शिमला/सोलन: हिमाचल प्रदेश में कोरोना की रफ्तार डरा रही है. फरवरी की शुरुआत में कोरोना मुक्त हो चुके हिमाचल में 1000 से ज्यादा एक्टिव केस हो गए हैं. हैरानी की बात ये है कि पिछले 11 दिन में ही एक हजार से ज्यादा नए मामले सामने आ चुके हैं.
सोलन के डीसी और एमएस भी कोरोना पॉजिटिव: कोरोना की चपेट में सोलन जिले की डीसी कृतिका कुलहरी और सोलन क्षेत्रीय अस्पताल के एमएस डॉ. एसएल वर्मा भी आ गए हैं. दोनों ने हल्का जुखाम होने के बाद कोविड टेस्ट करवाया था, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. स्वास्थ्य विभाग ने भी लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है.
21 से 31 मार्च तक 1000 से ज्यादा नए केस: हिमाचल में कोरोना के नए मामलों ने मार्च के आखिरी 11 दिनों में रफ्तार पकड़ी है. मार्च महीने की शुरुआत से लेकर दूसरे हफ्ते तक कोरोना के मामले तो बढ़े लेकिन हर 24 घंटे में मरीजों का आंकड़ा औसतन 20 से 30 के बीच था. लेकिन, 20 मार्च के बाद कोरोना के मामलों ने रफ्तार पकड़ी और रोजाना औसतन 50 से ज्यादा मामले आने लगे. 24 मार्च को 100 नए मामले सामने आए. 27 से लेकर 31 मार्च तक रोजाना 100 से ज्यादा मामले सामने आए, जबकि 29 मार्च को एक दिन में सबसे ज्यादा 255 नए केस आए.
मार्च में 3 लोगों की मौत: मार्च में कोरोना की रफ्तार इसलिए भी डरा रही है क्योंकि यहां कोरोना एक बार फिर जानलेवा साबित हो रहा है. अकेले मार्च महीने में ही कोरोना के 3 मरीजों की मौत हो चुकी है. 13 मार्च को इस साल कोरोना की पहली मौत हुई तो 16 मार्च को एक और मरीज की मौत की वजह कोरोना बना. 26 मार्च को भी एक और मरीज ने दम तोड़ दिया.
शिमला, मंडी और कांगड़ा में सबसे ज्यादा केस: हिमाचल में सबसे ज्यादा 203 एक्टिव केस कांगड़ा जिले में हैं. जबकि मंडी में 175 और शिमला में 133 एक्टिव केस हैं. इन्हीं तीन जिलों में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले हैं. सबसे कम केस ऊना और लाहौल स्पीति जिले में हैं.
जनवरी में कोरोना फ्री हुआ था हिमाचल: गौरतलब है कि 31 जनवरी को हिमाचल कोरोना फ्री हो गया था. एक और दो फरवरी को भी प्रदेश में कोरोना का एक भी एक्टिव केस सामने नहीं आया था. इसके बाद फरवरी महीने में रोजाना औसतन 10 से कम मरीज डिटेक्ट हो रहे थे.
टेस्टिंग जारी: हिमाचल में एक वक्त कोरोना के मामले शून्य थे, लेकिन सरकार की ओर से टेस्टिंग जारी रखी गई. हालांकि टेस्टिंग के आंकड़े बहुत कम थे, लेकिन मार्च महीने में जैसे-जैसे मामले बढ़ रहे हैं. टेस्टिंग भी बढ़ रही है. मार्च की शुरुआत में रोजाना औसतन 300 से 400 टेस्ट हो रहे थे. वहीं मार्च के आखिर तक आते-आते ये आंकड़ा 3 से 4 हजार तक भी पहुंच गया. डॉक्टर एक बार फिर से मास्क पहनने से लेकर भीड़ में न जाने की सलाह दे रहे हैं. साथ ही एक्सपर्ट बूस्टर डोज की भी सलाह दे रहे हैं.
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