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महिलाओं को मिलती रहेगी बस किराए में 50 फीसदी छूट, हाईकोर्ट ने खारिज की चुनौती याचिका

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Published : Dec 16, 2022, 9:13 PM IST

हिमाचल में महिला यात्रियों को सरकारी बसों में किराए में पचास फीसदी की छूट मिलती रहेगी. बस किराए में छूट के खिलाफ चुनौती देने वाली याचिका को हिमाचल हाई कोर्ट (Himachal High Court) ने खारिज कर दिया है.

महिलाओं को मिलती रहेगी बस किराए में 50 फीसदी छूट
महिलाओं को मिलती रहेगी बस किराए में 50 फीसदी छूट

शिमला: हिमाचल प्रदेश में महिला यात्रियों को सरकारी बसों में किराए में पचास फीसदी की छूट मिलती रहेगी. बस किराए में छूट के खिलाफ चुनौती देने वाली याचिका को हिमाचल हाई कोर्ट (Himachal High Court) ने खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने किराए में छूट देने से जुड़ी चुनौती याचिका को खारिज करते हुए कहा कि सरकार की इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत लाभ हुआ है.

जमीनी स्तर पर किराए में छूट वाली योजना से कई लाभ देखने को मिले हैं. ग्रामीण इलाकों के साधनहीन परिवारों की लड़कियों को इस स्कीम से आगे पढ़ने के लिए क्षेत्र से बाहर निकलने का मौका मिलेगा. इस स्कीम से महिलाओं में सुरक्षा का आभास भी होगा. खंडपीठ ने कहा कि चूंकि इस स्कीम की वजह से ज्यादा संख्या में महिलाएं बसों का उपयोग कर सकेंगी और महिला यात्रियों की अधिक संख्या होने के कारण वे आत्मरक्षा के प्रति जागरूक भी होंगी. इससे महिलाओं को कम खर्च कर क्षेत्र से बाहर जाकर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच भी हासिल हो सकेगी.

उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में मौजूदा समय में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार सत्तासीन हुई है. इससे पहले प्रदेश में जयराम ठाकुर के नेतृत्व में भाजपा की सरकार थी. पूर्व सरकार के समय में सरकारी बसों में महिलाओं को किराए में पचास फीसदी छूट का फैसला लिया गया था. इस फैसले को निजी बस ऑपरेटर्स ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. सुनवाई के दौरान पूर्व में अदालत को बताया गया था कि महिलाओं को किराए में छूट देने का निर्णय कैबिनेट ने लिया था.(Discount in bus fare for women in Himachal).

हिमाचल में वैसे तो सरकारी बसों में महिलाओं को किराए में पच्चीस फीसदी की छूट मिलती थी, लेकिन बाद में पूर्व की जयराम सरकार ने इसे बढ़ाकर 50 फीसदी किया था. याचिका में आरोप लगाया गया था कि राज्य सरकार द्वारा 7 जून 2022 को जारी की गई अधिसूचना कानून के सिद्धांतों के विपरीत है. महिलाओं व पुरुषों के लिए बराबर किराया होना चाहिए. इस विषय में यह दलील दी गई है कि पथ परिवहन निगम द्वारा ग्रीन कार्ड जैसी सुविधाएं देने की वजह से उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है. हाईकोर्ट ने तमाम दलीलों व पक्षों को सुनने के बाद याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उक्त योजना से जमीनी स्तर पर ग्रामीण इलाके की महिलाओं को बहुत लाभ हो रहा है.

ये भी पढे़ं: अडानी समूह को सरकार का नोटिस, हिमाचल के दोनों प्लांट बंद करने का कारण पूछा

शिमला: हिमाचल प्रदेश में महिला यात्रियों को सरकारी बसों में किराए में पचास फीसदी की छूट मिलती रहेगी. बस किराए में छूट के खिलाफ चुनौती देने वाली याचिका को हिमाचल हाई कोर्ट (Himachal High Court) ने खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने किराए में छूट देने से जुड़ी चुनौती याचिका को खारिज करते हुए कहा कि सरकार की इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत लाभ हुआ है.

जमीनी स्तर पर किराए में छूट वाली योजना से कई लाभ देखने को मिले हैं. ग्रामीण इलाकों के साधनहीन परिवारों की लड़कियों को इस स्कीम से आगे पढ़ने के लिए क्षेत्र से बाहर निकलने का मौका मिलेगा. इस स्कीम से महिलाओं में सुरक्षा का आभास भी होगा. खंडपीठ ने कहा कि चूंकि इस स्कीम की वजह से ज्यादा संख्या में महिलाएं बसों का उपयोग कर सकेंगी और महिला यात्रियों की अधिक संख्या होने के कारण वे आत्मरक्षा के प्रति जागरूक भी होंगी. इससे महिलाओं को कम खर्च कर क्षेत्र से बाहर जाकर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच भी हासिल हो सकेगी.

उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में मौजूदा समय में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार सत्तासीन हुई है. इससे पहले प्रदेश में जयराम ठाकुर के नेतृत्व में भाजपा की सरकार थी. पूर्व सरकार के समय में सरकारी बसों में महिलाओं को किराए में पचास फीसदी छूट का फैसला लिया गया था. इस फैसले को निजी बस ऑपरेटर्स ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. सुनवाई के दौरान पूर्व में अदालत को बताया गया था कि महिलाओं को किराए में छूट देने का निर्णय कैबिनेट ने लिया था.(Discount in bus fare for women in Himachal).

हिमाचल में वैसे तो सरकारी बसों में महिलाओं को किराए में पच्चीस फीसदी की छूट मिलती थी, लेकिन बाद में पूर्व की जयराम सरकार ने इसे बढ़ाकर 50 फीसदी किया था. याचिका में आरोप लगाया गया था कि राज्य सरकार द्वारा 7 जून 2022 को जारी की गई अधिसूचना कानून के सिद्धांतों के विपरीत है. महिलाओं व पुरुषों के लिए बराबर किराया होना चाहिए. इस विषय में यह दलील दी गई है कि पथ परिवहन निगम द्वारा ग्रीन कार्ड जैसी सुविधाएं देने की वजह से उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है. हाईकोर्ट ने तमाम दलीलों व पक्षों को सुनने के बाद याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उक्त योजना से जमीनी स्तर पर ग्रामीण इलाके की महिलाओं को बहुत लाभ हो रहा है.

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