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पराला मंडी में धोखाधड़ी का मामला, पेटी में ऊपर सेब और नीचे नाशपाती - सेब सीजन

पराला मंडी में सेब सीजन की शुरुआत में ही धोखाधड़ी के मामले सामने आने लगे हैं. इस तरह की धोखेबाजी से सेब सीजन पर बुरा असर पड़ सकता है. सब्जी मंडियों में मौजूद आढ़तियों ने बागवानों को ऐसे काम ना करने की अपील की है.

fraud case during apple season in Parala Mandi
फोटो.
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Published : Jul 12, 2020, 6:11 PM IST

ठियोग: हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाको में सेब का सीजन अब शुरू हो गया है. प्रदेश की मंडियों में सेब की आवक अब हर रोज बढ़ रही है. इन दिनों बागवानों को अर्ली वैरायटी के सेब की अच्छी कीमतें मिल रही हैं. स्टोन फ्रूट के बाद सेब के अच्छे दाम मिलने से बगवान खुश नजर आ रहे हैं.

बता दें कि बीते कुछ समय से बागवानों को चिंता सता रही थी कि कोरोना काल में उन्हें सेब के अच्छे दाम नहीं मिलेंगे, लेकिन उम्मीद से अच्छी कीमत मिलने से बागवानों की चिंता दूर हो गई है. सेब सीजन के दौरान कुछ बागवान कच्ची फसल भी मंडियों में पहुंचा रहे हैं. जिसके चलते अन्य बागवानों को इसके परिणाम भुगतने पड़ रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

ऊपरी शिमला की सबसे बड़ी पराला मंडी में भी एक ऐसा ही मामला देखने को मिला. जहां एक बगवान अपनी सेब की पेटियां लेकर आया. मंडी में उसकी सेब की पेटी खुलते ही बोली शुरू हुई. पेटी की बोली 1200 से शुरू होकर 1800 तक पहुंच गई, लेकिन फिर व्यापारियों ने सेब लेने से एकाएक मना कर दिया. सेब की पेटी में दो तह के बाद तीसरी तह में सेब की जगह नाशपाती और कच्चा हरा सेब भरा हुआ मिला.

इस तरह की धोखाधड़ी देख मंडी में मौजूद हर व्यापारी हैरान रह गया. इस घटना से बागवानों को चिंता सता रही है कि कालाबाजारी से सेब के दाम गिर सकते हैं. इसका सेब के व्यापार और बागवानों के विश्वास पर बुरा असर पड़ेगा.

मौके पर मौजूद आढ़तियों ने बागवानों को साफ नसीहत देते हुए कहा कि इस तरह के काम से व्यापारी लोगों के पैसे नहीं देते. जिसकी वजह से सभी लोगों को परेशानी होती है. उन्होंने कहा कि बागवानों को ऐसे काम नहीं करने चाहिए जिससे सीजन पर बुरा असर पड़े.

ये भी पढ़ें: 'एक पेड़ पुरानी पेंशन के नाम' अभियान की शुरुआत, NPS कर्मचारियों ने किया पौधारोपण

ठियोग: हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाको में सेब का सीजन अब शुरू हो गया है. प्रदेश की मंडियों में सेब की आवक अब हर रोज बढ़ रही है. इन दिनों बागवानों को अर्ली वैरायटी के सेब की अच्छी कीमतें मिल रही हैं. स्टोन फ्रूट के बाद सेब के अच्छे दाम मिलने से बगवान खुश नजर आ रहे हैं.

बता दें कि बीते कुछ समय से बागवानों को चिंता सता रही थी कि कोरोना काल में उन्हें सेब के अच्छे दाम नहीं मिलेंगे, लेकिन उम्मीद से अच्छी कीमत मिलने से बागवानों की चिंता दूर हो गई है. सेब सीजन के दौरान कुछ बागवान कच्ची फसल भी मंडियों में पहुंचा रहे हैं. जिसके चलते अन्य बागवानों को इसके परिणाम भुगतने पड़ रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

ऊपरी शिमला की सबसे बड़ी पराला मंडी में भी एक ऐसा ही मामला देखने को मिला. जहां एक बगवान अपनी सेब की पेटियां लेकर आया. मंडी में उसकी सेब की पेटी खुलते ही बोली शुरू हुई. पेटी की बोली 1200 से शुरू होकर 1800 तक पहुंच गई, लेकिन फिर व्यापारियों ने सेब लेने से एकाएक मना कर दिया. सेब की पेटी में दो तह के बाद तीसरी तह में सेब की जगह नाशपाती और कच्चा हरा सेब भरा हुआ मिला.

इस तरह की धोखाधड़ी देख मंडी में मौजूद हर व्यापारी हैरान रह गया. इस घटना से बागवानों को चिंता सता रही है कि कालाबाजारी से सेब के दाम गिर सकते हैं. इसका सेब के व्यापार और बागवानों के विश्वास पर बुरा असर पड़ेगा.

मौके पर मौजूद आढ़तियों ने बागवानों को साफ नसीहत देते हुए कहा कि इस तरह के काम से व्यापारी लोगों के पैसे नहीं देते. जिसकी वजह से सभी लोगों को परेशानी होती है. उन्होंने कहा कि बागवानों को ऐसे काम नहीं करने चाहिए जिससे सीजन पर बुरा असर पड़े.

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