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पूर्व DGP मन्हास के बेटे की अग्रिम जमानत याचिका खारिज, करोड़ों की धोखाधड़ी का है मामला

प्रदेश पुलिस के पूर्व डीजीपी डीएस मन्हास के बेटे अमिल मन्हास की अग्रिम जमानत याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. अमिल के खिलाफ एक्साइज विभाग से करोड़ों की धोखाधड़ी का आरोप है.

फाइल फोटो
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Published : Sep 27, 2019, 7:45 PM IST

शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व डीजीपी डीएस मन्हास के बेटे अमिल मन्हास की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. न्यायाधीश संदीप शर्मा ने धोखाधड़ी के आरोपी अमिल मन्हास की जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट में उपस्थित न होने पर ये अग्रिम जमानत याचिका खारिज की है.

प्रार्थी को कोर्ट से बीते 23 सितंबर को अंतरिम अग्रिम जमानत मिली हुई थी. अमिल मन्हास पर राज्य सतर्कता व भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो थाना ऊना में भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 465, 467, 471 और 234 व इन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी अधिनियम की धारा 61 के तहत 5 सितम्बर को प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

मामले में पूर्व डीजीपी की बहु हरप्रिया मन्हास पर भी इन्हीं आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है. हरप्रिया मन्हास को हाईकोर्ट से अंतरिम अग्रिम जमानत मिली हुई है और उसकी जमानत याचिका पर आगामी 4 अक्टूबर को हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है.

ऑडिट के दौरान पाया गया था कि शराब की फर्मों के लाइसेंस धारक रोहित कुमार ने जो ई-चालान जमा करवाए थे उनका सत्यापन नहीं हो पा रहा है. जांच के दौरान सत्यापन के लिए सौंपे गए ई-चालान फर्जी पाए गए हैं. जांच में पाया गया कि प्रार्थी अमिल द्वारा दिया गया चेक बाउंस हो गया था.

बता दें कि ऊना में एक्साइज विभाग के साथ शराब की दो फर्मों ने करीब 2 करोड़ 63 लाख की धोखाधड़ी की थी. मामले में एक्साइज विभाग ने विजिलेंस में मामला दर्ज करवाया था. एक्साइज विभाग ने हिमाचल प्रदेश के पूर्व डीजीपी के बेटे अमिल और बहू हरप्रिया के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था.

मामले का खुलासा होने के बाद एक्साइज विभाग ने दोनों फर्मों को बकाया राशि जमा करवाने के लिए नोटिस भी जारी किए थे और जब एक्साइज विभाग ने अपने पास जमा एफडीआर की जांच करवाई तो वो भी फर्जी पाई गईं. आबकारी एवं कराधान विभाग के अनुसार, शराब की दो फर्मों ने विभाग के साथ 2.63 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी, जिसे लेकर विजिलेंस में शिकायत दर्ज हुई थी.

शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व डीजीपी डीएस मन्हास के बेटे अमिल मन्हास की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. न्यायाधीश संदीप शर्मा ने धोखाधड़ी के आरोपी अमिल मन्हास की जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट में उपस्थित न होने पर ये अग्रिम जमानत याचिका खारिज की है.

प्रार्थी को कोर्ट से बीते 23 सितंबर को अंतरिम अग्रिम जमानत मिली हुई थी. अमिल मन्हास पर राज्य सतर्कता व भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो थाना ऊना में भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 465, 467, 471 और 234 व इन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी अधिनियम की धारा 61 के तहत 5 सितम्बर को प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

मामले में पूर्व डीजीपी की बहु हरप्रिया मन्हास पर भी इन्हीं आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है. हरप्रिया मन्हास को हाईकोर्ट से अंतरिम अग्रिम जमानत मिली हुई है और उसकी जमानत याचिका पर आगामी 4 अक्टूबर को हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है.

ऑडिट के दौरान पाया गया था कि शराब की फर्मों के लाइसेंस धारक रोहित कुमार ने जो ई-चालान जमा करवाए थे उनका सत्यापन नहीं हो पा रहा है. जांच के दौरान सत्यापन के लिए सौंपे गए ई-चालान फर्जी पाए गए हैं. जांच में पाया गया कि प्रार्थी अमिल द्वारा दिया गया चेक बाउंस हो गया था.

बता दें कि ऊना में एक्साइज विभाग के साथ शराब की दो फर्मों ने करीब 2 करोड़ 63 लाख की धोखाधड़ी की थी. मामले में एक्साइज विभाग ने विजिलेंस में मामला दर्ज करवाया था. एक्साइज विभाग ने हिमाचल प्रदेश के पूर्व डीजीपी के बेटे अमिल और बहू हरप्रिया के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था.

मामले का खुलासा होने के बाद एक्साइज विभाग ने दोनों फर्मों को बकाया राशि जमा करवाने के लिए नोटिस भी जारी किए थे और जब एक्साइज विभाग ने अपने पास जमा एफडीआर की जांच करवाई तो वो भी फर्जी पाई गईं. आबकारी एवं कराधान विभाग के अनुसार, शराब की दो फर्मों ने विभाग के साथ 2.63 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी, जिसे लेकर विजिलेंस में शिकायत दर्ज हुई थी.

प्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व डीजीपी डॉक्टर डीएस मन्हास के पुत्र अमिल मन्हास की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने धोखाधड़ी के आरोपी अमिल मन्हास के जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट में उपस्थित न होने पर यह अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। प्रार्थी को कोर्ट से गत 23 सितम्बर को अंतरिम अग्रिम जमानत मिली हुई थी। अमिल मन्हास पर राज्य सतर्कता व भ्र्ष्टाचार निरोधक ब्यूरो थाना ऊना में भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 465, 467, 471 और 234 व इन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी अधिनियम की धारा 61 के तहत 5 सितम्बर को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस मामले में पूर्व डीजीपी की पुत्रवधू हरप्रिया मन्हास पर भी इन्ही आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है। हरप्रिया मन्हास को हाईकोर्ट से अंतरिम अग्रिम जमानत मिली हुई है और उसकी जमानत याचिका पर सुनवाई 4 अक्तूबर को निर्धारित की गई है। ऑडिट के दौरान पाया गया था कि शराब की फर्मों के लाइसेंस धारक रोहित कुमार द्वारा जमा किये गए ई चालान का सत्यापन नहीं हो पा रहा है। सत्यापन के लिए सौंपे गए ई चालान फर्जी भी पाए गए। जांच में यह भी पाया गया है कि प्रार्थी अमिल द्वारा दिया गया चेक बाउंस हो गया। ज्ञात रहे कि ऊना में एक्साइज विभाग के साथ शराब की 2 फर्मों द्वारा करीब 2 करोड़ 63 लाख की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। इस मामले में एक्साइज विभाग ने विजिलैंस में मामला दर्ज करवाया है। इस पूरे मामले में हिमाचल प्रदेश के पूर्व डीजीपी के बेटे अमिल व बहू हरप्रिया के खिलाफ एक्साइज विभाग ने मामला दर्ज करवाया है। मामले का खुलासा होने के बाद एक्साइज विभाग ने दोनों फर्मों को बकाया राशि जमा करवाने के लिए नोटिस भी जारी किए थे और जब एक्साइज विभाग ने अपने पास जमा एफडीआर चैक करवाई तो वो भी फर्जी पाई गईं। आबकारी एवं कराधान विभाग के अनुसार शराब की 2 फर्मों द्वारा विभाग के साथ 2.63 करोड रुपए धोखाधड़ी की गई थी, जिसे लेकर विजिलैंस में शिकायत दर्ज की गई  है।
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