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Himachal Monsoon Session: कर्ज के मामले में हिमाचल देश में पांचवें पायदान पर, हर नागरिक पर ₹1 लाख का ऋण, डिप्टी सीएम ने पेश किए आंकड़े, विपक्ष का हंगामा

हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन डिप्टी सीएम ने प्रदेश की वित्तीय स्थिति को लेकर सदन में आंकड़ा पेश किया. इस दौरान उन्होंने बताया कि प्रदेश के हर व्यक्ति पर आज एक लाख से भी ज्यादा का कर्ज है. पिछली सरकार ने प्रदेश को कर्ज में डुबोया. हिमाचल प्रदेश कर्ज के मामले में देश में पांचवे पायदान पर है. (Himachal Monsoon Session)(Mukesh Agnihotri on Bjp)

Himachal Monsoon Session
कर्ज के मामले में हिमाचल देश में पांचवें पायदान पर
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 21, 2023, 2:05 PM IST

शिमला: कर्ज लेने के मामले में हिमाचल देश के बड़े व छोटे सभी श्रेणी के राज्यों में पांचवें पायदान पर है. देश के हर नागरिक पर 1 लाख 2 हजार 818 रुपये का कर्ज है. हिमाचल की वित्तीय स्थिति पर गुरुवार को सदन में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने सिलसिलेवार आंकड़े रखे और राज्य को कर्ज में डुबोने के लिए पूर्व की भाजपा सरकार को दोषी ठहराया. इस दौरान मुकेश अग्निहोत्री के आरोपों से विपक्ष के सदस्य भड़क गए और विपक्ष ने वेल में आकर नारेबाजी की.

'पिछली सरकार से मिला ₹76,630 करोड़ का कर्ज': सुक्खू सरकार ने मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में पिछले पांच सालों के वित्तीय स्थिति को लेकर आंकड़ा सदन में रखा. डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री की ओर से वित्तीय स्थिति का आंकड़ा सदन में रखा गया. रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश की पूर्व जयराम सरकार के सत्ता छोड़ने पर हिमाचल पर 76,630 करोड़ रुपए का कर्ज था. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने कर्ज व अन्य देनदारियों सहित 92,774 करोड़ की कुल देनदारियां मौजूदा सरकार पर छोड़ी. आज हर व्यक्ति पर 1 लाख 2 हजार 818 करोड़ का कर्ज है.

'भारी कर्ज के दबाव में हिमाचल प्रदेश': मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि आरबीआई की 2022-23 की रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल भारी कर्ज के दबाव में है. सबसे ज्यादा कर्ज ग्रस्त सूची में पांचवें स्थान पर है. यह बहुत ही चिंता का विषय है. बड़े राज्य और छोटे राज्यों में पांचवें स्थान पर पहुंच गए हैं. डिप्टी सीएम ने कहा कि एक बात स्पष्ट है कि पूर्व भाजपा सरकार ने वित्तीय प्रबंधन को लेकर कोई कदम नहीं उठाए. संसाधन जुटाने में असफल रही है.

'पिछली सरकार से विरासत में मिली देनदारियां': उन्होंने कहा कि 92,774 करोड़ की प्रत्यक्ष देनदारियां पिछली सरकार से विरासत में मिली हैं. उन्होंने कहा कि साल 2022-23 में हिमाचल पर कुल 76630 की कर्ज की देनदारियां थीं. उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने 10,600 करोड़ के महंगाई भत्ते संशोधित वेतनमान की देनदारियां उनकी सरकार पर अलग से छोड़ी. इसमें से 10000 करोड़ संशोधित वेतनमान के और 600 करोड़ महंगाई किस्त के है. कुल मिलाकर पूर्व सरकार ने 92,774 करोड़ की देनदारियां मौजूदा सरकार पर छोड़ी हैं.

'चुनावी साल में 16,261 करोड़ की उधारी जुटाई': मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि चुनावी साल में 16,261 करोड़ रुपए की उधारी जुटाई गई. उन्होंने कहा यह चुनाव लड़ने का साल था, उस साल में वित्तीय प्रबंधन जिस तरह से किया गया, उससे सारे प्रदेश का वित्तीय संतुलन बिगड़ गया. उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार की नीतियों की वजह से हिमाचल कर्ज राज्य बन गया है. डिप्टी सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार के बजट का एक बड़ा हिस्सा कर्ज और इसका ब्याज चुकाने में लग रहा है. स्थिति यह है कि अगर पुराने कर्ज को चुकाना है तो वित्तीय वर्ष 2023-24 के अनुमान के अनुसार इसके लिए 9048 करोड़ चाहिए. इसमें 3486 करोड़ कर्ज और 5262 करोड़ कर्ज का ब्याज का चुकाने के लिए चाहिए.

'विपक्ष ने सदन में किया हंगामा': मुकेश अग्निहोत्री जब अपनी रिपोर्ट सदन में पेश कर रहे थे इसको लेकर विपक्ष ने सदन में हंगामा किया. इस पर डिप्टी सीएम ने कहा कि इनकी करतूत बाहर आ रही है इसलिए वे सुन नहीं पा रहे. विधानसभा अध्यक्ष सभी को अपनी सीट पर बैठ जाने का आग्रह करते रहे, लेकिन विपक्ष के सदस्य नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए. सदन में गतिरोध बना देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्रवाई को दोपहर बाद 2.00 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.

ये भी पढ़ें: Himachal Monsoon Session Live: मुकेश अग्निहोत्री की टिप्पणी पर फिर भड़का विपक्ष, वेल में पहुंचकर की नारेबाजी, हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित

शिमला: कर्ज लेने के मामले में हिमाचल देश के बड़े व छोटे सभी श्रेणी के राज्यों में पांचवें पायदान पर है. देश के हर नागरिक पर 1 लाख 2 हजार 818 रुपये का कर्ज है. हिमाचल की वित्तीय स्थिति पर गुरुवार को सदन में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने सिलसिलेवार आंकड़े रखे और राज्य को कर्ज में डुबोने के लिए पूर्व की भाजपा सरकार को दोषी ठहराया. इस दौरान मुकेश अग्निहोत्री के आरोपों से विपक्ष के सदस्य भड़क गए और विपक्ष ने वेल में आकर नारेबाजी की.

'पिछली सरकार से मिला ₹76,630 करोड़ का कर्ज': सुक्खू सरकार ने मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में पिछले पांच सालों के वित्तीय स्थिति को लेकर आंकड़ा सदन में रखा. डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री की ओर से वित्तीय स्थिति का आंकड़ा सदन में रखा गया. रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश की पूर्व जयराम सरकार के सत्ता छोड़ने पर हिमाचल पर 76,630 करोड़ रुपए का कर्ज था. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने कर्ज व अन्य देनदारियों सहित 92,774 करोड़ की कुल देनदारियां मौजूदा सरकार पर छोड़ी. आज हर व्यक्ति पर 1 लाख 2 हजार 818 करोड़ का कर्ज है.

'भारी कर्ज के दबाव में हिमाचल प्रदेश': मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि आरबीआई की 2022-23 की रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल भारी कर्ज के दबाव में है. सबसे ज्यादा कर्ज ग्रस्त सूची में पांचवें स्थान पर है. यह बहुत ही चिंता का विषय है. बड़े राज्य और छोटे राज्यों में पांचवें स्थान पर पहुंच गए हैं. डिप्टी सीएम ने कहा कि एक बात स्पष्ट है कि पूर्व भाजपा सरकार ने वित्तीय प्रबंधन को लेकर कोई कदम नहीं उठाए. संसाधन जुटाने में असफल रही है.

'पिछली सरकार से विरासत में मिली देनदारियां': उन्होंने कहा कि 92,774 करोड़ की प्रत्यक्ष देनदारियां पिछली सरकार से विरासत में मिली हैं. उन्होंने कहा कि साल 2022-23 में हिमाचल पर कुल 76630 की कर्ज की देनदारियां थीं. उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने 10,600 करोड़ के महंगाई भत्ते संशोधित वेतनमान की देनदारियां उनकी सरकार पर अलग से छोड़ी. इसमें से 10000 करोड़ संशोधित वेतनमान के और 600 करोड़ महंगाई किस्त के है. कुल मिलाकर पूर्व सरकार ने 92,774 करोड़ की देनदारियां मौजूदा सरकार पर छोड़ी हैं.

'चुनावी साल में 16,261 करोड़ की उधारी जुटाई': मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि चुनावी साल में 16,261 करोड़ रुपए की उधारी जुटाई गई. उन्होंने कहा यह चुनाव लड़ने का साल था, उस साल में वित्तीय प्रबंधन जिस तरह से किया गया, उससे सारे प्रदेश का वित्तीय संतुलन बिगड़ गया. उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार की नीतियों की वजह से हिमाचल कर्ज राज्य बन गया है. डिप्टी सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार के बजट का एक बड़ा हिस्सा कर्ज और इसका ब्याज चुकाने में लग रहा है. स्थिति यह है कि अगर पुराने कर्ज को चुकाना है तो वित्तीय वर्ष 2023-24 के अनुमान के अनुसार इसके लिए 9048 करोड़ चाहिए. इसमें 3486 करोड़ कर्ज और 5262 करोड़ कर्ज का ब्याज का चुकाने के लिए चाहिए.

'विपक्ष ने सदन में किया हंगामा': मुकेश अग्निहोत्री जब अपनी रिपोर्ट सदन में पेश कर रहे थे इसको लेकर विपक्ष ने सदन में हंगामा किया. इस पर डिप्टी सीएम ने कहा कि इनकी करतूत बाहर आ रही है इसलिए वे सुन नहीं पा रहे. विधानसभा अध्यक्ष सभी को अपनी सीट पर बैठ जाने का आग्रह करते रहे, लेकिन विपक्ष के सदस्य नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए. सदन में गतिरोध बना देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्रवाई को दोपहर बाद 2.00 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.

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