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असमंजस की स्थिति में D.El.Ed प्रशिक्षु, टीचिंग प्रैक्टिस न होने की वजह से लटका डिप्लोमा

कोरोना की कारण शिक्षा का क्षेत्र बहुत अधिक प्रभावित हुआ है. कोरोना के चलते डिस्ट्रिक्ट इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (DIET) से एलिमेंट्री एजुकेशन डिप्लोमा कर रहे सैकड़ों विद्यार्थियों का डिप्लोमा पूरा नहीं हो पाया है. 2018-20 बैच के डी. एलएड प्रशिक्षुओं का 2 साल का डिप्लोमा दिसंबर 2020 में पूरा होना था, लेकिन कोरोना के कारण से अब तक यह डिप्लोमा पूरा नहीं हो पाया है.

SHIMLA
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Published : May 28, 2021, 3:59 PM IST

शिमलाः कोरोना की वजह से शिक्षा का क्षेत्र बहुत अधिक प्रभावित हुआ है. कोरोना के चलते डिस्ट्रिक्ट इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (DIET - District Institute for Education and Training) से एलिमेंट्री एजुकेशन डिप्लोमा कर रहे सैकड़ों विद्यार्थियों का डिप्लोमा पूरा नहीं हो पाया है. 2018-20 बैच के डी. एलएड प्रशिक्षुओं का 2 साल का डिप्लोमा दिसंबर 2020 में पूरा होना था, लेकिन कोरोना के कारण से अब तक यह डिप्लोमा पूरा नहीं हो पाया है.

टीचिंग प्रैक्टिस न होने की वजह से लटका डिप्लोमा

प्रदेश भर में कोरोना की वजह से शिक्षण संस्थान बंद होने के कारण इन पर शिक्षकों की टीचिंग प्रैक्टिस नहीं हो सकी है. ऐसे में प्रदेशभर के दो हजार विद्यार्थियों का डिप्लोमा लटक गया है. हालांकि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के इक्डोल (ICDEOL) ने बीएड (B.Ed) कर रहे प्रशिक्षुओं की टीचिंग प्रैक्टिस ऑनलाइन ही करवा दी थी, लेकिन डाइट (DIET) की ओर से ऐसा नहीं किया गया. इस वजह से डीएलएड प्रशिक्षुओं को समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

जल्द फैसले की उम्मीद

इस बारे में शिमला स्थित डाइट शालाघाट के प्रधानाचार्य जय देव नेगी ने कहा कि मामला पूरे प्रदेश के डाइट से डीएलएड कर रहे 2018-20 के प्रशिक्षुओं का है. विभाग के ध्यान में यह मामला है, जल्द ही इस बारे में कोई फैसला लिया जाएगा.

असमंजस में प्रशिक्षु

हिमाचल प्रदेश में अभी-भी शिक्षण संस्थान खोलने पर संशय बरकरार है. प्रदेश सरकार ने पहले भी स्पष्ट किया था कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं होगी, तब तक शिक्षण संस्थान नहीं खोले जाएंगे क्योंकि प्रदेश सरकार विद्यार्थियों की सेहत को लेकर कोई जोखिम नहीं उठा सकती.

ये भी पढ़ें- सिरमौर की बेटी नेहा ने बढ़ाया मान, नर्सिंग लेफ्टिनेंट और एम्स में नर्सिंग अफसर के लिए चयन

शिमलाः कोरोना की वजह से शिक्षा का क्षेत्र बहुत अधिक प्रभावित हुआ है. कोरोना के चलते डिस्ट्रिक्ट इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (DIET - District Institute for Education and Training) से एलिमेंट्री एजुकेशन डिप्लोमा कर रहे सैकड़ों विद्यार्थियों का डिप्लोमा पूरा नहीं हो पाया है. 2018-20 बैच के डी. एलएड प्रशिक्षुओं का 2 साल का डिप्लोमा दिसंबर 2020 में पूरा होना था, लेकिन कोरोना के कारण से अब तक यह डिप्लोमा पूरा नहीं हो पाया है.

टीचिंग प्रैक्टिस न होने की वजह से लटका डिप्लोमा

प्रदेश भर में कोरोना की वजह से शिक्षण संस्थान बंद होने के कारण इन पर शिक्षकों की टीचिंग प्रैक्टिस नहीं हो सकी है. ऐसे में प्रदेशभर के दो हजार विद्यार्थियों का डिप्लोमा लटक गया है. हालांकि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के इक्डोल (ICDEOL) ने बीएड (B.Ed) कर रहे प्रशिक्षुओं की टीचिंग प्रैक्टिस ऑनलाइन ही करवा दी थी, लेकिन डाइट (DIET) की ओर से ऐसा नहीं किया गया. इस वजह से डीएलएड प्रशिक्षुओं को समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

जल्द फैसले की उम्मीद

इस बारे में शिमला स्थित डाइट शालाघाट के प्रधानाचार्य जय देव नेगी ने कहा कि मामला पूरे प्रदेश के डाइट से डीएलएड कर रहे 2018-20 के प्रशिक्षुओं का है. विभाग के ध्यान में यह मामला है, जल्द ही इस बारे में कोई फैसला लिया जाएगा.

असमंजस में प्रशिक्षु

हिमाचल प्रदेश में अभी-भी शिक्षण संस्थान खोलने पर संशय बरकरार है. प्रदेश सरकार ने पहले भी स्पष्ट किया था कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं होगी, तब तक शिक्षण संस्थान नहीं खोले जाएंगे क्योंकि प्रदेश सरकार विद्यार्थियों की सेहत को लेकर कोई जोखिम नहीं उठा सकती.

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