ETV Bharat / state

IGMC में फर्जी ज्वाइनिंग लेटर के साथ पहुंचे 4 लोग, जांच में जुटी पुलिस

author img

By

Published : Feb 19, 2020, 8:14 AM IST

आईजीएमसी में फर्जी ज्वाइनिंग का मामला सामने आया है. आईजीमएसी शिमला में मंगलवार को चार लोग ज्वाइनिंग लेटर लेकर पहुंच गए. वहीं, अस्पताल प्रशासन को बिना किसी पूर्व सूचना के ज्वाइनिंग लेटर का जारी होने से इन लोगों पर शक हुआ. जिसके पुलिस को सुचित कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है.

people caught with fake job application in IGMC shimla
IGMC में फर्जी ज्वाइनिंग का मामला

शिमलाः आईजीएमसी में फर्जी ज्वाइनिंग का मामला सामने आया है. आईजीमएसी शिमला में मंगलवार को चार लोग ज्वाइनिंग लेटर लेकर पहुंच गए. वहीं, अस्पताल प्रशासन को बिना किसी पूर्व सूचना के ज्वाइनिंग लेटर का जारी होने से इन लोगों पर शक हुआ. जिसके पुलिस को सुचित कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है.

जानकारी के अनुसार नौकरी की चाह में चंबा के चार लोग अस्पताल प्रशासन के पास जब पहुंचे तो प्रशासन ने जांच के दौरान ज्वाइनिंग लेटरर्स को फर्जी करार दे दिया. साथ ही अस्पताल प्रशासन के ज्वाइनिंग लेटर से संबंधित पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देने में भी यह लोग असमर्थ रहे.

आईजीएमसी में नौकरी के लिए पहुंचे लोगों में से तीन लोग पैरामेडिकल स्टाफ के पद लिए और एक स्टाफ नर्स के पद के लिए पहुंचे हुए थे. बताया जा रहा है कि ये लेटर प्रिंसिपल आईजीमएसी, प्रिंसिपल टांडा मेडिकल कॉलेज और चंबा मेडिकल कॉलेज की ओर से जारी किए गए थे. साथ ही लेटर में डिप्टी एमएस की फर्जी स्टाम्प भी लगी हुई थी.

अस्पताल एमएस डॉ. जनकराज ने बताया कि ज्वाइनिंग लेटर की विस्तारपूर्वक छानबीन की जा रही है. मामले के बारे में एसपी शिमला ओमापति जम्वाल को सूचित कर दिया गया है. मामले में दाषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

वहीं, आईजीएमसी शिमला में कुछ समय पहले तक डिप्टी एमएस पद को प्रशासनिक कारणों की वजह से अब यह पद खत्म कर दिया गया है. अस्पताल प्रशासन ने लोगों से आग्रह किया है कि डिप्टी एमएस आईजीमएसी के नाम से जारी किसी भी प्रकार का लैटर मान्य नहीं होगा. इस प्रकार की सूचना या मामला ध्यान में आने पर तुरंत पुलिस को सूचित किया जाए.

बता दें कि आईजीएमसी शिमला में वरिष्ठ सहायकों के 8, जूनियर असिस्टेंट के 20, जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (आईटी) के 27, फार्मासिस्ट के 12, लैब असिस्टेंट के 27, मेडिकल लैब टेक्निशियन के 8, स्टाफ नर्स के 208, वार्ड सिस्टर के 14, प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर. और असिस्टेंट प्रोफेसर के करीब 60 पद के साथ-साथ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के करीब 30 पद खाली हैं. सैकड़ों पद खाली रहने के चलते मौजूदा समय में कार्यरत स्टाफ के कई बार अतिरिक्त कार्यभार भी झेलना पड़ता है.

ये भी पढ़ें: IGMC में नहीं होंगे हार्ट ऑपरेशन, मरीज परेशान

शिमलाः आईजीएमसी में फर्जी ज्वाइनिंग का मामला सामने आया है. आईजीमएसी शिमला में मंगलवार को चार लोग ज्वाइनिंग लेटर लेकर पहुंच गए. वहीं, अस्पताल प्रशासन को बिना किसी पूर्व सूचना के ज्वाइनिंग लेटर का जारी होने से इन लोगों पर शक हुआ. जिसके पुलिस को सुचित कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है.

जानकारी के अनुसार नौकरी की चाह में चंबा के चार लोग अस्पताल प्रशासन के पास जब पहुंचे तो प्रशासन ने जांच के दौरान ज्वाइनिंग लेटरर्स को फर्जी करार दे दिया. साथ ही अस्पताल प्रशासन के ज्वाइनिंग लेटर से संबंधित पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देने में भी यह लोग असमर्थ रहे.

आईजीएमसी में नौकरी के लिए पहुंचे लोगों में से तीन लोग पैरामेडिकल स्टाफ के पद लिए और एक स्टाफ नर्स के पद के लिए पहुंचे हुए थे. बताया जा रहा है कि ये लेटर प्रिंसिपल आईजीमएसी, प्रिंसिपल टांडा मेडिकल कॉलेज और चंबा मेडिकल कॉलेज की ओर से जारी किए गए थे. साथ ही लेटर में डिप्टी एमएस की फर्जी स्टाम्प भी लगी हुई थी.

अस्पताल एमएस डॉ. जनकराज ने बताया कि ज्वाइनिंग लेटर की विस्तारपूर्वक छानबीन की जा रही है. मामले के बारे में एसपी शिमला ओमापति जम्वाल को सूचित कर दिया गया है. मामले में दाषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

वहीं, आईजीएमसी शिमला में कुछ समय पहले तक डिप्टी एमएस पद को प्रशासनिक कारणों की वजह से अब यह पद खत्म कर दिया गया है. अस्पताल प्रशासन ने लोगों से आग्रह किया है कि डिप्टी एमएस आईजीमएसी के नाम से जारी किसी भी प्रकार का लैटर मान्य नहीं होगा. इस प्रकार की सूचना या मामला ध्यान में आने पर तुरंत पुलिस को सूचित किया जाए.

बता दें कि आईजीएमसी शिमला में वरिष्ठ सहायकों के 8, जूनियर असिस्टेंट के 20, जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (आईटी) के 27, फार्मासिस्ट के 12, लैब असिस्टेंट के 27, मेडिकल लैब टेक्निशियन के 8, स्टाफ नर्स के 208, वार्ड सिस्टर के 14, प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर. और असिस्टेंट प्रोफेसर के करीब 60 पद के साथ-साथ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के करीब 30 पद खाली हैं. सैकड़ों पद खाली रहने के चलते मौजूदा समय में कार्यरत स्टाफ के कई बार अतिरिक्त कार्यभार भी झेलना पड़ता है.

ये भी पढ़ें: IGMC में नहीं होंगे हार्ट ऑपरेशन, मरीज परेशान

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.