शिमला: जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार नए साल में तीसरी दफा कर्ज लेने जा रही है. जनवरी महीने में पांच सौ करोड़ रुपए का कर्ज लेने के बाद अब फरवरी महीने के पहले ही सप्ताह में दो दफा लोन की अधिसूचना जारी हुई है.
दो बार में कुल पांच सौ करोड़ रुपए का कर्ज लिया जाएगा. इसमें से तीन सौ करोड़ रुपए के कर्ज की अधिसूचना के बाद दो सौ करोड़ रुपए के लोन की भी अधिसूचना हुई है. दोनों को मिलाकर पांच सौ करोड़ रुपए का कर्ज 6 फरवरी को सरकारी खजाने में आ जाएगा.
तकनीकी तौर पर देखें तो हिमाचल सरकार ने इस वित्त वर्ष यानी 2019-20 की आखिरी तिमाही में 500 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है. बेशक ये लोन दो किस्तों में है, लेकिन अभी भी राज्य सरकार ने अपनी तय सीमा में ही लोन लिया है. पहली किस्त में लिया जा रहा 300 करोड़ का कर्ज 10 साल के लिए है और 200 करोड़ रुपए का लोन 8 साल के लिए.
कुल पांच सौ करोड़ रुपए के कर्ज की ये रकम ब्याज सहित 10 साल और 8 साल बाद लौटाई जानी है. सरकारी अधिसूचना के मुताबिक 6 फरवरी तक ये पैसा खाते में आ जाएगा. हिमाचल सरकार ने इसके लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और केंद्र सरकार से तय मानकों के अनुसार स्वीकृति ले ली है. ये कर्ज सरकार की तरफ से भरे जाने वाले बांड के अंगेस्ट लिया जा रहा है.
इस वित्त वर्ष में ले लिया 4000 करोड़ का लोन
ताजा कर्ज को मिलाकर राज्य सरकार ने इस वित्त वर्ष में कुल 4000 करोड़ रुपए का लोन ले लिया है. तय नियमों के अनुसार इस साल के लिए हिमाचल की कुल कर्ज लेने की सीमा 4919 करोड़ रुपए है.
इस तरह से हिमाचल सरकार अपने खर्च को चलाने के लिए मार्च माह की समाप्ति तक 900 करोड़ लोन और ले सकती है. बताया जा रहा है कि अब राज्य सरकार मार्च महीने में ही बाकी लोन लेगी. फिलहाल अभी लिए गए पांच सौ करोड़ के कर्ज का कारण सामान्य विकास कार्य पर खर्च बताया गया है.
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