शिमला: दिल्ली में निजामुदीन मरकज में तबलीगी जमात के लोगों में कोरोना के लक्षण मिलने के बाद शिमला जिला प्रशासन पूरी तरह से चौकस हो गया है और इस जमात में शिमला जिला के कोई लोग शामिल तो नहीं हुए हैं. उसको ट्रेस करने के निर्देश शिमला उपायुक्त अमित कश्यप ने जारी किए हैं.
हालांकि अभी तक शिमला जिला का कोई भी व्यक्ति के शामिल होने की रिपोर्ट नहीं आई है, लेकिन जिला प्रशासन इसको लेकर पूरी तरह से सतर्कता बरत रहा है और उत्तराखंड बॉर्डर को पूरी तरह से सील कर दिया है. इसके अलावा शुक्रवार को उपायुक्त शिमला ने सर्वधर्म के प्रतिनिधियों की बैठक भी बुलाई है. जिसमें खास कर मुस्लिम प्रतिनिधियों से ऐसे लोगों की जो दिल्ली निजामुद्दीन मरकज में गए थे. उनकी जानकारी सांझा करने का आग्रह किया जाएगा.
जिला उपायुक्त अमित कश्यप ने कहा कि जिला में कोरोना को लेकर किसी तरह की कोताही जाएगी. सभी बॉर्डर सील किए गए है. बीते दिनों नेरवा में उत्तराखंड बॉर्डर पर 12 जमात के लोगों को क्वारंनटाइन में रखा गया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में हुए एपिसोड के बाद अधिकारियों को ऐसे लोगों को ट्रेस करने को कहा गया. इसमें जो मदद चाहिए होगी वो मुहैया करवाई जाएगी.
हालांकि अभी तक शिमला जिला के किसी व्यक्ति की जमात में शामिल होने की सूचना नहीं है, लेकिन जिला प्रशासन इसको लेकर पूरी ऐतिहात बरत रहा है. इसको लेकर शुक्रवार को सर्वधर्म बैठक भी बुलाई गई है. जिसमें सभी से ऐसे लोगों की जानकारी देने की अपील भी की जाएगी. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की सूचना से जहां समाज की भलाई होगी वहीं, उनके परिवार के लिए भी आवश्यक है.
बता दें कि दिल्ली निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात के जलसे में एक महीने में 200 से ज्यादा लोग हिमाचल लौटे हैं. पुलिस अब ऐसे लोगों को चिन्हित कर उन्हें क्वारंनटाइन सेंटरों में भेज रही है अब तक 163 लोगों को सेंटरों में भेजा जा चुका है, हालांकि अभी तक किसी में कोरोना के लक्षण नहीं पाए गए हैं.
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