शिमला: मानसून सत्र का पहला ही दिन हंगामेदार रहा. आपदा से हिमाचल को हुए नुकसान को लेकर सत्ता पक्ष की ओर से नियम 102 के तहत आपदा पर चर्चा का प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन विपक्ष ने नियम 67 के तहत चर्चा की मांग रखी. ऐसे में नियम 102 और 67 को लेकर सदन के अंदर रस्सा-कसी चलती रही और नारेबाजी के साथ विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया.
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा मुख्यमंत्री ने नियम 102 के तहत चर्चा लाई है, लेकिन उसके पीछे एक अलग मंशा है. जयराम ने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार आपदा का सारा ठीकरा केंद्र सरकार पर थोपना चाहती है. जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर झूठ बोलने का आरोप लगाया. जयराम ने कहा सीएम सुक्खू ने कहा हिमाचल में आई आपदा के बाद 24 घंटे में व्यवस्था सुचारू कर दी गई, लेकिन अभी भी प्रदेश के कई इलाकों में हालत सामान्य नहीं हुए हैं. कई जगह पर मूलभूत सुविधाएं ठप पड़ी है. प्रदेश की जनता उम्मीद कर रही थी कि बरसात से हुई आपदा पर चर्चा हो, लेकिन सरकार चर्चा नहीं होने दे रही है.
जयराम ठाकुर ने कहा हिमाचल सदी की सबसे बड़ी त्रासदी के दौर से गुजर रहा है. सड़के बंद पड़ी है. बिजली बंद है और कई योजनाएं बंद पड़ी है. चारों ओर त्राहि-त्राहि मची हुई है. इसलिए सारा काम रोक कर विपक्ष ने नियम 67 के तहत चर्चा की मांग की, लेकिन सरकार की ओर से नियम 102 के तहत इस पर चर्चा रोकने की कोशिश की गई है. नियम 67 के तहत चर्चा को रोकना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण.