शिमला: वैश्विक महामारी कोरोना ने देश-दुनिया को गहरे जख्म दिए हैं. हिमाचल भी इससे बुरी तरह प्रभावित हुआ. सीमित आर्थिक संसाधनों वाले प्रदेश हिमाचल की इकोनॉमी मुख्य रूप से (Economy of Himachal) कृषि बागवानी और पर्यटन पर निर्भर है. पर्यटन सेक्टर को कोरोना के कारण गहरा धक्का लगा है.
मार्च 2020 में लॉकडाउन के बाद हिमाचल में भी कोरोना की पहली और दूसरी लहर ने आर्थिक गतिविधियों को शून्य तक पहुंचा दिया. अब हिमाचल कोरोना से काफी हद तक उबर चुका है. अब सरकार का ध्यान पटरी से उतरी आर्थिक गाड़ी को वापिस गति देने में लग गया है.
हिमाचल प्रदेश छोटा पहाड़ी राज्य है और यहां कर्ज का बोझ 62 हजार करोड़ से अधिक का है. वित्त आयोग ने हिमाचल को उदार आर्थिक सहायता दी है. आयोग ने हिमाचल के दौरे के बाद यह पाया था कि पर्यटन सेक्टर हिमाचल की आर्थिक हालत को सुधार सकता है. हिमाचल सरकार का लक्ष्य भी प्रदेश में सालाना दो करोड़ सैलानियों की आमद को सुनिश्चित करना है.
कोरोना काल में सैलानियों (Tourism in Himachal) की आमद का आंकड़ा बुरी तरह से गिरा था. उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में जीडीपी में पर्यटन सेक्टर का योगदान 7 फीसदी के करीब है.
हिमाचल में एडवेंचर टूरिज्म की संभावनाएं: हिमाचल में धार्मिक पर्यटन सहित साहसिक पर्यटन की बहुत संभावनाएं (Adventure Tourism in Himachal) हैं. यहां रॉक क्लाइंबिंग, माउंटेन बाइकिंग, पैराग्लाइडिंग, आइस स्केटिंग व नेचर टूरिज्म को विकसित करने पर देवभूमि सैलानियों का स्वर्ग बन सकती है. हिमाचल में 2019-20 में तीन लाख 82 हजार 876 विदेशी पर्यटक आए थे. वर्ष 2020-21 में कोरोना के कारण यह संख्या घटकर महज 42 हजार 665 रह गई थी. अब हिमाचल सरकार टूरिज्म सेक्टर पर और अधिक ध्यान देगी.
मंडी में बन रहा ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट: हिमाचल के मंडी में एक हजार करोड़ रुपये की लागत से इंटरनेशनल लेवल का ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनना है, इसके लिए वित्तायोग से सहायता मिली है. हिमाचल में सैलानियों के लिए हवाई यात्रा की सुविधा न के बराबर है. यदि हिमाचल में शिमला का एयरपोर्ट भी बड़े विमानों के लिए शुरू हो जाए तो यहां सैलानियों की संख्या बढ़ेगी. हिमाचल सरकार ने पर्यटन सेक्टर के लिए नई राहें-नई मंजिलें योजना शुरू की है. छोटी काशी मंडी में इस योजना के तहत शिव धाम बनेगा.
इसी तरह कांगड़ा व कुल्लू में चार रोपवे बनने हैं. कुल्लू में यूनेस्को की धरोहर सूची में शामिल द ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क एक बड़ा पर्यटन आकर्षण केंद्र है. पार्क की वेबसाइट को भी और आकर्षक बनाया जा रहा है. हिमाचल में पर्यटन विकास निगम के प्रदेश भर में 54 होटल हैं. यहां कई तरह के पैकेज देकर पर्यटकों को आकर्षित करने की नई योजनाएं बनाई जाएंगी.
पूर्व राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने हिमाचल के शक्तिपीठों को दक्षिण के मंदिरों से जोड़ने के लिए पर्यटन सर्किट पर जोर दिया था. राज्य सरकार का भी प्रयास है कि शक्तिपीठों में मूलभूत सुविधाओं में बढ़ोतरी की जाए. हिमाचल में सरकार होम-स्टे को भी बढ़ावा दे रही है.
हिमाचल में सैलानियों के लिए नए आकर्षण
अटल टनल रोहतांग के लोकार्पण के बाद यहां आने वाले सैलानियों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है. हिमाचल में टूरिज्म में अटल टनल नया आकर्षण बनकर उभरा है. एक दिन में ही 6 हजार से अधिक गाड़ियां इस टनल से गुजर रही हैं. 2021 में अब तक सवा लाख के करीब वाहन इस टनल से गुजर चुके हैं. नए साल में यह संख्या और बढ़ेगी.
जिला लाहौल स्पीति में बीते साल पहली बार विंटर स्पोर्ट्स (Snow Festival in Lahaul Spiti) की शुरुआत हुई. हिमाचल प्रदेश में यह विंटर स्पोर्ट्स का शौक रखने वालों के लिए नया आकर्षण साबित होगा.
एडवेंचर टूरिज्म में अब लाहौल स्पीति में इग्लू यानी बर्फ (Igloo in Lahaul Spiti) के घर में ठहरने की सुविधा मिल रही है. हिमाचल में यह सैलानियों के लिए अपने किस्म का नया आकर्षण है.
हिमाचल में पारंपरिक शैली के मकान सैलानियों के (Wooden Houses in Himachal) लिए नए आकर्षण का केंद्र बने हैं. सैलानी कुल्लू चंबा किन्नौर में वर्षों पुराने पारंपरिक घरों को देखने जाते हैं और होम स्टे का भी आनंद उठाते हैं.
हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह क्षेत्र में मुरहाग पंचायत में मनरेगा के तहत एक अनूठे पार्क का निर्माण किया गया है यहां पार्क के भीतर बने प्राचीन मंदिर और अन्य आकर्षणों को देखने के लिए बड़ी संख्या में सैलानी आ रहे हैं. पार्क के भीतर ही हिमाचल के पारंपरिक व्यंजन भी परोसे जाते हैं. यह मनरेगा पार्क नया आकर्षण बनकर उभरा है.
हिमाचल प्रदेश में शिमला जिला में कोटखाई में बुजुर्गों ने पहल करके बनाए (Pond in kotkhai of shimla) तालाब. इन तालाबों में राफ्टिंग भी हो रही है. सैलानी जंगल के बीचो-बीच स्थित इन तालाबों की खूबसूरती और राफ्टिंग का आनंद लेने के लिए आ रहे हैं. यहां सैलानियों को देवदार के पेड़ों और स्थानीय वनस्पतियों की जानकारी दी जाती है.
हिमाचल में पर्यटन विकास निगम के होटलों में सैलानियों को पारंपरिक व्यंजन (Traditional food of Himachal) बनाने की विधियां बताई जा रही हैं. सैलानी हिमाचल पर्यटन विकास निगम के होटलों में आकर. मदरा, सेपू बड़ी, मांहणी, कचौरी, सिड्डू आदि बनाना सीख रहे हैं.
हिमाचल के मंडी में शिव धाम का निर्माण (Shiv Dham Project Mandi Himachal) किया जा है. मंडी में भगवान शिव से जुड़े अनेक छोटे-बड़े मंदिर हैं यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं. शिव धाम के निर्माण से यहां बड़ी संख्या में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिल सकता है.
हिमाचल में अब सैलानी बगीचे में आकर सेबों की बहार देख सकते हैं. ऐपल ब्लॉस्म टूर सैलानियों (Apple blossom tour program in Himachal) के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. बड़ी संख्या में पर्यटक सेब के बागीचों में पहुंच रहे हैं.
हिमाचल की ब्रिटिश कालीन राजधानी शिमला में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा (Statue of Atal Bihari Vajpayee in Shimla) रिज मैदान पर स्थापित की गई है. शिमला आने वाले सैलानी भारत रत्न की प्रतिमा के समक्ष फोटो खिंचवाते हैं. यह प्रतिमा सैलानियों के लिए शिमला में नया आकर्षण है.
इसके अलावा शिमला में ब्रिटिश हुकूमत के समय की कई इमारतें आकर्षण का केंद्र हैं. इनमें भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, रेलवे बोर्ड बिल्डिंग, क्राइस्ट चर्च, टाउन हॉल आदि विख्यात हैं.
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