शिमला: ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर हाजरों कर्मचारी राजधानी शिमला में प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी बीच हिमाचल विधानसभा बजट सत्र (Himachal assembly budget session) के दौरान विपक्ष ने सरकार पर विधायकों से भेदभाव के आरोप लगाए. इसी बीच कांग्रेस विधायक आशा कुमारी ने कहा कि ओल्ड पेंशन को लेकर शिमला (Old Pension scheme in Himachal) में कर्मचारियों के धरने को लेकर उन्होंने कहा कि यह सरकार तानाशाह हो चुकी है. सरकार को कर्मचारियों से बात करनी चाहिए, लेकिन यह सरकार बात नहीं कर रही (allegations against jairam government) है. उन्होंने कहा कि हजारों की तादाद में कर्मचारी यहां आए हैं, उनको दिक्कत है इसलिए वह आए हुए हैं.
आशा कुमारी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की सरकार बनेगी तो कैबिनेट की जो भी पहली बैठक होगी, उसमें जो पहला मामला होगा जो ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली को लेकर होगा. उन्होंने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने इसे बहाल कर दिया है. उत्तराखंड में भी हरीश रावत ने ओल्ड पेंशन बहाल करने की बात कह दी है, इसके लिए कांग्रेस नीति बना चुकी है. इसके साथ ही आशा कुमारी ने कहा कि यह सरकार तानाशाह की तरह कार्रवाई कर रही है.
इसके अलावा आशा कुमारी ने विधायकों के आज के परिवेश में भूमिका पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के विधायकों ने भेदभाव के आरोप लगाए. डलहौजी विधानसभा क्षेत्र (Dalhousie Assembly Constituency) से कांग्रेस विधायक आशा कुमारी (Congress MLA from Dalhousie Assembly Constituency) ने सदन में कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में उद्घाटन पट्टिकाओं को तोड़ा जा रहा है.
आशा कुमारी ने कहा कि उनकी पट्टिका के साथ ही मुख्यमंत्री की पट्टिका लगा दी जा रही है, जबकि उसका उद्घाटन पहले ही किया जा चुका है. इसके अलावा विधायकों को मुख्यमंत्री या मंत्री के आने तक सूचना नहीं दी जा रही है. यही नहीं जो विधायक प्राथमिकताओं की योजनाओं में भी विधायक का नाम तक नहीं लिखा जा रहा है, जबकि ये विधायक निधि का पैसा होता है. इसमें मुख्यमंत्री से मांग की गई है. इन योजनाओं में विधायकों का ही नाम लिखा जाना चाहिए, चाहे वो किसी भी दल का विधायक हो.
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