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Milk Production in Himachal: देवभूमि में श्वेत क्रांति, राष्ट्रीय औसत 423 ग्राम के मुकाबले हिमाचल में हर व्यक्ति के हिस्से रोजाना 650 ग्राम दूध - per capita availability of milk in himachal

हिमाचल में दूध उत्पादन के आंकड़े खुशखबरी लेकर आए हैं. सरकार की ओर से विधानसभा में रखे गए आंकड़े बताते हैं कि हिमाचल में पशुधन भले कम हुआ है लेकिन दूध का उत्पादन बढ़ा है. (milk production in himachal)

हिमाचल में दूध उत्पादन
हिमाचल में दूध उत्पादन
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Published : Mar 20, 2023, 1:33 PM IST

शिमला: हिमाचल विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है. इस बीच विधानसभा में सरकार की ओर से रखी गई आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट बताती है कि हिमाचल प्रदेश में पशुधन पहले के मुकाबले बेशक कम हुआ है, लेकिन दूध उत्पादन बढ़ गया है. श्वेत क्रांति के लिहाज से ये सुखद खबर है. देश में प्रति व्यक्ति रोजाना दूध की उपलब्धता के मुकाबले हिमाचल की औसत कहीं अधिक है. हिमाचल में एक दशक में दूध उत्पादन ने लंबी छलांग लगाई है.

कितना बढ़ा दुग्ध उत्पादन- वित्त वर्ष 2012-13 में राज्य का कुल दूध उत्पादन 11.39 लाख मीट्रिक टन था. अब एक दशक में 2022-23 में बढक़र ये 16.54 लाख मीट्रिक टन हो जाएगा. हिमाचल के आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट बताती है कि 31 मार्च को पूरे हो रहे इस वित्तीय वर्ष में अनुमानित दूध उत्पादन 16.54 लाख मीट्रिक टन होगा.

हिमाचल में बढ़ रहा है दूध का उत्पादन
हिमाचल में बढ़ रहा है दूध का उत्पादन

प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता- हिमाचल में प्रति व्यक्ति रोजाना दूध की उपलब्धता भी 650 ग्राम हो गई है. एक दशक पहले ये 455 ग्राम प्रति व्यक्ति रोजाना थी यानी एक दशक में इसमें करीब 200 ग्राम की बढ़ोतरी हुई है. वहीं, राष्ट्रीय औसत की बात करें तो ये रोजाना 423 ग्राम प्रति व्यक्ति है. हिमाचल प्रदेश में गाय के दूध का उत्पादन सबसे अधिक हो रहा है. गोधन से सबसे अधिक दूध मिल रहा है.

दुग्ध उत्पादकों के लिए कदम उठा रही सरकार- कांग्रेस ने चुनाव के दौरान पशुपालकों की आय बढ़ाने और दूध की खरीद बेहतर दामों पर करने का वादा किया था. जिसे पूरा करते हुए सुखविंदर सुक्खू ने बजट में शराब की हर बोतल पर 10 रुपये दुग्ध सेस लगाने का ऐलान किया है. सरकार के मुताबिक मिल्क सेस लगाने से 100 करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त होगा. जिसका इस्तेमाल पशुपालकों की बेहतरी और खासकर उनकी आय बढ़ाने के लिए किया जाएगा. सरकार ने पशुपालकों से 80 रुपये प्रति लीटर गाय का दूध और 100 रुपये प्रति लीटर भैंस का दूध खरीदने का भी ऐलान किया था. जिससे पशुपालकों की आय बढ़ेगी.

गाय के दूध की हिस्सेदारी अधिक है
गाय के दूध की हिस्सेदारी अधिक है

हिमाचल में कम हुआ पशुधन- प्रदेश में इस समय कुल पशुधन 57.55 लाख हैं. 2012 से 2019 में ये पशुधन 59.48 लाख था. इसमें अब 3.24 फीसदी की कमी है. हिमाचल के दूध उत्पादन में 70 फीसदी हिस्सा गाय के दूध का है. भैंस के दूध का हिस्सा 27 फीसदी है. हिमाचल प्रदेश मिल्कफेड दूध उत्पादन में लगे ग्रामीणों को कई सुविधाएं दे रहा है. मिल्कफेड में 1097 दूध उत्पादक समितियां आती हैं, इन समितियों के सदस्यों की संख्या 46,973 है. इस समय दुग्ध उत्पादन से जुड़े 22 चिलिंग प्लांट भी काम कर रहे हैं. हिमाचल में जिला मंडी और कांगड़ा में सबसे अधिक दूध उत्पादन होता है.

हिमाचल प्रदेश में पशुधन से ग्रॉस वेल्यू प्रोडक्शन लगातार बढ़ रहा है. वित्त वर्ष 2022-23 में ये 6,793 करोड़ अनुमानित है. दूध से 93% से अधिक हिस्सा आता है. इसमें दूध से 6324 करोड़, गोबर से 118 करोड़ व ऊन, मांस तथा अन्य से बाकी हिस्सा आता है. हिमाचल प्रदेश में प्रतिदिन अधिकतम 19 लाख मीट्रिक टन दूध की जरूरत है. उम्मीद है कि आने वाले कुछ सालों में हिमाचल दूध की उपलब्धता के मामले में आत्म निर्भर हो जाएगा.

ये भी पढ़ें: Himachal Budget 2023: हिमाचल में शराब की बोतल पर 10 रुपये दुग्ध सेस, दूध उत्पादकों को मिलेगा फायदा

शिमला: हिमाचल विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है. इस बीच विधानसभा में सरकार की ओर से रखी गई आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट बताती है कि हिमाचल प्रदेश में पशुधन पहले के मुकाबले बेशक कम हुआ है, लेकिन दूध उत्पादन बढ़ गया है. श्वेत क्रांति के लिहाज से ये सुखद खबर है. देश में प्रति व्यक्ति रोजाना दूध की उपलब्धता के मुकाबले हिमाचल की औसत कहीं अधिक है. हिमाचल में एक दशक में दूध उत्पादन ने लंबी छलांग लगाई है.

कितना बढ़ा दुग्ध उत्पादन- वित्त वर्ष 2012-13 में राज्य का कुल दूध उत्पादन 11.39 लाख मीट्रिक टन था. अब एक दशक में 2022-23 में बढक़र ये 16.54 लाख मीट्रिक टन हो जाएगा. हिमाचल के आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट बताती है कि 31 मार्च को पूरे हो रहे इस वित्तीय वर्ष में अनुमानित दूध उत्पादन 16.54 लाख मीट्रिक टन होगा.

हिमाचल में बढ़ रहा है दूध का उत्पादन
हिमाचल में बढ़ रहा है दूध का उत्पादन

प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता- हिमाचल में प्रति व्यक्ति रोजाना दूध की उपलब्धता भी 650 ग्राम हो गई है. एक दशक पहले ये 455 ग्राम प्रति व्यक्ति रोजाना थी यानी एक दशक में इसमें करीब 200 ग्राम की बढ़ोतरी हुई है. वहीं, राष्ट्रीय औसत की बात करें तो ये रोजाना 423 ग्राम प्रति व्यक्ति है. हिमाचल प्रदेश में गाय के दूध का उत्पादन सबसे अधिक हो रहा है. गोधन से सबसे अधिक दूध मिल रहा है.

दुग्ध उत्पादकों के लिए कदम उठा रही सरकार- कांग्रेस ने चुनाव के दौरान पशुपालकों की आय बढ़ाने और दूध की खरीद बेहतर दामों पर करने का वादा किया था. जिसे पूरा करते हुए सुखविंदर सुक्खू ने बजट में शराब की हर बोतल पर 10 रुपये दुग्ध सेस लगाने का ऐलान किया है. सरकार के मुताबिक मिल्क सेस लगाने से 100 करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त होगा. जिसका इस्तेमाल पशुपालकों की बेहतरी और खासकर उनकी आय बढ़ाने के लिए किया जाएगा. सरकार ने पशुपालकों से 80 रुपये प्रति लीटर गाय का दूध और 100 रुपये प्रति लीटर भैंस का दूध खरीदने का भी ऐलान किया था. जिससे पशुपालकों की आय बढ़ेगी.

गाय के दूध की हिस्सेदारी अधिक है
गाय के दूध की हिस्सेदारी अधिक है

हिमाचल में कम हुआ पशुधन- प्रदेश में इस समय कुल पशुधन 57.55 लाख हैं. 2012 से 2019 में ये पशुधन 59.48 लाख था. इसमें अब 3.24 फीसदी की कमी है. हिमाचल के दूध उत्पादन में 70 फीसदी हिस्सा गाय के दूध का है. भैंस के दूध का हिस्सा 27 फीसदी है. हिमाचल प्रदेश मिल्कफेड दूध उत्पादन में लगे ग्रामीणों को कई सुविधाएं दे रहा है. मिल्कफेड में 1097 दूध उत्पादक समितियां आती हैं, इन समितियों के सदस्यों की संख्या 46,973 है. इस समय दुग्ध उत्पादन से जुड़े 22 चिलिंग प्लांट भी काम कर रहे हैं. हिमाचल में जिला मंडी और कांगड़ा में सबसे अधिक दूध उत्पादन होता है.

हिमाचल प्रदेश में पशुधन से ग्रॉस वेल्यू प्रोडक्शन लगातार बढ़ रहा है. वित्त वर्ष 2022-23 में ये 6,793 करोड़ अनुमानित है. दूध से 93% से अधिक हिस्सा आता है. इसमें दूध से 6324 करोड़, गोबर से 118 करोड़ व ऊन, मांस तथा अन्य से बाकी हिस्सा आता है. हिमाचल प्रदेश में प्रतिदिन अधिकतम 19 लाख मीट्रिक टन दूध की जरूरत है. उम्मीद है कि आने वाले कुछ सालों में हिमाचल दूध की उपलब्धता के मामले में आत्म निर्भर हो जाएगा.

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