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बर्ड फ्लू: बाहरी राज्यों से हिमाचल नहीं आएगा अंडा-चिकन, पोल्ट्री फार्म पर रखी जा रही नजर

कोरोनाकाल के बीच हिमाचल में बर्ड फ्लू की एंट्री से लोग डरे हुए हैं. ऐसे में सरकार भी लोगों को जागरूक करने पर जोर दे रही है. बर्ड फ्लू के कारण पैदा हुई स्थिति का जायजा लेने के लिए सोमवार को आयोजित की गई बैठक की अध्यक्षता करते हुए सीएम ने कहा कि बर्ड फ्लू से बचाव के बारे में लोगों को जागरूक करना चाहिए.

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Published : Jan 12, 2021, 11:08 AM IST

बर्ड फ्लू, bird-flu
बर्ड फ्लू

शिमला: बर्ड फ्लू के कारण हिमाचल में 4,324 प्रवासी पक्षियों की मौत हुई हैं. ज्यादातर मौतें पौंग डैम में हुई हैं. हालांकि राहत की खबर ये है कि सोमवार को सिर्फ 122 पक्षियों की मौत ही रिकॉर्ड में दर्ज की गई है. मरे हुए पक्षियों को पक्षियों को प्रोटोकॉल के अनुसार दफनाया जा रहा है, ताकि वायरस को फैलने से रोका जा सके.

लोगों को जागरूक करने की जरूरत: सीएम

कोरोनाकाल के बीच हिमाचल में बर्ड फ्लू की एंट्री से लोग डरे हुए हैं. ऐसे में सरकार भी लोगों को जागरूक करने पर जोर दे रही है. बर्ड फ्लू के कारण पैदा हुई स्थिति का जायजा लेने के लिए सोमवार को शिमला में आयोजित की गई बैठक की अध्यक्षता करते हुए सीएम ने कहा कि बर्ड फ्लू से बचाव के बारे में लोगों को जागरूक करना चाहिए. सीएम ने कहा कि बाहरी राज्यों से आने वाले पोल्ट्री उत्पादों पर एक महीने तक के लिए प्रतिबंध लगाया है, ताकि हिमाचल में पोल्ट्री उत्पाद के जरिए संक्रमण ना आए.

पोल्ट्री फार्म से भरे गए मुर्गियों के सैंपल

बर्ड फ्लू के प्रसार को रोकने के लिए पशु पालन-वन्य प्राणी विभाग की 65 टीमें पौंग डैम और आस-पास के क्षेत्रों में निगरानी कर रही हैं. उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग ने पोल्ट्री फार्म से मुर्गियों के सैंपल आरडीडीएल जालंधर भेजे हैं.

कड़ी निगरानी के निर्देश

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सोलन जिला के उपमंडल धर्मपुर में 1000 पालतू मृत मुर्गियां फेंकी हुई पाई गई थीं. इन्हें गड्ढे में दबा दिया गया और उस जगह को प्रोटोकॉल के अनुसार सेनिटाइज किया गया. इसके साथ ही सैंपल जांच के लिए आरडीडीएल जालंधर भेजे गए हैं. उन्होंने कहा कि अब तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में 215 अन्य पक्षी मृत पाए गए हैं. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जलाशयों के आस-पास पक्षियों पर कड़ी निगरानी रखी जाए और लोगों को पोल्ट्री उत्पादों के उचित रख-रखाव के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि बर्ड फ्लू से बचाव के बारे में लोगों में जागरूकता लाना महत्वपूर्ण है. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए.

शिमला: बर्ड फ्लू के कारण हिमाचल में 4,324 प्रवासी पक्षियों की मौत हुई हैं. ज्यादातर मौतें पौंग डैम में हुई हैं. हालांकि राहत की खबर ये है कि सोमवार को सिर्फ 122 पक्षियों की मौत ही रिकॉर्ड में दर्ज की गई है. मरे हुए पक्षियों को पक्षियों को प्रोटोकॉल के अनुसार दफनाया जा रहा है, ताकि वायरस को फैलने से रोका जा सके.

लोगों को जागरूक करने की जरूरत: सीएम

कोरोनाकाल के बीच हिमाचल में बर्ड फ्लू की एंट्री से लोग डरे हुए हैं. ऐसे में सरकार भी लोगों को जागरूक करने पर जोर दे रही है. बर्ड फ्लू के कारण पैदा हुई स्थिति का जायजा लेने के लिए सोमवार को शिमला में आयोजित की गई बैठक की अध्यक्षता करते हुए सीएम ने कहा कि बर्ड फ्लू से बचाव के बारे में लोगों को जागरूक करना चाहिए. सीएम ने कहा कि बाहरी राज्यों से आने वाले पोल्ट्री उत्पादों पर एक महीने तक के लिए प्रतिबंध लगाया है, ताकि हिमाचल में पोल्ट्री उत्पाद के जरिए संक्रमण ना आए.

पोल्ट्री फार्म से भरे गए मुर्गियों के सैंपल

बर्ड फ्लू के प्रसार को रोकने के लिए पशु पालन-वन्य प्राणी विभाग की 65 टीमें पौंग डैम और आस-पास के क्षेत्रों में निगरानी कर रही हैं. उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग ने पोल्ट्री फार्म से मुर्गियों के सैंपल आरडीडीएल जालंधर भेजे हैं.

कड़ी निगरानी के निर्देश

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सोलन जिला के उपमंडल धर्मपुर में 1000 पालतू मृत मुर्गियां फेंकी हुई पाई गई थीं. इन्हें गड्ढे में दबा दिया गया और उस जगह को प्रोटोकॉल के अनुसार सेनिटाइज किया गया. इसके साथ ही सैंपल जांच के लिए आरडीडीएल जालंधर भेजे गए हैं. उन्होंने कहा कि अब तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में 215 अन्य पक्षी मृत पाए गए हैं. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जलाशयों के आस-पास पक्षियों पर कड़ी निगरानी रखी जाए और लोगों को पोल्ट्री उत्पादों के उचित रख-रखाव के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि बर्ड फ्लू से बचाव के बारे में लोगों में जागरूकता लाना महत्वपूर्ण है. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए.

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