शिमलाः महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए और महिला सशक्तिकरण की दिशा में पहल करने के उद्देश्य से शिमला की गेयटी थिएटर में कला एवं शिल्प के उत्पाद बनाने वाली महिलाओं के उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई है. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर इस कला एवं शिल्प मेले का आयोजन राज्य संग्रहालय शिमला ने भाषा कला एवं संस्कृति विभाग के सहयोग से किया है.
8 मार्च तक चलने वाले इस मेले का शुभारंभ आज भाषा कला एवं संस्कृति विभाग की निदेशक कुमुद शर्मा ने किया. प्रदर्शनी में प्रदेशभर की 20 के करीब महिलाएं जो आर्ट एंड क्राफ्ट के अलग-अलग उत्पाद तैयार करती हैं उनके उत्पाद सजाए गए हैं.
इस मेले में वूलन शॉल, किन्नौरी शॉल, जुराबें, स्वेटर, मफलर, सदरी सहित कांगड़ा पेंटिंग्स, चंबा रुमाल, हिमाचली टोपी सहित अन्य उत्पाद खरीदारी के लिए उपलब्ध करवाए गए हैं. महिलाएं जो इन उत्पादों को तैयार कर रही हैं. वह खुद इन उत्पादों की बिक्री करने के लिए शिमला के गेयटी थिएटर में आई हैं.
इस चार दिवसीय प्रदर्शनी में जहां महिलाएं लोगों को अपनी कला के बारे में बता सकेंगी तो वहीं अपने उत्पादों को बेचकर एक बेहतर आजीविका भी कमा सकेंगी. महिलाएं भी अपने उत्पादों को यहां प्रदर्शनी में लगाकर बेहद उत्साहित नज़र आ रही हैं. राज्य संग्रहालय के संरक्षक हरि चौहान ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर चार दिवसीय कला एवं शिल्प मेला गेयटी में शुरू किया गया है.
इस मेले में महिलाओं की ओर से तैयार किए हैंडी क्राफ्ट के उत्पाद बिक्री पर लगाए गए हैं. इस प्रदर्शनी का उद्देश्य महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम बढ़ाना और और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है. महिलाएं जो अपनी आजीविका के लिए या अपने परिवार को सहयोग करने के लिए अलग-अलग हैंडी क्राफ्ट में कार्य कर रही हैं, लेकिन उनके उत्पादों की बिक्री पुरुषों के माध्यम से दुकानों में की जा रही है.
महिलाएं पर्दे के पीछे काम कर रही हैं, लेकिन अब उन्हें सीधे रूप से यह अवसर दिया गया है कि वह अपने उत्पाद यहां लेकर आए और इनकी बिक्री करें. महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए और अधिक से अधिक महिलाएं इस कार्य से जुड़ सकें जिससे कि वह आत्मनिर्भर बने और उनके लिए स्वरोजगार के अवसर भी मिले इसे उद्देश्य से इस प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है.
वहीं, हिमाचल के परंपरागत आर्ट एंड कल्चर को सबके सामने लाने और उसे प्रमोट करने के साथ ही एक बाजार उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से भी इस मेले का आयोजन यहां किया गया है. उन्होंने बताया कि मेले में 40 से 50 लाख के उत्पाद लगाए गए हैं. जिसमें 100 रुपए से शुरू होकर 50 हजार रुपये तक का चंबा रुमाल भी बिक्री के लिए उपलब्ध करवाया गया है.
ये भी पढ़ेंः 60 साल से किराए के भवन में चल रही है 1 लाख से ज्यादा किताबों वाली हिमाचल की पहली लाइब्रेरी