शिमला: हिमाचल में पन बिजली परियोजनाएं राज्य सरकार की कमाई का एक बड़ा साधन है. राज्य सरकार को प्रदेश में स्थापित बिजली परियोजनाओं से राज्य सरकार को रॉयल्टी मिलती है. इसके तहत राज्य सरकार को इन परियोजनाओं से 12 फीसदी तक बिजली फ्री मिलती है. इस बिजली को सरकार बेचकर कमाई करती है. इस साल करीब विभिन्न परियोजनाओं से करीब 622 मिलियन यूनिट बिजली इन परियोजनाओं से मिलेगी, इस बिजली को बेचकर राज्य सरकार करीब 160 करोड़ रुपये कमाएगी.
राज्य में बिजली बोर्ड, सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड सहित कई कंपनियां बिजली तैयार कर रही हैं. इनसे राज्य सरकार को रायल्टी के रूप में फ्री बिजली मिलती है. इस साल करीब 622 मिलियन यूनिट बिजली राज्य सरकार को विभिन्न परियोजनाओं में अपनी हिस्सेदारी की मिलनी है.
हिमाचल में करीब 60 बिजली परियोजनाओं से मिलती है बिजली: प्रदेश सरकार को राज्य में स्थापित करीब 60 पन बिजली परियोजनाओं से बिजली मिलती है. इनमें पांच बड़ी परियोजनाओं में से बास्पा दो से 171.56 मिलियन यूनिट, रणजीत सागर डैम से 77.37 मिलियन यूनिट, मलाना से 68.16 मिलियन यूनिट, लारजी से 76.99 मिलियन यूनिट, चांचू से 18.88 मिलियन यूनिट बिजली मिल रही है. इनके अलावा मध्यम व छोटी परियजाओं से भी बिजली मिल रही है. इस तरह करीब 60 छोटी बड़ी पन बिजली परियोजनाओं से राज्य सरकार को करीब 622 मिलियन यूनिट बिजली सरकार को निशुल्क मिल रही है.
इस बिजली को बेचने के लिए सरकार नई दरें लागू करेगी, जिनको हिमाचल प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने मंजूरी दे दी है. हिमाचल प्रदेश सरकार इस वर्ष 2.57 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली बोर्ड को अपने हिस्से की बिजली बेच सकेगी जो कि पिछले साल की तुलना में 8 पैसे प्रति यूनिट अधिक है. पिछले साल पिछले वित्त वर्ष में सरकार ने 2.49 रुपये प्रति यूनिट की दर से बोर्ड को बिजली बेची थी. इस साल इसमें 8 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की गई है. इस तरह 622 मिलियन यूनिट बिजली बेचकर अबकी बार सरकार 160 रुपये की कमाई करेगी.
सेस लगाकर भी कमाई करेगी राज्य सरकार: राज्य की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने हिमाचल में बिजली तैयार करने वाली परियोजनाओं पर सेस भी लगाया है. हाल ही इस संबंध में एक विधेयक पारित भी सरकार ने करवाया है. इसके तहत राज्य में करीब 172 परियोजाएं सेस के दायरे में आएंगी. इनसे करीब चार हजार करोड़ रूपए सालाना आय होने की संभावना है. हालांकि इस सेस पर कानूनी विवाद हो गया है. इसके अलावा अपनी कमाई बढ़ाने के लिए राज्य सरकार की अगले तीन सालों में करीब 2 हजार मैगावाट की अतिरिक्त बिजली तैयार करने की योजना है.