शिमला: हिमाचल प्रदेश में सेब सीजन शुरू हो गया है, लेकिन अभी भी हिमाचल में कार्टन को लेकर विवाद जारी है. इस बार बागवान और आढ़ती दोनों सेब के लिए यूनिवर्सल कार्टन लागू करने की मांग कर रहे हैं. जबकि मौजूदा समय में टेलीस्कोपिक कार्टन ही इस्तेमाल हो रहा है. आखिर टेलीस्कोपिक कार्टन और यूनिवर्सल कार्टन क्या है, इनमें क्या अंतर होता है. आइए समझते हैं.
टेलीस्कोपिक कार्टन: टेलीस्कोपिक कार्टन जैसा कि नाम भी है कि यह टेलीस्कोपिक की तरह होता है. जिस तरह टेलीस्कोप को कम या ज्यादा एलिवेट किया जा सकता है. ठीक उसी तरह टेलीस्कोपिक कार्टन को भी एलिवेट किया जा सकता है. आसान भाषा में कहें तो यह दो कार्टन का एक बाक्स बनता है, जिसमें एक आउटर कार्टन होता है जबकि दूसरा इनर कार्टन होता है. इस तरह आउटर कार्टन को किसी भी एलिवेशन तक ऊपर किया जा सकता है. हालांकि अगर दोनों कार्टन को एक समान रखा जाए तो उसमें भी बीस किलो के आसपास का सेब आ पाएगा, लेकिन टेलीस्कोपिक में आउटर कार्टन को इनर कार्टन से एलिवेट यानी ऊपर उठाया जाता है. इसमें जितने वजन का सेब डालना होता है, उसके मुताबिक आउटर कार्टन को उठाया जाता है. सेब के बॉक्स में सामान्य तौर पर पांच लेयर होनी चाहिए, लेकिन टेलीस्पकोपिक में सात लेयर तक सेब भरा जाता रहा है.
यूनिवर्सल कार्टन: टेलीस्कोपिक कार्टन में जहां दो कार्टन का एक बॉक्स बनाया जाता है. वहीं, इसके ठीक विपरीत यूनिवर्सल सिंगल पीस कार्टन होता है. इसमें इनर और आउटर दो कार्टन नहीं होते. इसको इसलिए ही डिजाइन किया गया है, कि इसमें फिक्स मात्रा में ही 20 किलो के आसपास ही सेब भरा जा सके. इसमें बागवानों के पास सेब ज्यादा भरने का कोई विकल्प नहीं है.
टेलीस्कोपिक कार्टन को तोलने की जरुरत: आढ़ती अनूप चौहान ने बताया कि टेलीस्कोपिक कार्टन में मनमर्जी की पैकिंग कर सकते हैं. क्योंकि इसमें आउटर और इनर दो कार्टन होते हैं. अगर आउटर कार्टन को इनर कार्टन से ऊपर उठाया जाए तो, इसमें 30 किलो तक का सेब आ सकता है. मौजूदा टेलीस्कोपिक कार्टन में लोग मनमर्जी से सेब भर सकते हैं, इसमें दिक्कत यह है कि हर पेटी को तोलना पड़ रहा है, जो संभव नहीं है. जब सेब सीजन चरम पर होगा तो, इसमें बहुत ज्यादा दिक्कत आएगी. इसके विपरीत यूनिवर्सल एक पांच प्लाई का कार्टन होता और यह सिंगल पीस ही होता है, जिसमें आउट और इनर नहीं होता. जाहिर है कि इसमें फिक्स सेब होगा और इसको तोलने की जरूरत नहीं रहेगी.
टेलीस्कोपिक कार्टन बंद करने की मांग: टेलीस्कोपिक कार्टन को बंद करने की मांग बागवान इसलिए कर रहे हैं, ताकि इस तरह का विकल्प ही न रहे कि जिससे बॉक्स में ज्यादा सेब डाला जा सके. हालांकि, यह बागवानों पर निर्भर करता है कि वे इस कार्टन में 20 से लेकर 35 किलो तक सेब पैक कर सकते हैं, लेकिन इस कार्टन के प्रचलित होने से बागवानों से निर्धारित मात्रा में ज्यादा सेब लिया जाता रहा है, यही नहीं मंडियों में ज्यादा वजन वाले सेब की डिमांड खरीददार करते हैं, जो कि अभी तक होता भी आया है.
यूनिवर्सल कार्टन को वजन करने की जरूरत नहीं: हिमाचल सरकार ने इस साल से वजन के हिसाब से सेब बेचने की व्यवस्था की है, लेकिन कार्टन वही पुराना यानी टेलीस्कोपिक ही है, जिसमें बागवानों को सेब तोलने का झंझट है. क्योंकि सेब को कितनी भी मात्रा में भरा जा सकता है. सेब बागवान हैप्पी कहते हैं कि मौजूदा कार्टन डबल पीस है. इसमें सेब की मात्रा का पता नहीं लगता, जब तक इसका वेट नहीं किया जाए. इसके विपरीत यूनिवर्सल कार्टन में फिक्स सेब आता है, इसमें तोलने की दिक्कत नहीं रहती
यूनिवर्सल कार्टन में फिक्स मात्रा में आएगा सेब: बागवान संजीव चौहान का कहना है कि टेलीस्कोपिक में 30 किलो तक सेब जा रहा है. यूनिवर्सल में 20 किलो फिक्स आता है, जो कि अभी आया नहीं है. अगर यूनिवर्सल कार्टन आता तो बागवानों और आढ़तियों को सेब तौलने की जरुरत नहीं होगी. साथ ही सेब के वजन को लेकर विवाद भी नहीं होगा. बागवान अमन वर्मा का कहना है कि अभी तक जो कार्टन इस्तेमाल हो रहा है, वो टेलीस्कोपिक है. इसमें सेब को अपने हिसाब से भर सकते हैं. जबकि यूनिवर्सल कार्टन में अपनी मर्जी के वजन का सेब नहीं भर सकते.