रवृति पर अंकुश लगाया जा सके.
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