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कार्यभार संभालते ही राजीव शुक्ला ने फूंका बिगुल, कृषि बिल के खिलाफ सड़कों पर उतरेगी कांग्रेस

हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला ने शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया. इस दौरान राजीव शुक्ला ने कृषि बिल को काला कानून करार दिया. साथ ही कहा कि कृषि बिल के खिलाफ हिमाचल में भी कांग्रेस प्रदर्शन शुरू करेगी. दो से दस अक्तूबर तक प्रदेश भर में आंदोलन शुरू किए जाएंगे और लोगों के बीच जाकर उन्हें केंद्र की किसान विरोधी नीतियों के बारे में अवगत करवाया जाएगा.

rajeev shukla
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Published : Sep 25, 2020, 8:25 PM IST

Updated : Oct 4, 2020, 11:02 PM IST

शिमला: केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि बिल के खिलाफ किसानों के साथ कांग्रेस भी सड़कों पर उतरेगी. हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला ने कृषि बिल को काला कानून करार दिया है. शिमला में बैठक के बाद पत्रकार वार्ता में राजीव शुक्ला ने कहा कि नए बिल से सभी वर्ग प्रभावित होंगे.

इसका विरोध राजनीति दल ही नहीं बल्कि किसान संगठन और सामाजिक संगठन भी इसका विरोध कर रहे हैं. कांग्रेस इस बिल में दो शर्तों जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य तह करना ताकि कोई भी किसानों से कम दामों पर उत्पाद न बेच सके. साथ ही मंडियां और परचेज सेंटर पहले की तरह काम करें.

कृषि बिल के खिलाफ हिमाचल में भी कांग्रेस प्रदर्शन शुरू करेगी. दो से दस अक्टूबर तक प्रदेश भर में आंदोलन शुरू किए जाएंगे और लोगों के बीच जाकर उन्हें केंद्र की किसान विरोधी नीतियों के बारे में अवगत करवाया जाएगा.

वीडियो.

राजीव शुक्ला ने कहा कि इस बिल के बिल के आने से बड़ी कंपनियों द्वारा किसानो से कोडियो के दामो पर उत्पाद खरीदे जायेगे. मोदी सरकार ने कुछ चहेतों को फायदा पहुचाने के लिए ये बिल पारित किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने बिल को लोकसभा में जबरदस्ती पारित किया गया और राज्यसभा में वोटिंग तक नही करवाई गई है.

शुक्ला ने कहा कि किसानों द्वारा आज देश भर में सड़कों पर उतर कर इस बिल का विरोध किया जा रहा है और केंद्र सरकार इस बिल में बदलाव करे ताकि किसान अपना आंदोलन वापस ले.

पढ़ें: हिमाचल में अभी-अभी आए हैं राजीव शुक्ला, BJP से पहले कांग्रेस को समझें: त्रिलोक जम्वाल

शिमला: केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि बिल के खिलाफ किसानों के साथ कांग्रेस भी सड़कों पर उतरेगी. हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला ने कृषि बिल को काला कानून करार दिया है. शिमला में बैठक के बाद पत्रकार वार्ता में राजीव शुक्ला ने कहा कि नए बिल से सभी वर्ग प्रभावित होंगे.

इसका विरोध राजनीति दल ही नहीं बल्कि किसान संगठन और सामाजिक संगठन भी इसका विरोध कर रहे हैं. कांग्रेस इस बिल में दो शर्तों जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य तह करना ताकि कोई भी किसानों से कम दामों पर उत्पाद न बेच सके. साथ ही मंडियां और परचेज सेंटर पहले की तरह काम करें.

कृषि बिल के खिलाफ हिमाचल में भी कांग्रेस प्रदर्शन शुरू करेगी. दो से दस अक्टूबर तक प्रदेश भर में आंदोलन शुरू किए जाएंगे और लोगों के बीच जाकर उन्हें केंद्र की किसान विरोधी नीतियों के बारे में अवगत करवाया जाएगा.

वीडियो.

राजीव शुक्ला ने कहा कि इस बिल के बिल के आने से बड़ी कंपनियों द्वारा किसानो से कोडियो के दामो पर उत्पाद खरीदे जायेगे. मोदी सरकार ने कुछ चहेतों को फायदा पहुचाने के लिए ये बिल पारित किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने बिल को लोकसभा में जबरदस्ती पारित किया गया और राज्यसभा में वोटिंग तक नही करवाई गई है.

शुक्ला ने कहा कि किसानों द्वारा आज देश भर में सड़कों पर उतर कर इस बिल का विरोध किया जा रहा है और केंद्र सरकार इस बिल में बदलाव करे ताकि किसान अपना आंदोलन वापस ले.

पढ़ें: हिमाचल में अभी-अभी आए हैं राजीव शुक्ला, BJP से पहले कांग्रेस को समझें: त्रिलोक जम्वाल

Last Updated : Oct 4, 2020, 11:02 PM IST
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