शिमला: हिमाचल में देव परंपरा से जुड़े एक मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई 3 मार्च तक टल गई है. ऊपरी शिमला के देवता बनाड़ और देवता देशमौली जी को पुजारली में ही रोके जाने से जुड़े मामले पर सुनवाई हाईकोर्ट में हो रही है. रोहड़ू के शराचली और जुब्बल तहसील के 6 गांवों में आगमन पर रोक से जुड़े मामले पर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है. (Himachal High court on Deity Banad and Deshmouli) (Hearing postponed of Deity Banad and Deshmouli)
करीब तीन सौ साल से चली आ रही पुरानी ब्रांशी परंपरा के खिलाफ देवता बनाड़ और देवता देशमौली को रोहड़ू के शराचली क्षेत्र के पुजारली गांव मंदिर में ही रोके जाने के मामले में हाईकोर्ट ने एसडीएम रोहड़ू व अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रोहड़ू शिमला के आदेशों पर रोक लगाने के आदेश पारित किए थे. एसडीएम रोहड़ू ने प्रत्येक वर्ष रोटेशन आधार पर शराचली क्षेत्र के 7 गांवों में इन देवताओं की पूजा अर्चना में बाधा डालने वाले लोगों को पुरानी परंपरा में दखल देने से रोकने के आदेश दिए थे.
मामले के अनुसार शराचली क्षेत्र के 7 गांव झराशली अथवा झगटान, रोहटान, मंडल, जखनोर पुजारली, थाना, शील अथवा तुरन और ढाडी घूंसा के तीन आराध्य देवता क्यांलू महाराज, देवता बनाड़ और देवता देशमौली हैं. देवता क्यांलू महाराज जी का एक स्थाई मंदिर पुजारली में है. शराचली और जुब्बल तहसील के कई गांवों के लाखों लोगों की देवता बनाड और देवता देशमौली के लिए अटूट आस्था है.
एसडीएम के पास शिकायतकर्ताओं के अनुसार देवता बनाड़ और देवता देशमौली क्षेत्र के सभी गांवों में रोटेशन आधार पर हर एक गांव में एक-एक वर्ष के लिए जाते रहे हैं. इस परंपरा को ब्रांशि कहा जाता है. जब भी ये देवता प्रत्येक गांव में बने अपने मंदिर में आते हैं तो एक उत्सव का माहौल बनता है और सभी लोग देवता के आगमन को उनका आशीर्वाद समझते हैं. फिलहाल, हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई अब नए साल में 3 मार्च को तय की गई है.
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