शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून में लगातार हो रही बारिश से जानमाल को भारी नुकसान पहुंच रहा है. प्रदेश में मानसून की बारिश में सड़कें, पेयजल परियोजनाएं, सरकारी और निजी संपत्तियों को अब तक ₹352 करोड़ का नुकसान हो चुका है. लगातार हो रही बारिश से सड़क मार्ग भी बाधित हो रहे हैं. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 168 सड़क मार्ग बाधित हो गए हैं. बरसात में अब तक 43 लोगों और 354 पशुओं की जानें भी गई हैं.
लोक निर्माण विभाग को सबसे ज्यादा नुकसान: हिमाचल प्रदेश में मानसून की बारिश आसमानी आफत बनकर बरस रही है. भारी बारिश की वजह से प्रदेश में अब तक ₹352 करोड़ से अधिक का नुकसान हो हुआ है. सबसे अधिक ₹193.62 करोड़ का नुकसान लोक निर्माण विभाग को हुआ है. लगातार हो रही बारिश सड़कों के बंद होने का सिलसिला भी जारी है. प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में 168 सड़कें बारिश के बाद आए भूस्खलन से बाधित हो गई हैं. इनमें सबसे अधिक 88 सड़कें लोक निर्माण विभाग मंडी जोन के तहत बंद हैं. जबकि शिमला तहत भी 49 सड़कें बंद हो गई हैं. हमीरपुर जोन के तहत 21 सड़कें और कांगड़ा जोन के तहत 10 सड़कें बंद हैं. प्रशासन ने सड़कों को बहाल करने के लिए 164 मशीनें तैनात की हैं.
जल शक्ति विभाग को 127 करोड़ की क्षति: मानसून की बारिश से जल शक्ति विभाग को भी भारी क्षति हुई है. जल शक्ति विभाग को 127 करोड़ का नुकसान हुआ है. विभाग की 2044 परियोजनाएं बारिश से क्षतिग्रस्त हुई है, जिनमें 1694 पेयजल परियोजनाएं शामिल हैं. हालांकि विभाग ने पेयजल परियोजनाओं को अस्थाई तौर पर बहाल कर दिया हैं. इसके अलावा 312 सिंचाई परियोजनाएं, 28 सीवरेज व 10 अन्य परियोजनाएं भी बारिश में प्रभावित हुई हैं.
भारी बारिश से बागवानी भी प्रभावित: मानसून की बारिश से सिर्फ सरकारी विभागों और संपत्तियों को ही नुकसान नहीं पहुंचा है. लगातार हो रही बारिश ने किसानों और बागवानों की कमर तोड़ दी है. बारिश से प्रदेश में बागवानी को भी करीब ₹26 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है. बिजली बोर्ड को भी करीब ₹92 लाख और शहरी विकास विभाग को भी ₹38 लाख को नुकसान बारिश में हुआ है.
बरसात में 43 लोगों की मौत, 79 घायल: मानसून की बारिश में अबकी बार काफी जानी नुकसान भी हो रहा है. प्रदेश में अब तक 43 लोगों की मौत हुई है. इनमें शिमला जिला में 11 लोगों की मौत हुई है. चंबा और कुल्लू जिला में 7-7 लोगों की मौत हुई है. हमीरपुर में 5 लोगों और सोलन व सिरमौर में 3-3 लोगों की मौत बरसात में हुई है. ऊना, और मंडी 2-2 लोगों की मौत हुई है जबकि बिलासपुर, कांगड़ा और किन्नौर एक-एक लोगों की मौत हुई हैं. इसके अलावा बरसात में होने वाले हादसों की वजह से 79 लोग भी घायल हुए हैं. 354 भेड़-बकरियों व पशुओं की मौत भी बरसात में हुई है.
61 मकान और 23 गौशालाएं भी क्षतिग्रस्त: प्रदेश में भारी बारिश से रियाहशी आवासों, दुकानों और गौशालाओं को भी क्षति पहुंची है. प्रदेश में 61 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 10 मकान पूरी तरह से जबकि 51 मकान आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त हुए हैं. इनके अलावा 7 दुकानों को भी बारिश से क्षति हुई है. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 33 गौशालाएं भी भारी बारिश में क्षतिग्रस्त हुई है.
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