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जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा व सड़क सुधार पर अधिक ध्यान देने की जरूरत : राज्यपाल

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Published : Jan 22, 2020, 11:27 AM IST

शिमला के राजभवन में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने जनजातीय विकास विभाग की बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान उन्होंने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी जारी किए.

Governor chaired the meeting of Tribal Development Department
बैठक की अध्यक्षता करते राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय

शिमला: राजधानी शिमला के राजभवन में मंगलवार को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने जनजातीय विकास विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि दुर्गम क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और व्यावसायिक शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है.

बैठक के दौरान राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र राज्य के 42.49 प्रतिशत भू-भाग में फैले हैं और कुल जनसंख्या का 5.71 प्रतिशत जनजातीय लोगों का है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कुल बजट का 9 प्रतिशत जनजातीय क्षेत्रों पर व्यय कर रही है और इस वित्त वर्ष में जनजातीय उपयोजना के अन्तर्गत 639 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

राज्यपाल ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों के सभी 38537 घरों में बिजली और पीने के पानी की व्यवस्था है. उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि जनजातीय क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति आय सामान्यता गैर जनजातीय क्षेत्रों से ज्यादा है.

Governor chaired the meeting of Tribal Development Department
बैठक की अध्यक्षता करते राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय

बता दें कि साल 2017-18 के आंकड़ों के अनुसार हिमाचल प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 160711 की अपेक्षा किन्नौर में 208137 और लाहौल-स्पीति में 217160 है. वहीं, जनजातीय क्षेत्रों में लिंग अनुपात 1018 है, जो प्रदेश के 972 के लिंग अनुपात की तुलना में बेहतर है.

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने बैठक के दौरान जनजातीय क्षेत्रों में कार्यरत स्कूलों में स्टाफ, लड़के और लड़कियों की संख्या और परिणाम की प्रतिशत प्रति स्कूल उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए. इसी प्रकार राज्यपाल ने स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सकों और पैरा मेडिकल स्टाफ, विशेषज्ञ सेवाओं और अस्पतालों में बिस्तरों की क्षमता पर भी रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं.

राज्यपाल ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में कौशल विकास पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है और व्यावसायिक संस्थानों को आईटीआई और उद्योगों से संबद्ध कर रोजगार की समस्या को दूर किया जा सकता है. उन्होंने आदर्श स्कूलों की संख्या बढ़ाने और ड्रॉप आउट विद्यार्थियों के लिए विशेष कक्षाएं लगाने के निर्देश भी दिए. उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें: केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर चैंपियंस फॉर चेंज अवॉर्ड ते सम्मानित, देखा हिमाचल री बड्डी खबरां

शिमला: राजधानी शिमला के राजभवन में मंगलवार को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने जनजातीय विकास विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि दुर्गम क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और व्यावसायिक शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है.

बैठक के दौरान राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र राज्य के 42.49 प्रतिशत भू-भाग में फैले हैं और कुल जनसंख्या का 5.71 प्रतिशत जनजातीय लोगों का है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कुल बजट का 9 प्रतिशत जनजातीय क्षेत्रों पर व्यय कर रही है और इस वित्त वर्ष में जनजातीय उपयोजना के अन्तर्गत 639 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

राज्यपाल ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों के सभी 38537 घरों में बिजली और पीने के पानी की व्यवस्था है. उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि जनजातीय क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति आय सामान्यता गैर जनजातीय क्षेत्रों से ज्यादा है.

Governor chaired the meeting of Tribal Development Department
बैठक की अध्यक्षता करते राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय

बता दें कि साल 2017-18 के आंकड़ों के अनुसार हिमाचल प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 160711 की अपेक्षा किन्नौर में 208137 और लाहौल-स्पीति में 217160 है. वहीं, जनजातीय क्षेत्रों में लिंग अनुपात 1018 है, जो प्रदेश के 972 के लिंग अनुपात की तुलना में बेहतर है.

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने बैठक के दौरान जनजातीय क्षेत्रों में कार्यरत स्कूलों में स्टाफ, लड़के और लड़कियों की संख्या और परिणाम की प्रतिशत प्रति स्कूल उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए. इसी प्रकार राज्यपाल ने स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सकों और पैरा मेडिकल स्टाफ, विशेषज्ञ सेवाओं और अस्पतालों में बिस्तरों की क्षमता पर भी रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं.

राज्यपाल ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में कौशल विकास पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है और व्यावसायिक संस्थानों को आईटीआई और उद्योगों से संबद्ध कर रोजगार की समस्या को दूर किया जा सकता है. उन्होंने आदर्श स्कूलों की संख्या बढ़ाने और ड्रॉप आउट विद्यार्थियों के लिए विशेष कक्षाएं लगाने के निर्देश भी दिए. उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें: केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर चैंपियंस फॉर चेंज अवॉर्ड ते सम्मानित, देखा हिमाचल री बड्डी खबरां

Intro:जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा व सड़क सुधार पर अधिक ध्यान देने की जरूरत: राज्यपाल

राजभवन में आयोजित जनजातीय विकास विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए आज यहां राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि इन क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और व्यावसायिक शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
Body:राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र राज्य के 42.49 प्रतिशत भू-भाग में फैले हैं और कुल जनसंख्या का 5.71 प्रतिशत जनजातीय लोगों का है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कुल बजट का 9 प्रतिशत जनजातीय क्षेत्रों पर व्यय कर रही है और इस वित्त वर्ष में जन-जातीय उप योजना के अन्तर्गत 639 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों के सभी 38537 घरों में बिजली और पीने के पानी की व्यवस्था है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि जनजातीय क्षेत्रों मेें प्रति व्यक्ति आय सामान्यतः गैर जनजातीय क्षेत्रों से अधिक है। वर्ष 2017-18 के आंकड़ों के अनुसार हिमाचल प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 160711 की अपेक्षा किन्नौर में 208137 और लाहौल-स्पिति में 217160 है। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में लिंग अनुपात 1018 है, जो प्रदेश के 972 के लिंग अनुपात की तुलना में बेहतर है।

दत्तात्रेय ने जनजातीय क्षेत्रों में कार्यरत स्कूलों में स्टाफ, लड़के और लड़कियों की संख्या और परिणाम की प्रतिशत प्रति स्कूल उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। इसी प्रकार, स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सकों और पैरा मेडिकल स्टाफ, विशेषज्ञ सेवाओं और अस्पतालों में बिस्तरों की क्षमता पर भी रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। उन्होंने विभाग से प्राकृतिक कृषि अपना रहे किसानों की संख्या और छोटे स्तर पर प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करने वाले स्थानीय लोगों की रिपोर्ट प्रेषित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में टेलीमेडिसन को और विस्तार देने की आवश्यकता है। उन्होंने विभाग से प्रधानमंत्री सड़क योजना के अन्तर्गत शेष बचे गांवों की जानकारी और जिन सड़कों की स्थिति ठीक नहीं है, उस बारे अवगत करवाने के भी निर्देश दिए।

Conclusion:राज्यपाल ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में कौशल विकास पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है और व्यावसायिक संस्थानों को आई.टी.आई. और उद्योगों से संबद्ध कर रोजगार की समस्या को दूर किया जा सकता है। उन्होंने आदर्श स्कूलों की संख्या बढ़ाने और ड्राॅप आऊट विद्यार्थियों के लिए विशेष कक्षाएं लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
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