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मंडी में बेमौसमी बारिश का असर: 20 प्रतिशत गेहूं की फसल बर्बाद, 7 करोड़ 55 लाख का नुकसान - मंडी में बारिश से फसलों को नुकसान

मंडी जिले में इस बार बेमौसमी बारिश के चलते 20 प्रतिशत कम गेहूं की फसल होगी. फसल कम होने को लेकर जहां,किसानों में चिंता है.वहीं, अधिकारियों का कहना है कि 7 करोड़ से ज्यादा के नुकसान का अनुमान लगया गया है.

मंडी में बेमौसमी बारिश का असर
मंडी में बेमौसमी बारिश का असर
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Published : Apr 24, 2023, 10:19 AM IST

20 प्रतिशत गेहूं की फसल बर्बाद

मंडी: जिले के किसान इस बार मौसम की बेरुखी से परेशान नजर आ रहे हैं. गेहूं की बुवाई के लिए जिस वक्त बारिश की जरूरत थी, उस वक्त बारिश नहीं हुई और अब जब थोड़ी बहुत फसल पककर तैयार हुई तो, उस पर बेमौसमी बारिश ने फसल को प्रभावित कर दिया. कृषि विभाग के अधिकारी मानते हैं कि करीब 20 प्रतिशत गेहूं इस बार कम होगी.

लागत नहीं मिल पाएगी: जिले के बल्द्वाड़ा तहसील के किसानों ने बताया कि मौसम की बेरुखी के कारण उनकी फसल की सही पैदावार नहीं हो पाई. वहीं, किसान क्षेत्र में आवारा जानवरों के आतंक को भी फसल बर्बादी के लिए जिम्मेदार मानते हैं. कुछ किसानों का कहना है कि इस बार उन्हें लागत भी प्राप्त नहीं हो पाएगी. किसानों ने सरकार से मुआवजे की गुहार लगाई है.

7 करोड़ 55 लाख का नुकसान: कृषि विभाग के उपनिदेशक राजेश डोगरा ने बताया कि मौसम की मार के कारण जिले में अभी तक 7 करोड़ 55 लाख के नुकसान का अनुमान लगया गया है. जिले में 62 हजार हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की फसल की बुवाई की जाती है , जिससे 1 लाख 15 हजार मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन का होता है. इस वर्ष 1 लाख 8 हजार 750 मीट्रिक टन उत्पादन का अनुमान लगाया जा रहा है.

6250 मीट्रिक टन का उत्पादन कम: 6250 मीट्रिक टन का उत्पादन कम होने का अनुमान लगाया गया है,जोंकि 20 प्रतिशत के करीब है. राजेश डोगरा ने बताया कि फसल बुवाई के समय बारिश नहीं हुई और अब जब फसल पककर तैयार हो गई तो बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसल को नुकसान पहुंचा. उन्होंने किसानों से ऐसी प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेने का सुझाव दिया है.

ये भी पढ़ें : CM के गृह जिला मंडी में बरसात से 25 करोड़ का नुकसान, लोगों ने सरकार से की ये मांग

20 प्रतिशत गेहूं की फसल बर्बाद

मंडी: जिले के किसान इस बार मौसम की बेरुखी से परेशान नजर आ रहे हैं. गेहूं की बुवाई के लिए जिस वक्त बारिश की जरूरत थी, उस वक्त बारिश नहीं हुई और अब जब थोड़ी बहुत फसल पककर तैयार हुई तो, उस पर बेमौसमी बारिश ने फसल को प्रभावित कर दिया. कृषि विभाग के अधिकारी मानते हैं कि करीब 20 प्रतिशत गेहूं इस बार कम होगी.

लागत नहीं मिल पाएगी: जिले के बल्द्वाड़ा तहसील के किसानों ने बताया कि मौसम की बेरुखी के कारण उनकी फसल की सही पैदावार नहीं हो पाई. वहीं, किसान क्षेत्र में आवारा जानवरों के आतंक को भी फसल बर्बादी के लिए जिम्मेदार मानते हैं. कुछ किसानों का कहना है कि इस बार उन्हें लागत भी प्राप्त नहीं हो पाएगी. किसानों ने सरकार से मुआवजे की गुहार लगाई है.

7 करोड़ 55 लाख का नुकसान: कृषि विभाग के उपनिदेशक राजेश डोगरा ने बताया कि मौसम की मार के कारण जिले में अभी तक 7 करोड़ 55 लाख के नुकसान का अनुमान लगया गया है. जिले में 62 हजार हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की फसल की बुवाई की जाती है , जिससे 1 लाख 15 हजार मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन का होता है. इस वर्ष 1 लाख 8 हजार 750 मीट्रिक टन उत्पादन का अनुमान लगाया जा रहा है.

6250 मीट्रिक टन का उत्पादन कम: 6250 मीट्रिक टन का उत्पादन कम होने का अनुमान लगाया गया है,जोंकि 20 प्रतिशत के करीब है. राजेश डोगरा ने बताया कि फसल बुवाई के समय बारिश नहीं हुई और अब जब फसल पककर तैयार हो गई तो बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसल को नुकसान पहुंचा. उन्होंने किसानों से ऐसी प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेने का सुझाव दिया है.

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