शिमला: फर्जी डिग्री मामले को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की प्रदेश इकाई ने हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मुलाकात की. एबीवीपी ने मानव भारती और इंडस विश्वविद्यालय के दाखिले समेत सभी कोर्स की मान्यता को रद्द करने की मांग उठाई है. इस दौरान एबीवीपी के प्रदेश प्रतिनिधित्व ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा, जिसके अंतर्गत उन्होंने निजी विश्वविद्यालय में हुई फर्जी डिग्रियों की धांधली को लेकर कड़ा रोष व्यक्त किया.
विद्यार्थी परिषद के प्रदेश मंत्री राहुल राणा ने कहा कि 3 मार्च को मानव भारती विश्वविद्यालय पर एफआईआर हुई और 9 मार्च को इंडस विश्वविद्यालय पर एफआईआर हुई. इस दौरान मानव भारती विश्वविद्यालया से कई फर्जी डिग्रियां पकड़ी गई. वहीं, इंडस यूनिवर्सिटी में 7 वर्ष से एक अध्यापक फर्जी डिग्री के साथ पढ़ा रहा था. इंडस यूनिवर्सिटी ने अपने 4 रेगुलर अध्यापकों को रेगुलर कोर्स की चार फर्जी डिग्रियां दी थी.
उन्होंने कहा कि इंडस यूनिवर्सिटी की मैनेजमेंट ने खुद कहा कि विश्वविद्यालय कॉरेस्पोंडेंस, पार्ट टाइम मोड, इवनिंग क्लासेस व डिस्टेंस एजुकेशन के रूप में भी डिग्रियां देता है, लेकिन इंडस को प्रदेश सरकार से ऐसी डिग्रियां देने की अनुमति व मान्यता नहीं मिली थी.
राहुल ने कहा कि विश्वविद्यालय के अध्यापकों को बिना कक्षाएं लगाए हाजिरी लगाने के लिए कहा गया, जिससे वह अपनी परीक्षाएं दे सकें, जो सरेआम धांधली है. ऐसे में यह विषय प्रदेश के लिए शर्म की बात है.
विद्यार्थी परिषद के प्रदेश मंत्री राहुल राणा ने कहा कि उन्होंने अपने ज्ञापन के माध्यम से मानव भारती और इंडस के दाखिले को रद्द करने की मांग की है. साथ थी यह भी मांग की है कि लोगों को दी गई फर्जी डिग्रियों के नाम पर अगर निजी विश्वविद्यालय ने कोई स्कॉलरशिप ली है तो फर्जी डिग्री स्कैम को स्कॉलरशिप स्कैम से जोड़ा जाए.
राहुल राणा ने कहा कि निजी विश्वविद्यालय में छात्रों को पीएचडी और रिसर्च वर्क की अनुमति भी है, लेकिन इसकी भी जांच होनी चाहिए कि छात्र डिस्टेंस मोड से पीएचडी तो नहीं कर रहे, जो यूजीसी के नियमों के खिलाफ है.
उन्होंने कहा कि ना केवल अध्यापक, छात्र बल्कि निजी विश्वविद्यालय में कुलपति भी फर्जी डिग्रियों के साथ हैं, जिन्होंने एक समय पर 3-3 डिग्रियां ली हैं, जो सरासर गलत है. विद्यार्थी परिषद ने राज्यपाल से यह भी मांग की सभी निजी विश्वविद्यालयों पर कड़ी नजर रखी जाए ताकि भविष्य में देव भूमि हिमाचल को शर्मशार ना होना पड़े.
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