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शिमला पहुंचे जस्टिस करोल, पटना HC जाने से पहले ताजा की हिमाचल की स्मृतियां - Senior Judge Sanjay Karol

पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सिफारिश किये जाने पर प्रदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने न्यायाधीश करोल को बधाई दी है. शिमला पहुंचे जस्टिस करोल के सम्मान में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने गोष्ठी का आयोजन किया गया.

Justice Karol
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Published : Oct 23, 2019, 9:46 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश संजय करोल के पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सिफारिश किये जाने पर प्रदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने न्यायाधीश करोल को बधाई दी है. शिमला पहुंचे जस्टिस करोल के सम्मान में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने गोष्ठी का आयोजन किया गया.

आजकल न्यायाधीश संजय करोल त्रिपुरा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हैं और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्यों से मिलने शिमला आये हुए हैं. इस अवसर पर न्यायमूर्ति संजय करोल ने कहा कि उन्हें यह साझा करने में गर्व महसूस होता है कि राष्ट्रीय सूचकांक के अनुसार हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट शीर्ष उच्च न्यायालयों में से एक है. उन्होंने जोर दिया कि बेंच की ताकत मजबूत बार में स्थित है.

उन्होंने कहा कि उनका मुख्य आदर्श विशेष रूप से गरीबों के आंसुओं को मिटा देना है ,जिसके लिए उन्होंने सुलह और मध्यस्थता के तरीकों को भी अपनाया है और पंचायत स्तर पर कानूनी क्लीनिक खोलने का प्रस्ताव भी दिया है, ताकि गरीबों को कानूनी प्रक्रिया से लाभान्वित किया जा सके.

मूल रूप से कांगड़ा के रहने वाले हैं जस्टिस करोल
सुप्रीम कोर्ट द्वारा 29 अक्तूबर को सिफारिश की गई थी कि न्यायाधीश संजय करोल हिमाचल हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश है और वे त्रिपुरा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद पर नियुक्त होने के लिए पूरी तरह से उपयुक्त है. न्यायाधीश संजय करोल का जन्म 23 अगस्त 1961 को कांगड़ा जिले के गरली गांव में हुआ और प्रारंभिक शिक्षा शिमला के सेंट एडवर्ड से प्राप्त की.

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से विधि की उपाधि प्राप्त कर इन्होंने वर्ष 1986 में वकालत शुरू की. वर्ष 1998 से 2003 ये राज्य सरकार के महाधिवक्ता रहे. 8मार्च 2007 को इन्हें हाईकोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया और 25 अप्रैल 2017 से 5 अक्तूबर 2018 तक ये हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रहे.

ये रहे उनके महत्वपूर्ण फैसले
न्यायाधीश संजय करोल ने हिमाचल पदेश की जनता के हितों के लिए अनेक फैसले दिए हैं. शिमला में जानलेवा पीलिया बिमारी के फैलने पर न्यायाधीश संजय करोल ने रात पर जाग कर पानी की सप्लाई की निगरानी की. जाखू रोप-वे बनाए जाने के लिए उन्होंने समय समय पर जरूरी आदेश पारित किये.

शिमला की सड़कों पर ट्रैफिक जाम की समस्या को लेकर जनहित याचिका में संज्ञान लिया. कोटखाई गुड़िया रेप और मर्डर मामले में भी संज्ञान लिया. नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे के किनारों पर शौचालय का निर्माण करवाया जाना सुनिश्चित करवाया. होटलों और पर्यटक स्थानों पर धड़ल्ले से चरस के कारोबार पर लगाम लगाईं.

हिमाचल प्रदेश में अवैध कब्जो को छुडाये जाने बारे समय समय पर जरुरी आदेश पारित किये. हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा चिन्हित क्लस्टर के साथ-साथ प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस कचरे का निस्तारण वैज्ञानिक तरीके से न होने के मामले पर संज्ञान लिया.

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश संजय करोल के पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सिफारिश किये जाने पर प्रदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने न्यायाधीश करोल को बधाई दी है. शिमला पहुंचे जस्टिस करोल के सम्मान में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने गोष्ठी का आयोजन किया गया.

आजकल न्यायाधीश संजय करोल त्रिपुरा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हैं और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्यों से मिलने शिमला आये हुए हैं. इस अवसर पर न्यायमूर्ति संजय करोल ने कहा कि उन्हें यह साझा करने में गर्व महसूस होता है कि राष्ट्रीय सूचकांक के अनुसार हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट शीर्ष उच्च न्यायालयों में से एक है. उन्होंने जोर दिया कि बेंच की ताकत मजबूत बार में स्थित है.

उन्होंने कहा कि उनका मुख्य आदर्श विशेष रूप से गरीबों के आंसुओं को मिटा देना है ,जिसके लिए उन्होंने सुलह और मध्यस्थता के तरीकों को भी अपनाया है और पंचायत स्तर पर कानूनी क्लीनिक खोलने का प्रस्ताव भी दिया है, ताकि गरीबों को कानूनी प्रक्रिया से लाभान्वित किया जा सके.

मूल रूप से कांगड़ा के रहने वाले हैं जस्टिस करोल
सुप्रीम कोर्ट द्वारा 29 अक्तूबर को सिफारिश की गई थी कि न्यायाधीश संजय करोल हिमाचल हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश है और वे त्रिपुरा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद पर नियुक्त होने के लिए पूरी तरह से उपयुक्त है. न्यायाधीश संजय करोल का जन्म 23 अगस्त 1961 को कांगड़ा जिले के गरली गांव में हुआ और प्रारंभिक शिक्षा शिमला के सेंट एडवर्ड से प्राप्त की.

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से विधि की उपाधि प्राप्त कर इन्होंने वर्ष 1986 में वकालत शुरू की. वर्ष 1998 से 2003 ये राज्य सरकार के महाधिवक्ता रहे. 8मार्च 2007 को इन्हें हाईकोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया और 25 अप्रैल 2017 से 5 अक्तूबर 2018 तक ये हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रहे.

ये रहे उनके महत्वपूर्ण फैसले
न्यायाधीश संजय करोल ने हिमाचल पदेश की जनता के हितों के लिए अनेक फैसले दिए हैं. शिमला में जानलेवा पीलिया बिमारी के फैलने पर न्यायाधीश संजय करोल ने रात पर जाग कर पानी की सप्लाई की निगरानी की. जाखू रोप-वे बनाए जाने के लिए उन्होंने समय समय पर जरूरी आदेश पारित किये.

शिमला की सड़कों पर ट्रैफिक जाम की समस्या को लेकर जनहित याचिका में संज्ञान लिया. कोटखाई गुड़िया रेप और मर्डर मामले में भी संज्ञान लिया. नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे के किनारों पर शौचालय का निर्माण करवाया जाना सुनिश्चित करवाया. होटलों और पर्यटक स्थानों पर धड़ल्ले से चरस के कारोबार पर लगाम लगाईं.

हिमाचल प्रदेश में अवैध कब्जो को छुडाये जाने बारे समय समय पर जरुरी आदेश पारित किये. हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा चिन्हित क्लस्टर के साथ-साथ प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस कचरे का निस्तारण वैज्ञानिक तरीके से न होने के मामले पर संज्ञान लिया.

हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के वरिष्ठ  न्यायाधीश संजय करोल के पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सिफारिश किये जाने पर प्रदेश हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने न्यायाधीश करोल को बधाई दी है। उनके सम्मान में हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने गोष्ठी का आयोजन किया गया। आजकल न्यायाधीश संजय करोल त्रिपुरा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश है और हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्यों से मिलने शिमला आये हुए है।
इस अवसर पर  न्यायमूर्ति संजय करोल ने कहा कि उन्हें यह साझा करने में गर्व महसूस होता है कि राष्ट्रीय सूचकांक के अनुसार हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट शीर्ष उच्च न्यायालयों में से एक है। उन्होंने जोर दिया कि बेंच की ताकत मजबूत बार में स्थित है। उन्होंने कहा कि उनका मुख्य आदर्श  विशेष रूप से गरीबों के आंसुओं को मिटा देना है ,जिसके लिए उन्होंने सुलह और मध्यस्थता  के तरीकों को भी अपनाया है और पंचायत स्तर पर कानूनी क्लीनिक खोलने का प्रस्ताव भी दिया है, ताकि गरीबों को कानूनी प्रक्रिया से  लाभान्वित किया जा सके।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा 29 अक्तूबर को सिफारिश की गई थी कि न्यायाधीश संजय करोल हिमाचल हाई कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश है और वे त्रिपुरा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद पर नियुक्त होने के लिए पूरी तरह से उपयुक्त है।
न्यायाधीश संजय करोल का जन्म 23अगस्त 1961 को कांगड़ा जिले के गरली गाँव में हुआ और प्रारंभिक शिक्षा शिमला के सेंट एडवर्ड से प्राप्त की। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से विधि की उपाधि प्राप्त कर इन्होने  वर्ष 1986 में वकालत शुरू की। वर्ष 1998 से 2003 ये राज्य सरकार के महाधिवक्ता रहे। 8मार्च 2007 को इन्हें हाई कोर्ट जा न्यायाधीश नियुक्त किया गया और 25अप्रैल 2017 से 5अक्तूबर 2018 तक ये हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रहे।

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न्यायाधीश संजय करोल ने हिमाचल पदेश की  जनता के हितो के लिए  अनेक फैसले दिए है। शिमला में जानलेवा पीलिया बिमारी के फैलने पर न्यायाधीश संजय करोल ने रात पर जाग कर पानी की सप्लाई की निगरानी की। जाखू रोपवे बनाए जाने के लिए उन्होंने समय समय पर जरुरी आदेश पारित किये। शिमला की सडक़ों पर ट्रैफिक जाम की समस्या को लेकर जनहित याचिका में संज्ञान लिया। कोटखाई गुडिया रेप और मर्डर मामले में भी संज्ञान लिया। नेशनल हाई वे और स्टेट हाई वे के किनारों पर शौचालय का निर्माण करवाया जाना सुनिशिचित करवाया। होटलों और पर्यटक स्थानों पर धड़ल्ले से चरस के कारोबार पर लगाम लगाईं। हिमाचल प्रदेश में अवैध कब्जो को छुडाये जाने बारे समय समय पर जरुरी आदेश पारित किये।  

हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा चिन्हित क्लस्टर के साथ.साथ प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस कचरे का निस्तारण वैज्ञानिक तरीके से न होने के मामले पर संज्ञान लिया
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