शिमला: हिमाचल में जनता ने कांग्रेस को चालीस सीटें झोली में डालकर सत्ता का सिंहासन सौंपा, लेकिन शानदार जीत के बावजूद कांग्रेस सरकार पर संकट के बादल घिरते ही रहे हैं. सत्ता मिलने के एक महीने बाद कैबिनेट का विस्तार हो रहा है, लेकिन इसी बीच एक कद्दावर नेता की वायरल चिट्ठी ने संकेत दिया है कि पार्टी में सब ठीक नहीं है. कांग्रेस के एक बड़े नेता ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को चिट्ठी लिखकर सुझाव दिया है कि कैबिनेट में जातीय व क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखा जाए.
यही नहीं, वायरल चिट्ठी में सिरमौर के एक दलित विधायक सहित कांगड़ा से राजपूत समुदाय के प्रभावी विधायक को कैबिनेट में शामिल करने की वकालत की गई है. इसके अलावा कांगड़ा जिले से ही एक बनिया कम्यूनिटी के प्रभावी युवा विधायक की पैरवी की गई है. हिमाचल में दिन भर इस चिट्ठी की चर्चा रही. हालांकि इसमें किसी तरह के हस्ताक्षर नहीं हैं, लेकिन ये बताया जा रहा है कि चिट्ठी उक्त नेता ने ही लिखी है. इससे सिद्ध हो रहा है कि कैबिनेट विस्तार को लेकर पार्टी में सब ठीक नहीं है.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कैबिनेट में अपनी पसंद के युवा चेहरे चाहते हैं. वहीं, डिप्टी सीएम भी अपने समर्थकों को महत्व देने के लिए अड़े हैं. इसी प्रकार होली लॉज भी अपना हिस्सा सम्मानजनक तरीके से चाहता है. ऐसे में संतुलन स्थापित करना मुश्किल का काम साबित हो रहा है. हालांकि आज राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह तय हो गया है और कम से कम पांच मंत्रियों को शपथ दिलाई जा रही है, परंतु वायरल चिट्ठी का मजमून बता रहा है कि आने वाला समय सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के लिए आसान नहीं है.
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