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Himachal Monsoon Session के पहले ही दिन सदन में हंगामा, नियम 67 के तहत आपदा पर चर्चा का प्रस्ताव स्थगित, विपक्ष ने किया वॉकआउट - मानसून सत्र में हिमाचल आपदा पर चर्चा

हिमाचल विधानसभा का मानसून सत्र पहले दिन ही काफी हंगामेदार रहा है. विपक्ष ने नियम 67 के तहत सदन में आपदा पर चर्चा कराने की मांग लेकिन, सरकार की ओर से नियम 102 में चर्चा कराने का प्रस्ताव लाया गया. जिसको लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ. जिसके बाद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया. (Himachal Monsoon Session Opposition walkout) (Jairam Thakur on CM Sukhu).

Himachal Monsoon Session
हिमाचल मानसून सत्र
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 18, 2023, 4:27 PM IST

Updated : Sep 19, 2023, 8:32 AM IST

विपक्ष ने किया वॉकआउट

शिमला: मानसून सत्र का पहला ही दिन हंगामेदार रहा. आपदा से हिमाचल को हुए नुकसान को लेकर सत्ता पक्ष की ओर से नियम 102 के तहत आपदा पर चर्चा का प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन विपक्ष ने नियम 67 के तहत चर्चा की मांग रखी. ऐसे में नियम 102 और 67 को लेकर सदन के अंदर रस्सा-कसी चलती रही और नारेबाजी के साथ विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया.

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा मुख्यमंत्री ने नियम 102 के तहत चर्चा लाई है, लेकिन उसके पीछे एक अलग मंशा है. जयराम ने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार आपदा का सारा ठीकरा केंद्र सरकार पर थोपना चाहती है. जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर झूठ बोलने का आरोप लगाया. जयराम ने कहा सीएम सुक्खू ने कहा हिमाचल में आई आपदा के बाद 24 घंटे में व्यवस्था सुचारू कर दी गई, लेकिन अभी भी प्रदेश के कई इलाकों में हालत सामान्य नहीं हुए हैं. कई जगह पर मूलभूत सुविधाएं ठप पड़ी है. प्रदेश की जनता उम्मीद कर रही थी कि बरसात से हुई आपदा पर चर्चा हो, लेकिन सरकार चर्चा नहीं होने दे रही है.

जयराम ठाकुर ने कहा हिमाचल सदी की सबसे बड़ी त्रासदी के दौर से गुजर रहा है. सड़के बंद पड़ी है. बिजली बंद है और कई योजनाएं बंद पड़ी है. चारों ओर त्राहि-त्राहि मची हुई है. इसलिए सारा काम रोक कर विपक्ष ने नियम 67 के तहत चर्चा की मांग की, लेकिन सरकार की ओर से नियम 102 के तहत इस पर चर्चा रोकने की कोशिश की गई है. नियम 67 के तहत चर्चा को रोकना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण.

ये भी पढ़ें: Himachal Assembly Monsoon Session: मानसून सत्र को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, पुलिस की 6 कंपनियां तैनात, ड्रोन से रखी जा रही नजर

विपक्ष ने किया वॉकआउट

शिमला: मानसून सत्र का पहला ही दिन हंगामेदार रहा. आपदा से हिमाचल को हुए नुकसान को लेकर सत्ता पक्ष की ओर से नियम 102 के तहत आपदा पर चर्चा का प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन विपक्ष ने नियम 67 के तहत चर्चा की मांग रखी. ऐसे में नियम 102 और 67 को लेकर सदन के अंदर रस्सा-कसी चलती रही और नारेबाजी के साथ विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया.

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा मुख्यमंत्री ने नियम 102 के तहत चर्चा लाई है, लेकिन उसके पीछे एक अलग मंशा है. जयराम ने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार आपदा का सारा ठीकरा केंद्र सरकार पर थोपना चाहती है. जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर झूठ बोलने का आरोप लगाया. जयराम ने कहा सीएम सुक्खू ने कहा हिमाचल में आई आपदा के बाद 24 घंटे में व्यवस्था सुचारू कर दी गई, लेकिन अभी भी प्रदेश के कई इलाकों में हालत सामान्य नहीं हुए हैं. कई जगह पर मूलभूत सुविधाएं ठप पड़ी है. प्रदेश की जनता उम्मीद कर रही थी कि बरसात से हुई आपदा पर चर्चा हो, लेकिन सरकार चर्चा नहीं होने दे रही है.

जयराम ठाकुर ने कहा हिमाचल सदी की सबसे बड़ी त्रासदी के दौर से गुजर रहा है. सड़के बंद पड़ी है. बिजली बंद है और कई योजनाएं बंद पड़ी है. चारों ओर त्राहि-त्राहि मची हुई है. इसलिए सारा काम रोक कर विपक्ष ने नियम 67 के तहत चर्चा की मांग की, लेकिन सरकार की ओर से नियम 102 के तहत इस पर चर्चा रोकने की कोशिश की गई है. नियम 67 के तहत चर्चा को रोकना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण.

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Last Updated : Sep 19, 2023, 8:32 AM IST
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