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सावन मास में लोगों की सरकार से मांग, खोले जाएं मंदिर के कपाट

सावन का महीना शुरू होते ही भक्तों ने सरकार और जिला प्रशासन से मंदिर खोलने की मांग की है, तकि वो इस पवित्र मास में भोलेनाथ का जलाभिषेक कर सकें. उनका कहना है कि सैलनियों के लिए हिमाचल की सीमाएं खोली जा सकती हैं तो मंदिर क्यों नहीं खुल सकते.

SHIMLA
शिमला
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Published : Jul 17, 2020, 1:57 PM IST

शिमला: कोरोना महामारी की वजह से देश के सभी मंदिर पिछले चार महीनों से बंद पड़े हुए हैं, जिससे सावन मास में भक्त भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में भक्तों ने राज्य सरकार से मंदिर खोलने की मांग की है.

बता दें कि प्रदेश में गुरुवार से सावन मास की शुरुआत हो गई है और प्रदेशवासियों की इस महीनें में अटूटू आस्था होती है, इसलिए लोगों ने अब मंदिरों को खोलने की मांग की है. स्थानीय लोगों ने बताया कि जब सरकार की ओर से पर्यटकों के लिए हिमाचल की सीमाएं खोल दी गई हैं, तो सरकार को भक्तों के लिए मंदिर खोलने का फैसला भी लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि अनलॉक प्रक्रिया के दूसरे चरण में सरकार की ओर से दी गई रियायतों में मंदिरों को खोलने का फैसला लिया था.

वीडियो

एसओपी तैयार करने का काम भाषा,कला व संस्कृति विभाग की ओर से किया जाना था, लेकिन अभी तक मंदिरों के लिए ना तो एसओपी बनी और ना ही कपाट खुले. स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार को मंदिर खोलने को लेकर नियम तैयार करने चाहिए, जिससे लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मंदिरों में जाकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना मंदिरों में कर सकें.

ये भी पढ़ें:टीजीटी-नर्सों की लिखित परीक्षाओं में फेरबदल, HPSSC ने जारी की नई तारीख

शिमला: कोरोना महामारी की वजह से देश के सभी मंदिर पिछले चार महीनों से बंद पड़े हुए हैं, जिससे सावन मास में भक्त भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में भक्तों ने राज्य सरकार से मंदिर खोलने की मांग की है.

बता दें कि प्रदेश में गुरुवार से सावन मास की शुरुआत हो गई है और प्रदेशवासियों की इस महीनें में अटूटू आस्था होती है, इसलिए लोगों ने अब मंदिरों को खोलने की मांग की है. स्थानीय लोगों ने बताया कि जब सरकार की ओर से पर्यटकों के लिए हिमाचल की सीमाएं खोल दी गई हैं, तो सरकार को भक्तों के लिए मंदिर खोलने का फैसला भी लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि अनलॉक प्रक्रिया के दूसरे चरण में सरकार की ओर से दी गई रियायतों में मंदिरों को खोलने का फैसला लिया था.

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