ETV Bharat / state

BJP Mission 2024: पीएम मोदी की झोली में एक-एक सीट डालने की चुनौती, मंडी से जयराम ठाकुर के चुनाव लड़ने की सुगबुगाहट - हिमाचल न्यूज

2024 में लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं. जिसे लेकर सभी राजनीतिक दल तैयारियों में जुट गए हैं. वहीं, भाजपा भी मिशन-2024 की सफलता में जुट गई है. हिमाचल में भी चुनावों को लेकर सुगबुगाहट तेज हैं. जानिए हिमाचल में क्या रहेगा भाजपा का राजनीतिक समीकरण... (BJP Mission 2024 for Lok Sabha Election)

BJP Mission 2024
बीजेपी मिशन 2024
author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 23, 2023, 7:05 AM IST

शिमला: भाजपा हर हाल में मिशन-2024 को सफल बनाना चाहती है. पार्टी हाईकमान व पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी राज्य इकाइयों को ये स्पष्ट कर दिया है कि एक-एक सीट जरूरी है. यदि किसी सीट पर पार्टी के पास बड़े नेता के सिवा कोई सशक्त विकल्प नहीं है तो उस दिग्गज नेता को चुनाव मैदान में उतरना ही पड़ेगा. चूंकि पीएम नरेंद्र मोदी को हिमाचल से विशेष लगाव है और वे पार्टी प्रभारी के रूप में यहां काम कर चुके हैं, ऐसे में उनकी नजर चार सीटों वाले इस पहाड़ी प्रदेश पर खास तौर पर रहेगी.

मंडी सीट से लड़ सकते हैं जयराम: जयराम ठाकुर पूर्व सीएम हैं और इस समय नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में हैं. जिस तरह की सियासी हवा चली है, उससे संकेत मिल रहे हैं कि पार्टी हाईकमान जयराम ठाकुर को मंडी सीट से चुनाव मैदान में उतार सकती है. हाल ही में जयराम ठाकुर दिल्ली जाकर पीएम नरेंद्र मोदी से मिले हैं. उसके बाद शिमला में मीडिया से बातचीत के दौरान जयराम ठाकुर से जब पूछा गया कि क्या उनके मंडी से चुनाव लड़ने की संभावना है तो उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व जो भी दायित्व देगा, उसे निभाएंगे. भाजपा में कोई भी नेता इस शब्दावली के मायनों से परिचित है.

2017 में सौंपी थी CM पद की जिम्मेदारी: भाजपा खुद को पार्टी विद ए डिफरेंस और एक अनुशासित दल मानती है. यहां जिस नेता को जो भूमिका दी जाती है, उससे इनकार का सवाल ही नहीं उठता. उसी प्रेस वार्ता में जयराम ठाकुर ने कहा कि 2017 दिसंबर में उन्हें राज्य के सीएम पद का जिम्मा सौंपा गया और उन्होंने पांच साल मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला. उस समय भी कई लोग कहते थे कि पार्टी हाईकमान राज्य में नेतृत्व में बदलाव करेगा, परंतु वे पांच साल डटकर काम करते रहे. ये बातें करते समय जयराम ठाकुर की भाव भंगिमा कुछ ऐसी थी कि यदि उन्हें मंडी सीट से प्रत्याशी बनाया जाता है तो वे इनकार करने की स्थिति में नहीं होंगे.

क्या है मंडी सीट का गणित? मंडी लोकसभा सीट के तहत यदि केवल मंडी जिला की बात करें तो यहां विधानसभा की दस सीटें हैं. इनमें से अभी भाजपा के हिस्से नौ सीटें हैं और एक सीट पर कांग्रेस के विधायक हैं. धर्मपुर सीट पर भाजपा को हार मिली और यहां से कांग्रेस के चंद्रशेखर विजयी हुए हैं. सिराज से चुनाव लड़े जयराम ठाकुर ने हिमाचल के इतिहास में अब तक की सबसे बड़े अंतर की जीत हासिल की है. इन परिस्थितियों में देखें तो जयराम ठाकुर मंडी से सबसे तगड़े उम्मीदवार हैं.

पिछले चुनाव में मंडी से कांग्रेस की जीत: पिछले चुनाव में मुकाबला प्रतिभा सिंह व कारगिल हीरो ब्रिगेडियर खुशाल सिंह ठाकुर के बीच हुआ था. मंडी सीट से सांसद रामस्वरूप शर्मा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद उपचुनाव हुआ था. उसमें प्रतिभा सिंह विजयी रही थीं. यदि जयराम ठाकुर चुनाव मैदान में उतरते हैं तो भाजपा इस सीट पर मजबूत दावा रखने की स्थिति में होगी. बेशक इस समय कांग्रेस हिमाचल की सत्ता में है, लेकिन लोकसभा चुनाव में स्थितियां अलग होती हैं. मंडी में जयराम ठाकुर की लोकप्रियता अभी भी बरकरार है. भाजपा हाईकमान किसी भी ऐसी सीट पर अलगर्जी से काम नहीं लेगी, जहां उसके पास मजबूत प्रत्याशी मौजूद है.

भाजपा का सियासी समीकरण: अब 2024 के रण का भाजपा के हिसाब से सियासी गुणा-भाग देखते हैं. जयराम ठाकुर इस समय नेता प्रतिपक्ष हैं. कोई भी राजनेता अपने राज्य की सत्ता का मुखिया होना चाहता है. जयराम ठाकुर एक बार सीएम पद की पावर को देख और महसूस कर चुके हैं. वे दूसरी बार भी सत्ता के सर्वोच्च शिखर पर विराजना चाहेंगे. यदि उन्हें केंद्र की राजनीति में जाना पड़ा तो परिस्थितियां अलग भी हो सकती हैं. जयराम ठाकुर चाहेंगे कि 2027 में वे फिर से सीएम पद के दावेदार हों. उनके लिए सुख और सुकून की एक ही बात है कि पहले प्रेम कुमार धूमल लोकसभा चुनाव जीतकर वापिस राज्य की सत्ता में आए थे. ऐसे में जयराम ठाकुर के भी वापसी के आसार कायम हैं.

क्या रहेगा भाजपा हाईकमान का फैसला? फिर पार्टी की अंदरूनी खींचतान भी एक फैक्टर है. कई नेता ये चाहेंगे कि जयराम ठाकुर केंद्र की तरफ जाएं तो उनकी लाटरी खुले. वरिष्ठ मीडिया कर्मी धनंजय शर्मा का कहना है कि भाजपा में पार्टी हाईकमान की बात को टालने की हिम्मत किसी राजनेता में नहीं है. यदि जयराम ठाकुर को पार्टी हाईकमान लोकसभा चुनाव में उतारेगी तो उन्हें रण में जाना होगा. अलबत्ता ये बात अलग है कि 2027 के चुनाव में उन्हें फिर से वापिस हिमाचल भेजा जा सकता है. ये विकल्प और संभावना हमेशा रहेगी. धनंजय शर्मा का कहना है कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि जयराम ठाकुर मंडी सीट से सबसे मजबूत प्रत्याशी होंगे. देखना है कि 2024 में मंडी सीट पर भाजपा की सियासत किस तरह का समीकरण तय करती है.

ये भी पढे़ं: 'मेरी माटी मेरा देश' राष्ट्रभक्ति की अभिव्यक्ति का माध्यम: अनुराग ठाकुर

शिमला: भाजपा हर हाल में मिशन-2024 को सफल बनाना चाहती है. पार्टी हाईकमान व पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी राज्य इकाइयों को ये स्पष्ट कर दिया है कि एक-एक सीट जरूरी है. यदि किसी सीट पर पार्टी के पास बड़े नेता के सिवा कोई सशक्त विकल्प नहीं है तो उस दिग्गज नेता को चुनाव मैदान में उतरना ही पड़ेगा. चूंकि पीएम नरेंद्र मोदी को हिमाचल से विशेष लगाव है और वे पार्टी प्रभारी के रूप में यहां काम कर चुके हैं, ऐसे में उनकी नजर चार सीटों वाले इस पहाड़ी प्रदेश पर खास तौर पर रहेगी.

मंडी सीट से लड़ सकते हैं जयराम: जयराम ठाकुर पूर्व सीएम हैं और इस समय नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में हैं. जिस तरह की सियासी हवा चली है, उससे संकेत मिल रहे हैं कि पार्टी हाईकमान जयराम ठाकुर को मंडी सीट से चुनाव मैदान में उतार सकती है. हाल ही में जयराम ठाकुर दिल्ली जाकर पीएम नरेंद्र मोदी से मिले हैं. उसके बाद शिमला में मीडिया से बातचीत के दौरान जयराम ठाकुर से जब पूछा गया कि क्या उनके मंडी से चुनाव लड़ने की संभावना है तो उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व जो भी दायित्व देगा, उसे निभाएंगे. भाजपा में कोई भी नेता इस शब्दावली के मायनों से परिचित है.

2017 में सौंपी थी CM पद की जिम्मेदारी: भाजपा खुद को पार्टी विद ए डिफरेंस और एक अनुशासित दल मानती है. यहां जिस नेता को जो भूमिका दी जाती है, उससे इनकार का सवाल ही नहीं उठता. उसी प्रेस वार्ता में जयराम ठाकुर ने कहा कि 2017 दिसंबर में उन्हें राज्य के सीएम पद का जिम्मा सौंपा गया और उन्होंने पांच साल मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला. उस समय भी कई लोग कहते थे कि पार्टी हाईकमान राज्य में नेतृत्व में बदलाव करेगा, परंतु वे पांच साल डटकर काम करते रहे. ये बातें करते समय जयराम ठाकुर की भाव भंगिमा कुछ ऐसी थी कि यदि उन्हें मंडी सीट से प्रत्याशी बनाया जाता है तो वे इनकार करने की स्थिति में नहीं होंगे.

क्या है मंडी सीट का गणित? मंडी लोकसभा सीट के तहत यदि केवल मंडी जिला की बात करें तो यहां विधानसभा की दस सीटें हैं. इनमें से अभी भाजपा के हिस्से नौ सीटें हैं और एक सीट पर कांग्रेस के विधायक हैं. धर्मपुर सीट पर भाजपा को हार मिली और यहां से कांग्रेस के चंद्रशेखर विजयी हुए हैं. सिराज से चुनाव लड़े जयराम ठाकुर ने हिमाचल के इतिहास में अब तक की सबसे बड़े अंतर की जीत हासिल की है. इन परिस्थितियों में देखें तो जयराम ठाकुर मंडी से सबसे तगड़े उम्मीदवार हैं.

पिछले चुनाव में मंडी से कांग्रेस की जीत: पिछले चुनाव में मुकाबला प्रतिभा सिंह व कारगिल हीरो ब्रिगेडियर खुशाल सिंह ठाकुर के बीच हुआ था. मंडी सीट से सांसद रामस्वरूप शर्मा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद उपचुनाव हुआ था. उसमें प्रतिभा सिंह विजयी रही थीं. यदि जयराम ठाकुर चुनाव मैदान में उतरते हैं तो भाजपा इस सीट पर मजबूत दावा रखने की स्थिति में होगी. बेशक इस समय कांग्रेस हिमाचल की सत्ता में है, लेकिन लोकसभा चुनाव में स्थितियां अलग होती हैं. मंडी में जयराम ठाकुर की लोकप्रियता अभी भी बरकरार है. भाजपा हाईकमान किसी भी ऐसी सीट पर अलगर्जी से काम नहीं लेगी, जहां उसके पास मजबूत प्रत्याशी मौजूद है.

भाजपा का सियासी समीकरण: अब 2024 के रण का भाजपा के हिसाब से सियासी गुणा-भाग देखते हैं. जयराम ठाकुर इस समय नेता प्रतिपक्ष हैं. कोई भी राजनेता अपने राज्य की सत्ता का मुखिया होना चाहता है. जयराम ठाकुर एक बार सीएम पद की पावर को देख और महसूस कर चुके हैं. वे दूसरी बार भी सत्ता के सर्वोच्च शिखर पर विराजना चाहेंगे. यदि उन्हें केंद्र की राजनीति में जाना पड़ा तो परिस्थितियां अलग भी हो सकती हैं. जयराम ठाकुर चाहेंगे कि 2027 में वे फिर से सीएम पद के दावेदार हों. उनके लिए सुख और सुकून की एक ही बात है कि पहले प्रेम कुमार धूमल लोकसभा चुनाव जीतकर वापिस राज्य की सत्ता में आए थे. ऐसे में जयराम ठाकुर के भी वापसी के आसार कायम हैं.

क्या रहेगा भाजपा हाईकमान का फैसला? फिर पार्टी की अंदरूनी खींचतान भी एक फैक्टर है. कई नेता ये चाहेंगे कि जयराम ठाकुर केंद्र की तरफ जाएं तो उनकी लाटरी खुले. वरिष्ठ मीडिया कर्मी धनंजय शर्मा का कहना है कि भाजपा में पार्टी हाईकमान की बात को टालने की हिम्मत किसी राजनेता में नहीं है. यदि जयराम ठाकुर को पार्टी हाईकमान लोकसभा चुनाव में उतारेगी तो उन्हें रण में जाना होगा. अलबत्ता ये बात अलग है कि 2027 के चुनाव में उन्हें फिर से वापिस हिमाचल भेजा जा सकता है. ये विकल्प और संभावना हमेशा रहेगी. धनंजय शर्मा का कहना है कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि जयराम ठाकुर मंडी सीट से सबसे मजबूत प्रत्याशी होंगे. देखना है कि 2024 में मंडी सीट पर भाजपा की सियासत किस तरह का समीकरण तय करती है.

ये भी पढे़ं: 'मेरी माटी मेरा देश' राष्ट्रभक्ति की अभिव्यक्ति का माध्यम: अनुराग ठाकुर

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.