शिमला: महाराजा संसार चंद की नगरी सुजानपुर टीहरा की शान माने जाने वाले चौगान मैदान में स्थाई निर्माण को लेकर हिमाचल हाई कोर्ट ने सख्ती दिखाई है. अदालत ने चौगान के आसपास नियमों के खिलाफ स्थाई दुकानें बनाए जाने को लेकर दाखिल की गई याचिका में राज्य सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है. साथ ही पांच अन्य प्रतिवादियों को भी नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है.
मामले की सुनवाई हिमाचल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ कर रही है. मुख्य सचिव सहित अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी करने के अलावा खंडपीठ ने जिला विधिक सेवाएं अथॉरिटी हमीरपुर के सचिव को चौगान मैदान का दौरा कर स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश भी दिए हैं. खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 8 मई को निर्धारित की है.
इस मामले में मीडिया में आई खबरों पर संज्ञान लेते हुए हिमाचल हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किए हैं. मामले के अनुसार महाराजा संसार चंद की नगरी सुजानपुर टीहरा के चौगान में सभी तरह के निर्माण पर रोक के बावजूद स्थानीय प्रशासन यहां पर पक्की दुकानों का निर्माण करने जा रहा है. इसके लिए चौगान की एक कनाल सात मरले भूमि शहरी विकास विभाग के नाम की गई है.
चौगान की सुंदरता को बरकरार रखने को लेकर 23 जून, 1982 को प्रदेश सरकार ने यहां सभी तरह के निर्माण कार्य पर प्रतिबंध लगाते हुए अधिसूचना जारी की थी. इसी अधिसूचना का हवाला देते हुए वर्तमान कांग्रेस सरकार ने पूर्व की भाजपा सरकार के दौरान सुजानपुर के चौगान में टाउन हॉल के शिलान्यास के बावजूद निर्माण कार्य को मंजूरी नहीं दी थी. जबकि नगर परिषद द्वारा यहां पर पक्की दुकानें बनाई जा रही हैं. प्रदेश सरकार के राजस्व सचिव की नोटिफिकेशन के अनुसार चौगान मैदान की भूमि पर किसी के भी द्वारा कोई भी कब्जा नहीं किया जा सकता है, न ही चौगान की भूमि किसी के नाम पर ट्रांसफर की जा सकती है, फिर भी शहरी विकास विभाग के नाम पर भूमि स्थानांतरित कर दुकानें बनाने की तैयारी की जा रही है. मामला उजागर होने पर हिमाचल हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
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