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50 हजार करोड़ के कर्ज में डूबी जयराम सरकार को राहत, एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट ने जुटाए 6421.55 करोड़ - ईटीवी भारत

हिमाचल सरकार के लिए एक राहत भरी खबर है. जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को आबकारी व कराधान विभाग ने खुश होने का मौका दिया है. मौजूदा वित्त वर्ष यानी 2018-19 में आबकारी व कराधान विभाग ने 6421.55 करोड़ रुपये जुटाए हैं.

जयराम ठाकुर
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Published : Jul 20, 2019, 11:21 PM IST

शिमला: पचास हजार करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज में डूबी हिमाचल सरकार के लिए एक राहत भरी खबर है. जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को आबकारी व कराधान विभाग ने खुश होने का मौका दिया है. मौजूदा वित्त वर्ष यानी 2018-19 में आबकारी व कराधान विभाग ने 6421.55 करोड़ रुपये जुटाए हैं.

ये रकम विभाग की तरफ से तय लक्ष्य 5860.63 करोड़ रुपये से 1159.74 करोड़ रुपये अधिक है. आबकारी व कराधान विभाग के प्रधान सचिव संजय कुंडू के अनुसार तय लक्ष्य से अधिक राजस्व जुटाने में मिली कामयाबी से सरकार को राहत मिली है.

आबकारी एवं कराधान विभाग ने वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान 5860.63 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 6421.55 करोड़ रुपये एकत्रित किए हैं, जबकि इस वर्ष मई माह तक विभाग ने 1159.74 करोड़ एकत्रित किए हैं.

संजय कुंडु ने राजस्व लक्ष्यों को हासिल करने में विभाग के प्रदर्शन पर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि सभी 'हेड्सÓ के तहत बकाया राशि को सरकारी खजाने में जमा करने को विशेष अभियान आयोजित किए जाएंगे. कुंडू के अनुसार, हालांकि विभाग ने लक्ष्य से अधिक हासिल किया है, फिर भी लंबित बकाया राशि चिंता की बात है.

विभाग राजस्व और टोल नीति को और अधिक प्रभावी बनाने पर काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि आबकारी नीति में आवश्यक संशोधन करके इसे पर्यटक मित्र बनाया जाएगा. उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश के पास खुद के आर्थिक संसाधन न के बराबर हैं. हिमाचल प्रदेश राजस्व के लिए बिजली की बिक्री, शराब से मिलने वाली रकम और फलों के उत्पादन पर अधिक निर्भर है. हिमाचल प्रदेश ने सालान एक हजार करोड़ रुपये की बिजली की बिक्री का लक्ष्य तय किया है.

शिमला: पचास हजार करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज में डूबी हिमाचल सरकार के लिए एक राहत भरी खबर है. जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को आबकारी व कराधान विभाग ने खुश होने का मौका दिया है. मौजूदा वित्त वर्ष यानी 2018-19 में आबकारी व कराधान विभाग ने 6421.55 करोड़ रुपये जुटाए हैं.

ये रकम विभाग की तरफ से तय लक्ष्य 5860.63 करोड़ रुपये से 1159.74 करोड़ रुपये अधिक है. आबकारी व कराधान विभाग के प्रधान सचिव संजय कुंडू के अनुसार तय लक्ष्य से अधिक राजस्व जुटाने में मिली कामयाबी से सरकार को राहत मिली है.

आबकारी एवं कराधान विभाग ने वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान 5860.63 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 6421.55 करोड़ रुपये एकत्रित किए हैं, जबकि इस वर्ष मई माह तक विभाग ने 1159.74 करोड़ एकत्रित किए हैं.

संजय कुंडु ने राजस्व लक्ष्यों को हासिल करने में विभाग के प्रदर्शन पर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि सभी 'हेड्सÓ के तहत बकाया राशि को सरकारी खजाने में जमा करने को विशेष अभियान आयोजित किए जाएंगे. कुंडू के अनुसार, हालांकि विभाग ने लक्ष्य से अधिक हासिल किया है, फिर भी लंबित बकाया राशि चिंता की बात है.

विभाग राजस्व और टोल नीति को और अधिक प्रभावी बनाने पर काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि आबकारी नीति में आवश्यक संशोधन करके इसे पर्यटक मित्र बनाया जाएगा. उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश के पास खुद के आर्थिक संसाधन न के बराबर हैं. हिमाचल प्रदेश राजस्व के लिए बिजली की बिक्री, शराब से मिलने वाली रकम और फलों के उत्पादन पर अधिक निर्भर है. हिमाचल प्रदेश ने सालान एक हजार करोड़ रुपये की बिजली की बिक्री का लक्ष्य तय किया है.

50 हजार करोड़ के कर्ज में डूबी जयराम सरकार को राहत, एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट ने जुटाए 6421.55 करोड़
शिमला। पचास हजार करोड़ रुपए से अधिक के कर्ज में डूबी हिमाचल सरकार के लिए एक राहत भरी खबर है। जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को आबकारी व कराधान विभाग ने खुश होने का मौका दिया है। मौजूदा वित्त वर्ष यानी 2018-19 में आबकारी व कराधान विभाग ने 6421.55 करोड़ रुपए जुटाए है। ये रकम विभाग की तरफ से तय लक्ष्य 5860.63 करोड़ रुपए से 1159.74 करोड़ रुपए अधिक है। आबकारी व कराधान विभाग के प्रधान सचिव संजय कुंडू के अनुसार तय लक्ष्य से अधिक राजस्व जुटाने में मिली कामयाबी से सरकार को राहत मिली है।
आबकारी एवं कराधान विभाग ने वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान 5860.63 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 6421.55 करोड़ रुपये एकत्रित किए हैं, जबकि इस वर्ष मई माह तक विभाग ने 1159.74 करोड़ एकत्रित किए हैं।
संजय कुंडु ने राजस्व लक्ष्यों को हासिल करने में विभाग के प्रदर्शन पर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि सभी 'हेड्सÓ के तहत बकाया राशि को सरकारी खजाने में जमा करने को विशेष अभियान आयोजित किए जाएंगे। कुंडू के अनुसार हालांकि विभाग ने लक्ष्य से अधिक हासिल किया है, फिर भी लंबित बकाया राशि चिंता की बात है। विभाग राजस्व और टोल नीति को और अधिक प्रभावी बनाने पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि आबकारी नीति में आवश्यक संशोधन करके इसे पर्यटक मित्र बनाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश के पास खुद के आर्थिक संसाधन न के बराबर हैं। हिमाचल प्रदेश राजस्व के लिए बिजली की बिक्री, शराब से मिलने वाली रकम और फलों के उत्पादन पर अधिक निर्भर है। हिमाचल प्रदेश ने सालान एक हजार करोड़ रुपए की बिजली की बिक्री का लक्ष्य तय किया है। 
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