शिमला: लखीमपुर खीरी घटना में हुई किसानों की मौत के बाद देश भर में किसान संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहें हैं . कांग्रेस भी सड़कों पर उतर कर केंद्रीय मंत्री के बेटे को गिरफ्तार करने की मांग कर रही है. राजधानी शिमला में भी मंगलवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन कर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सरकार पर किसान आंदोलन को गुंडागर्दी के दम पर कुचलने के आरोप लगाए. साथ ही प्रियंका वाड्रा को नजरबंद करने पर भी मोदी सरकार पर निशाना साधा.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार अब तानाशाही पर उतर आई है और देश मे लोकतंत्र की हत्या की जा रही है. किसान तीन काले कानूनों को वापिस लेने के लिए धरने पर बैठें हैं और केंद्र सरकार ने इस आंदोलन को खत्म करने की हर संभव कोशिश की. किसानों को आतंकवादी कहा गया, लेकिन जब बात नहीं बनी तो किसानों को गाड़ियों से रौंदा जा रहा है. कुछ दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री के बेटे ने इस आंदोलन को कुचलने की चेतावनी दी थी और दो दिन बाद किसानों को गाड़ी के नीचे रौंद दिया जिससे कई किसानों की मौत हो गई और जब कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा किसानों से मिलने जा रही थी तो उन्हें नहीं जाने दिया गया और उन्हें नजर बंद कर दिया गया.
राठौर ने केंद्र सरकार पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया है. राठौर ने कहा कि, केंद्र सरकार का तानाशाही रवैया किसी भी सूरत में बर्दशत नहीं किया जाएगा और कांग्रेस सड़कों पर उतर कर उग्र आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगी. उन्होंने केंद्रीय मंत्री के बेटे को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की.
शिमला में NSUI का भी प्रदर्शन: लखीमपुर खीरी में हुई किसानों की निर्मम मौत को लेकर पूरे देश में जंहा किसान गुस्से में है वहीं, एनएसयूआई ने भी शिमला में कांग्रेस कार्यालय से काटरोड़ तक रैली निकाली और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी का पुतला फूंक कर घटना का विरोध किया . इस दौरान एनएसयूआई के राष्ट्रीय महासचिव अनुशेष शर्मा भी मौजूद रहे.
अनुशेष शर्मा ने कहा कि, लखीमरपुर में केंद्रीय मंत्री के बेटे ने बेकसूर किसानों की गाड़ी से रौंद कर जान ले ली और उन किसानों के परिजनों से मिलने जब प्रियंका वाड्रा जा रही थीं तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पीएम मोदी लखनऊ आते हैं, लेकिन उनके पास किसानों से मिलने का समय नहीं है और प्रियंका जब उनसे मिलने जाती है तो उन्हें गिरफ्तार किया जाता है. उन्होंने कहा कि एनएसयूआई किसानों के साथ है और देश भर में उनके समर्थन में उग्र प्रदर्शन करने से पीछे नहीं हटेगी.
वहीं, एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष छतर सिंह ने घटना के लिए केंद्र की भाजपा सरकार को सीधे तौर पर दोषी ठहराते हुए सरकार को किसान विरोधी करार दिया. घटना को लेकर एनएसयूआई ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का इस्तीफा मांगा है और घटना की जांच सीटिंग जज से करवाने की मांग की है.
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