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शिमलाः IGMC के इमरजेंसी वार्ड में लगाए 40 नए बेड, मरीजों को मिलेगा लाभ

आईजीएमसी के इमरजेंसी वार्ड में मरीजाें काे अब आसानी से बैड मिल सकेगा. प्रशासन ने इमरजेंसी वार्ड में 40 नए बैड लगाए हैं. यह आधुनिक बैड हैं जिनमें मरीजाें काे काफी आराम मिलेगा.आईजीएमसी में कुल 850 बैड हैं. यह बैड सभी वार्डाें में लगाए गए हैं. यहां पर सर्जरी, आर्थाे और मेडिसन वार्ड में मरीजाें काे आसानी से बैड नहीं मिल पाता. ऐसे में कई बार जब तक वार्डाें में बैड खाली नहीं हाेता, मरीजाें काे इमरजेंसी में ही रखा जाता है.

IGMC Emergency Ward
आईजीएमसी इमरजेंसी वार्ड
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Published : Feb 7, 2021, 6:02 PM IST

Updated : Feb 7, 2021, 6:16 PM IST

शिमलाः आईजीएमसी के इमरजेंसी वार्ड में मरीजाें काे अब आसानी से बैड मिल सकेगा. प्रशासन ने इमरजेंसी वार्ड में 40 नए बैड लगाए हैं. यह आधुनिक बैड हैं जिनमें मरीजाें काे काफी आराम मिलेगा. यह बैड यहां पर लगा दिए गए हैं. अब यहां पर इमरजेंसी में जाे भी मरीज आएगा उसे इमरजेंसी वार्ड में आसानी से बैड मिल जाएगा.

मरीज स्ट्रेचर पर ही रहने को थे मजबूर

इससे पहले मरीजाें काे वार्ड में शिफ्ट करने के बाद ही बैड मिल पाता था. डाॅक्टर जांच करने का बाद ही मरीज काे अन्य वार्डाें में शिफ्ट करते थे. इमरजेंसी में अगर मरीज दाे से तीन दिन भी रहता था ताे उसे स्ट्रेचर पर ही रहना पड़ता था.

इसका एक कारण यह था कि यहां पर मात्र 10 बैड लगाए गए थे. जबकि इमरजेंसी में राेजाना कईं मरीज यहां आते हैं. ऐसे में सिर्फ उन्हीं मरीजाें काे बैड मिल पाते थे जिन्हें स्ट्रेचर पर रखना मुश्किल हाेता था. अन्य मरीजाें काे स्ट्रेचर पर ही रहना पड़ता था.

इमरजेंसी में राेजाना आते हैं 30 से 40 मरीज

आईजीएमसी प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल है. पूरे हिमाचल से यहां पर मरीजाें काे रेफर किया जाता है. खासकर किन्नाैर, शिमला, साेलन और बिलासपुर के मरीजाें की संख्या यहां पर ज्यादा रहती है. दुर्घटना के समय भी ज्यादातर मरीजाें काे यहीं पर लाया जाता है.

औसतन राेजाना यहां पर 40 तक मरीज पहुंचते हैं. वहीं रविवार काे इनकी संख्या दाेगुनी तक हाे जाती है. इससे पहले यहां पर बैड की कमी भी रहती थी, मगर अब 40 नए बैड लगने के बाद मरीजाें काे बैड आसानी से मिल सकेंगे.

वार्डाें में बैड खाली हाेने तक भी रखते हैं इमरजेंसी में

आईजीएमसी में कुल 850 बैड हैं. यह बैड सभी वार्डाें में लगाए गए हैं. यहां पर सर्जरी, आर्थाे और मेडिसन वार्ड में मरीजाें काे आसानी से बैड नहीं मिल पाता. ऐसे में कई बार जब तक वार्डाें में बैड खाली नहीं हाेता, मरीजाें काे इमरजेंसी में ही रखा जाता है.

जिसमें सबसे ज्यादा मुश्किल मरीजाें को आराम करने में आती है. मगर अब यदि मरीजाें काे यहां रहना पड़ेगा ताे उन्हें वहां पर बैड मिल सकेगा और वह परेशानी महसूस नहीं करेंगे. वार्ड में शिफ्ट किये जाने तक मरीज वहां पर भी आराम से रह सकेंगे.

प्रशासनिक अधिकारी डॉ. राहुल गुप्ता ने बताया

आईजीएमसी शिमला के प्रशासनिक अधिकारी डॉ. राहुल गुप्ता ने बताया कि इमरजेंसी वार्ड में मरीजाें की तकलीफ काे देखते हुए अब 40 नए बैड लगा दिए गए हैं. अब मरीजाें काे केवल इमरजेंसी तक जाने के लिए स्ट्रेचर की जरूरत पड़ेगी.

वहां पर उन्हें आसानी से बैड मिल जाएगा. इससे पहले इमरजेंसी में मरीजाें काे स्ट्रेचर पर भी कई बार दाे दिन तक रहना पड़ता था. नए लगाए गए बैड आरामदायक है, जिस पर मरीज काे काेई परेशानी नहीं हाेगी.

ये भी पढ़ेंः- सिरमौर: पंचायत निकाय चुनाव में BJP को भारी जनमत, मंत्री बोले- जनता का भाजपा पर भरोसा

शिमलाः आईजीएमसी के इमरजेंसी वार्ड में मरीजाें काे अब आसानी से बैड मिल सकेगा. प्रशासन ने इमरजेंसी वार्ड में 40 नए बैड लगाए हैं. यह आधुनिक बैड हैं जिनमें मरीजाें काे काफी आराम मिलेगा. यह बैड यहां पर लगा दिए गए हैं. अब यहां पर इमरजेंसी में जाे भी मरीज आएगा उसे इमरजेंसी वार्ड में आसानी से बैड मिल जाएगा.

मरीज स्ट्रेचर पर ही रहने को थे मजबूर

इससे पहले मरीजाें काे वार्ड में शिफ्ट करने के बाद ही बैड मिल पाता था. डाॅक्टर जांच करने का बाद ही मरीज काे अन्य वार्डाें में शिफ्ट करते थे. इमरजेंसी में अगर मरीज दाे से तीन दिन भी रहता था ताे उसे स्ट्रेचर पर ही रहना पड़ता था.

इसका एक कारण यह था कि यहां पर मात्र 10 बैड लगाए गए थे. जबकि इमरजेंसी में राेजाना कईं मरीज यहां आते हैं. ऐसे में सिर्फ उन्हीं मरीजाें काे बैड मिल पाते थे जिन्हें स्ट्रेचर पर रखना मुश्किल हाेता था. अन्य मरीजाें काे स्ट्रेचर पर ही रहना पड़ता था.

इमरजेंसी में राेजाना आते हैं 30 से 40 मरीज

आईजीएमसी प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल है. पूरे हिमाचल से यहां पर मरीजाें काे रेफर किया जाता है. खासकर किन्नाैर, शिमला, साेलन और बिलासपुर के मरीजाें की संख्या यहां पर ज्यादा रहती है. दुर्घटना के समय भी ज्यादातर मरीजाें काे यहीं पर लाया जाता है.

औसतन राेजाना यहां पर 40 तक मरीज पहुंचते हैं. वहीं रविवार काे इनकी संख्या दाेगुनी तक हाे जाती है. इससे पहले यहां पर बैड की कमी भी रहती थी, मगर अब 40 नए बैड लगने के बाद मरीजाें काे बैड आसानी से मिल सकेंगे.

वार्डाें में बैड खाली हाेने तक भी रखते हैं इमरजेंसी में

आईजीएमसी में कुल 850 बैड हैं. यह बैड सभी वार्डाें में लगाए गए हैं. यहां पर सर्जरी, आर्थाे और मेडिसन वार्ड में मरीजाें काे आसानी से बैड नहीं मिल पाता. ऐसे में कई बार जब तक वार्डाें में बैड खाली नहीं हाेता, मरीजाें काे इमरजेंसी में ही रखा जाता है.

जिसमें सबसे ज्यादा मुश्किल मरीजाें को आराम करने में आती है. मगर अब यदि मरीजाें काे यहां रहना पड़ेगा ताे उन्हें वहां पर बैड मिल सकेगा और वह परेशानी महसूस नहीं करेंगे. वार्ड में शिफ्ट किये जाने तक मरीज वहां पर भी आराम से रह सकेंगे.

प्रशासनिक अधिकारी डॉ. राहुल गुप्ता ने बताया

आईजीएमसी शिमला के प्रशासनिक अधिकारी डॉ. राहुल गुप्ता ने बताया कि इमरजेंसी वार्ड में मरीजाें की तकलीफ काे देखते हुए अब 40 नए बैड लगा दिए गए हैं. अब मरीजाें काे केवल इमरजेंसी तक जाने के लिए स्ट्रेचर की जरूरत पड़ेगी.

वहां पर उन्हें आसानी से बैड मिल जाएगा. इससे पहले इमरजेंसी में मरीजाें काे स्ट्रेचर पर भी कई बार दाे दिन तक रहना पड़ता था. नए लगाए गए बैड आरामदायक है, जिस पर मरीज काे काेई परेशानी नहीं हाेगी.

ये भी पढ़ेंः- सिरमौर: पंचायत निकाय चुनाव में BJP को भारी जनमत, मंत्री बोले- जनता का भाजपा पर भरोसा

Last Updated : Feb 7, 2021, 6:16 PM IST
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