शिमला: हिमाचल प्रदेश में कर्ज को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष में जुबानी हमले तेज हो गए हैं. अभी हाल ही में जयराम सरकार में मंत्री वीरेंद्र कंवर ने पूर्व की वीरभद्र सरकार पर कर्ज की परंपरा शुरू करने और हिमाचल को कर्ज में डुबोने के आरोप लगाए थे. वहीं, वीरभद्र सिंह के पुत्र और विधायक विक्रमादित्य सिंह ने पलटवार करते हुए जयराम सरकार को नसीहत दी है.
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि जयराम सरकार को दो साल से ज्यादा का समय हो गया है. अब सरकार हर बात के लिए कांग्रेस को कोसना बंद करें. उन्होंने कहा कि जयराम सरकार पूर्व सरकार पर 15 हजार करोड़ का ऋण लेने के आरोप लगा रही है, लेकिन पूर्व सरकार ने ये ऋण पांच साल में लिया था, लेकिन जयराम सरकार ने तो दो साल में ही 11 हजार करोड़ का ऋण ले लिया है.
विपक्ष ने विधानसभा में भी इस मुद्दे को उठाया था और सरकार ने कर्ज को लेकर सदन को गुमराह करने की भी कोशिश की, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार ने लिमिट से ज्यादा कर्ज इस वित्त वर्ष में ले लिया है और आगामी समय मे हिमाचल के लिए काफी मुश्किलों से गुजरना पड़ सकता है. बता दें कि प्रदेश पर अब तक 56 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज हो गया है. प्रदेश में विकास कार्य हो या कर्मचारियों अधिकारियों का वेतन या फिर सरकार को बजट पेश करना हो सरकार कर्ज लेती आई है, जिससे हर साल प्रदेश कर्ज के बोझ तले दबता जा रहा है.
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