शिमला: हिमाचल की तासीर ठंडी है और यहां की राजनीति को भी संयम भरा माना जाता है,लेकिन आज बजट सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण के समय जो विपक्ष ने हंगामा किया,वो सदन के बाहर भी नहीं थमा. सदन के बाहर कांग्रेस ने राज्यपाल का घेराव करने के साथ उनका काफिला भी रोक दिया. नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री राज्यपाल की गाड़ी के आगे लेट गए. आखिर में पुलिस को दखल देना पड़ा.
राज्यपाल के अभिभाषण के बाद सदन की कार्यवाही को सोमवार 2 बजे तक स्थगित किया गया था,लेकिन सदन के बाहर राज्यपाल के साथ हुए व्यवहार को सत्तापक्ष ने शर्मसार करने वाला बताया और सदन को नियम 346 के तहत फिर बुलाकर मुकेश अग्निहोत्री समेत पांच विधायकों को सदन की कार्यवाही से निलंबित करने की मांग रखी.
निलंबन का प्रस्ताव
दोबारा विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने पर बीजेपी विपक्ष पर हमलावर नजर आई. नेता विपक्ष समेत कांग्रेस विधायकों के व्यवहार पर गहरी अपत्ति जताई और विधानसभा अध्यक्ष से कड़ी कार्रवाई की मांग की. इस प्रकरण पर बोलते हुए सीएम ने कहा कि राज्यपाल पर सुनियोजित तरीके से हमला किया गया था. मुझे पीड़ा है कि यह घटना देवभूमि में हुई है. यह सहन नहीं किया जाएगा. ऐसा व्यवहार करने वालों को यहां की जनता जमीन में गाड़ देती है.
इनका हुआ निलंबन
मुख्यमंत्री और तमाम सदस्यों की बात सुनने के बाद विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री,हर्षवर्धन,सतपाल रायजादा, विनय कुमार व सुंदर ठाकुर को पूरे बजट सत्र के लिए निलंबित कर दिया. यह कार्रवाई नियम 319 के तहत की गई. निलंबन का प्रस्ताव संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने रखा था.
विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कहा, कि आज राज्यपाल का अभिभाषण खत्म होने के बाद उनका काफिला रवाना होने वाला था, लेकिन विपक्ष के कुछ सदस्यों ने उनके काफिले को रोका. ये नियम के खिलाफ है. इस सदन की उज्ज्वल परम्परा रही है. उन्हें विपक्ष ने तोड़ा है. इससे मैं भी आहत हूं. परम्परा बनाये रखना सभी की जिम्मेदारी है.
नेता प्रतिपक्ष ने यह कहा
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण पूरी तरह से झूठ का पुलिंदा है और जो भी बातें अभिभाषण में कही गई हैं, उसमें कुछ भी नहीं हुआ है. इसके अलावा राज्यपाल आधे में ही अपना भाषण छोड़कर भाग रहे थे.