शिमला: ढाई हजार करोड़ की लागत से तैयार किए जाने वाले 450 मेगावाट क्षमता के शोंगटोंग कड़छम प्रोजेक्ट के निर्माण में फंसा पेच हटता नजर आ रहा है. प्रदेश सरकार, रक्षा मंत्रालय और सेना के अधिकारियों के बीच हुई उच्च स्तरीय बैठक में सहमति बन गई है.
शोंगटोंग पावर प्रोजेक्ट के तहत बनने वाली सिल्ट फ्लश टनल के निर्माण में लम्बे समय से पेच फंसा था. सेना ना ही ब्लास्टिंग की मंजूरी दे रही थी और ना ही मलबा डंप करने के लिए जगह जिसके बाद टनल निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो पाया था.
दिल्ली में रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय और प्रदेश सरकार के अधिकारियों के बीच बैठक के बाद अब टनल निर्माण में सहमति बन गई है. डंपिंग के लिए जगह मुहैया कराने की मंजूरी निर्माण एजेंसी को सेना ने दे दी है.
दरअसल जिस क्षेत्र में इस टनल का मुहाना खोलने के लिए ब्लास्ट किया जाना था, उसके नजदीक ही सेना का डिपो है. चूंकि, इसलिए वहां वर्क्स ऑफ डिफेंस एक्ट-1903 के तहत अनुमति लेना जरूरी है.
प्रदेश सरकार की ओर से अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा राम सुभग सिंह के अलावा पावर कारपोरेशन व प्रोजेक्ट के अधिकारियों ने रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार के अलावा सेना के दो मेजर जनरल स्तर के अधिकारियों के साथ बैठक की.