शिमला: हिमाचल में मानसून की भारी बारिश ने जमकर कहर बरपाया है. मानसून की अब तक की बारिश में ₹2100 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो चुका है. इसमें अकेले जल शक्ति विभाग को ही करीब ₹1000 करोड़ की क्षति हुई है. लोक निर्माण विभाग को करीब ₹890 करोड़ का नुकसान अभी तक आंका गया है. प्रदेश में अबकी बार भारी जानी नुकसान भी हुआ है. बारिश में अब तक 91 लोगों की जानें जा चुकी हैं, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं.
₹2100 करोड़ की संपत्ति को नुकसान: प्रदेश में मूसलाधार बारिश से अबकी बार जान-माल का भारी नुकसान हो रहा है. प्रदेश में मानसून की बारिश में सड़कों, पानी की परियोजनाओं, निजी संपत्तियों को अब तक ₹2100 करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है. मानसून शुरू होने से अब तक अकेले लोक निर्माण विभाग को ₹890 करोड़ की क्षति हो चुकी है. भारी बारिश से प्रदेश में सड़कें बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं और कई जगह पुल भी टूट गए हैं. लगातार हो रही बारिश से सड़कों के बंद होने का सिलसिला जारी है.
1110 सड़कें बाधित: प्रदेश में अभी भी 1,110 सड़कें बाधित हैं. इनमें सबसे अधिक 690 सड़कें लोक निर्माण विभाग शिमला जोन के तहत बंद हैं. जबकि मंडी जोन तहत भी 355 सड़कें बंद हैं. हमीरपुर जोन के तहत 23 सड़कें और कांगड़ा जोन के तहत 39 सड़कें बंद पड़ी हैं. हालांकि, लोक निर्माण विभाग सड़कों को बहाल करने के काम में जुटा है, लेकिन कई जगह बारिश से भूस्खलन होने से फिर से सड़कें बंद हो रही हैं. प्रदेश में 834 मशीनें सड़कों को बहाल करने के काम में लगाई गई है.
1040 जल परियोजनाएं बंद: प्रदेश में भारी बारिश से जल शक्ति विभाग की पानी की परियोजनाएं बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं. जल शक्ति विभाग को अभी तक ₹1007 करोड़ नुकसान आंका गया है. मानसून में कुल 6663 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. जिनमें 5197 पेयजल परियोजनाएं हैं, विभाग ने अभी तक 4037 पेयजल परियोजनाओं को बहाल कर दिया हैं, जबकि 1040 परियोजनाएं अभी भी ठप हैं. इससे प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में पानी का संकट हो गया है. पेयजल के अलावा जल शक्ति विभाग की 1264 सिंचाई परियोजनाएं, 71 सीवरेज व 100 अन्य परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हैं. इन परियोजनाओं को बहाल करने में अभी काफी समय लग सकता है.
बिजली बोर्ड को 103 करोड़ का नुकसान: बिजली बोर्ड को इस मानसून की बारिश से करीब ₹103 करोड़ का नुकसान हुआ है. प्रदेश में कई जगह बिजली की लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं और बिजली के खंभे भी टूट गए हैं. इससे कई इलाकों में बिजली गुल है. प्रदेश में बागवानी को भी ₹75 करोड़ से अधिक का नुकसान पहुंचा है. शहरों और नगर निकायों में करीब ₹6.47 करोड़ का नुकसान आंका गया है.
1764 घर और 612 गौशालाएं क्षतिग्रस्त: भारी बारिश के बाद भूस्खलन और बाढ़ से प्रदेश के कई हिस्सों में रियाहशी आवासों, दुकानों और गौशालाओं को भी क्षति पहुंची है. प्रदेश में बरसात शुरू होने से अब तक 1764 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 636 घर पूरी तरह से तबाह हो गए. जबकि 1128 घरों को भी आंशिक क्षति पहुंची है. इनके अलावा 78 दुकानों को भी बारिश से क्षति हुई है. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 612 गौशालाएं भी भारी बारिश में ढही और 612 मवेशियों की भी मौत हुई है.
बारिश में 91 लोगों की जानें गईं: भारी बारिश से प्रदेश में भारी जानी नुकसान हुआ है. मानसून में अब तक प्रदेश में 91 जानें गई हैं. शिमला जिला में 25 लोगों और कुल्लू जिला में 27 लोगों की मौत हुई है. चंबा में 12 लोगों और सोलन में 7 लोगों की मौत ही है. हमीरपुर में 5 लोगों की और सिरमौर में 4 लोगों की मौत हुई है. बिलासपुर और किन्नौर जिला में 3-3 लोगों की जानें गई हैं. वहीं ऊना और मंडी 2-2 लोगों और कांगड़ा में एक की मौत बरसात में हुई हैं. इसके अलावा बरसात में होने वाले हादसों की वजह से एक सौ लोग भी जख्मी हुए हैं.
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