शिमला: नूरपुर से विधायक राकेश पठानिया ने कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि खुद का पूरा परिवार जमानत पर है और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से नैतिकता के आधार पर इस्तीफे की बात कह रहे हैं.
राकेश पठानिया ने कहा कि यह हास्यास्पद है कि उस वक्त विक्रमादित्य की नैतिकता कहां गई थी, जब उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निजी आवास पर सीएम रहते हुए ईडी व सीबीआई ने छापा मारा था. कांग्रेस सरकार की नैतिकता उस वक्त कहां थी, जब कांग्रेस के मुख्यमंत्री का अधिकतर समय सीबीआई की अदालतों में गुजरता था.
पठानिया ने विक्रमादित्य को याद दिलाते हुए कहा कि उस वक्त उन्हें नैतिकता याद क्यों नहीं आई जब उनके परिवार ने स्कूटर और थ्री व्हीलर में सेब का ढुलान किया. इसके अलावा ईडी के पास दी गई लिस्ट में टैंकरों का नंबर भी था, जिसके माध्यम से सेब का ढुलान किया गया है.
वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री रहते हुए पांच साल तक दिल्ली के चक्कर लगाते रहे, लेकिन उस वक्त उन्होंने इस्तीफा क्यों नहीं दिया. कांग्रेस के नेताओं को याद दिलाते हुए पठानिया ने कहा कि वेब्रिज घोटाला का केस अभी तक कोर्ट में चला हुआ है.
कांग्रेस ने अपने पांच साल में जमकर घोटाले किए हैं, इसके विपरीत जयराम सरकार जीरो करप्शन इमेज के नाम से जाने वाले मुख्यमंत्री बनकर सामने आए हैं और यदि कहीं गड़बड़ी की कोई आशंका हुई है, तो मुख्यमंत्री ने तुरंत जांच के आदेश दिए हैं.
राकेश पठानिया ने कहा कि भाजपा नैतिकता पर चलने वाली पार्टी है. पार्टी प्रदेश के अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया है. बिंदल पर किसी भी प्रकार का कोई आरोप नहीं है.
राकेश पठानिया ने कहा कि पार्टी के अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया है. जहां तक मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की बात है, उन्होंने मीडिया के माध्यम से पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि मामले की जांच के दायरे में जो भी व्यक्ति आएगा उसे बख्शा नहीं जाएगा.
ऐसे में कांग्रेस के इस्तीफा मांगने वाले बयान हास्यास्पद हैं, इनका कोई अर्थ नहीं है क्योंकि बीजेपी के लिए नैतिकता से ऊपर कुछ भी नहीं है इसलिए कांग्रेस के नेताओं को ऐसी बयानबाजी करने से बचना चाहिए.
वहीं, राकेश पठानिया ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस कार्यकाल में कोऑपरेटिव बैंक भर्ती घोटाला भी सुर्खियों में रहा है. जिसमें चहेतों को खुलेआम नौकरियां बांटी गई. विक्रमादित्य फिलहाल राजनीति में नए हैं और उन्हें इस प्रकार की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए.
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